केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन पर हो सकता है बेनामी संपत्ति कानून का पहला केस दर्ज।
एक पर एक धूर्त भरे है केजरीवाल के छोटे से पार्टी में। एक विधायक बलात्कार का आरोपी है तो दूसरा फर्जी डिग्रीधारी का आरोपी है तो तीसरा हवाला कारोबार का आरोपी है। लगता है ऐसे ही सारे नगीनों से केजरीवाल ने अपने उंगली को सजा रखा है।
फिर भी हमारे प्रगतिशील मिडिया को देखिए कितनी बेशर्मी से कहता है, केजरीवाल एक नयी राजनीती को शुरुआत करने आया है। यदि यही नयी राजनीती है तो इसके मौत की हीं कामना किया जा सकता है।
अब "सतेंद्र जैन" को ही लीजिए इसके बारे में आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि जैन से जुड़ी कंपनियों में हवाला के रास्ते करोड़ों रुपये आए और उनसे दिल्ली के विभिन्न भागों में 200 एकड़ से अधिक की जमीन खरीदी गई। इन जमीनों के रजिस्ट्री के पेपरों पर सत्येंद्र जैन के फोटो तक लगे हैं। आयकर विभाग इन्हें सत्येंद्र जैन की बेनामी संपत्ति मान रहा है। विभाग ने कहा कि अब तक की जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि इस जानकारी को सत्येंद्र जैन ने चुनाव आयोग से भी छिपाया है। बेनामी संपत्ति कानून के तहत केस दर्ज होने की स्थिति में आयकर विभाग इन संपत्तियों को जब्त कर सकता है। अदालत में बेनामी संपत्ति साबित होने के बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।
दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन पर मनी लॉड्रिंग का मामला भी बनता दिखाई दे रहा है। जांच में जुटे अधिकारी का कहना है कि सत्येंद्र जैन की स्वामित्व वाली कंपनी मंगलायतन प्रोजेक्ट्स, पारस इंफोसाल्यूशंस और अकिंचन डेवलपर्स में हवाला के मार्फत करोड़ों रुपये उनके दिल्ली सरकार में मंत्री बनने के बाद भी आए थे। लोकसेवक बनने के बाद आए इस धन को आय से अधिक संपत्ति मानते हुए सीबीआई उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा कर सकती है।
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