दूल्हा बनल श्रीराम हे
चलु सखि हिलि-मिलि जनक के आँगन, दूल्हा बनल श्रीराम हे। -२
द्वि ही किशोर बीच आयला वशिष्ठ गुरु-२, एक गोर एक छथि श्याम हे।
चलू सखि हिलि-मिलि जनक के आँगन…………………………।
देश-विदेश केर भूप सब आयला सखी -२ , गुर खाके गेला निज धाम हे।
जे शिव धनुष छु$बैत काल टूटि गेल, रहि गेल सिया जी के मान हे।
दूल्हा बनल श्री राम हे…………………………।
रंग-विरंग केर बाजि गेल साज$ सखि-२, बरसल सुम$न आकाश हे।
देहिक वैदिक आहि सखि मिट गेल, मिट गेल तीनों पाप हे।
दूल्हा बनल श्री राम हे…………………………।
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