उत्तराखंड के जिन नौनिहालों को “रामपुर तिराहा कांड” याद होगा या अपने बड़ों से उस ह्रदय विदारक दास्तान को सुना होगा वो कभी भी “समाजवादी पार्टी” और उसके पालकी ढोनेवाले पार्टी “कांग्रेस” को वोट नहीं देगा।
मुजफ्फरनगर के रामपुर तिहारा में उस दिन मानवता को शर्मसार कर देनेवाला घटना घटा था। जो इतिहास के पन्नों में "रामपुर तिहारा कांड" के नाम से जाना जाता है। और उस घटना का खलनायक कोई और नहीं आज के कांग्रेस पार्टी का परम मित्र समाजवादी पार्टी का मुखिया मुलायम सिंह यादव था। मुलायम सिंह यादव के आदेश पर हीं रात में सोते हुए हजारों स्त्री-पुरुष, बूढ़े-बच्चे को पीटा गया। औरतों को गन्ने के खेत में ले जाकर छेड़खानी किया गया, कुछ अबला का बलात्कार भी किया गया। उनलोगों का अपराध था, “उत्तराखंड के नाम से अलग राज्य के गठन की मांग”।
क्या ऐसे हत्यारे-बलात्कारी पार्टी और उसके समर्थक को कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति कभी वोट दे सकता है ?
क्या हुआ था उस दिन रामपुर तिहारा में ?
2 अक्टूबर 1994 को जब सारा देश अहिंसा के पुजारी का महात्मा गाँधी का जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहा था। उस समय उत्तरप्रदेश का तत्कालीन शासक मुलायम सिंह यादव जनरल डायर की तरह मुजफ्फरनगर जिले के “रामपुर तिराहा” पर उत्तराखंड राज्य के लिए आंदोलन कर रहे आंदोलन कारियों पर लाठी-डंडो और गोलियों की बरसात करवा रहा था। ये आंदोलनकारी २ ऑक्टूबर गाँधी जयंती के दिन दिल्ली में अलग राज्य के लिए धरना देने के लिए निकले थे। मुलायम सिंह यादव अलग उत्तराखंड राज्य के घोर बिरोधी थे, उन्होंने आंदोलनकारियों को दिल्ली नहीं पहुँचाने देने के लिए रामपुर तिराहा पर ही सबको रोक लिया। फिर रात के अँधेरे में जो हैवानियत बुआ सिंह के नेतृत्व में मुलायम सिंह का पुलिस ने दिखाया मानवता को शर्मसार कर दिया। आंदोलनकारियों पर पुलिस कहर बनकर टुटा, महिलाओं बच्चों को भी नहीं छोड़ा। सात लोग मारे गए, सैकड़ों लोग घायल हुए, महिलाओं से छेड़खानी और बलात्कार हुआ। इतने बड़े वीभत्स कांड में आज तक किसी पर दोष निर्धारित नहीं हुआ, सजा तो बहुत दूर की बातें है। हाँ इस आंदोलन और बलिदान के बाद सन 2000 में अलग उत्तराखंड राज्य तो बन गया लेकिन वहां के आंदोलनकारियों को अभी तक इंसाफ नहीं मिला।
रामपुर तिहारा कांड के शहीदों की सूची:
शहीद स्व. राजेश लखेड़ा (24) पुत्र दर्शन सिंह लखेड़ा, अजबपुर कलां, देहरादून।
शहीद स्व. रवीन्द्र सिंह रावत (22) पुत्र कुन्दन सिंह रावत, बी.20, नेहरू कॉलोनी, देहरादून।
शहीद स्व. गिरीश भद्री (21) पुत्र वाचस्पति भद्री, अजबपुर खुर्द, देहरादून।
शहीद स्व. सूर्य प्रकाश थपलियाल (20) पुत्र चिन्तामणि थपलियाल, चौदह बीघा, मुनि की रेती, ऋषिकेश।
शहीद स्व. रवीन्द्र सिंह रावत (22) पुत्र कुन्दन सिंह रावत, बी.20, नेहरू कॉलोनी, देहरादून।
शहीद स्व. गिरीश भद्री (21) पुत्र वाचस्पति भद्री, अजबपुर खुर्द, देहरादून।
शहीद स्व. सूर्य प्रकाश थपलियाल (20) पुत्र चिन्तामणि थपलियाल, चौदह बीघा, मुनि की रेती, ऋषिकेश।
शहीद स्व. राजेश नेगी (20) पुत्र महावीर सिंह नेगी, भानियावाला, देहरादून।
शहीद स्व. सतेन्द्र चौहान (16) पुत्र जोध सिंह चौहान, ग्राम हरिपुर, सेलाकुई, देहरादून।
शहीद स्व. अशोक कुमार केशव पुत्र शिव प्रसाद शिव मन्दिर मार्ग, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग।
शहीद स्व. सतेन्द्र चौहान (16) पुत्र जोध सिंह चौहान, ग्राम हरिपुर, सेलाकुई, देहरादून।
शहीद स्व. अशोक कुमार केशव पुत्र शिव प्रसाद शिव मन्दिर मार्ग, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग।
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