राजा जनक जी
राजा जनक जी -२,
कठिन प्रण ठानल आहो राम रामा !
दुवारही राखल धनुखिया आहो राम रामा -२!!
राजा जनक जी -३ कठिन प्रण ठानल ----------
जे एही धनुखा के तोरि के राखत-2 आहो राम रामा !
सीता जी के व्याही ले जैत आहो राम रामा !!
राजा जनक जी -३ कठिन प्रण ठानल ----------
देसही बीदेश केर भूप सब आओल -2 आहो राम रामा !
धनुखा के छूबी–छूबी जायत, आहो राम रामा !!
राजा जनक जी -३ कठिन प्रण ठानल ----------
मुनीजीक संग द्वी बालक आओल-2 आहो राम रामा !
धनुखा तोरल श्री राम, आहो राम रामा !!
राजा जनक जी -३ कठिन प्रण ठानल ----------
राजा जनक जी -३ कठिन प्रण ठानल ----------
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