भारत का सबसे बड़ा डिजिटल ठगी : नोएडा के डिजिटल ठग ने सपने दिखाकर लाखों लोगों का जीवन किया बर्बाद, ऑनलाइन कमाई का झांसा देकर लोगों को 3700 करोड़ का चूना लगाया।
घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से मोटी कमाई का लालच देकर सात लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार को नोएडा के सेक्टर-63 से छापा मारकर फर्जी कंपनी चला रहे मालिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने इनके दर्जन भर बैंक खातों में जमा 524 करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी।
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान किशनगंज पिलखुआ निवासी अनुभव मित्तल, कांति नगर मशूलीबडडा विशाखापटनम आंध्र प्रदेश निवासी श्रीधर प्रसाद और कमई बरसाना मथुरा निवासी महेश दयाल के रूप में हुई है।
श्रीधर फिलहाल नोएडा के सेक्टर-53 बी-53 में रह रहा था। आरोपी सेक्टर-63 एफ-472 में एबलेज इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी आईटी कंपनी चला रहे थे।
socialtrade.biz के नाम से ऑनलाइन सोशल मीडिया पोर्टल बनाकर लोगों को चूना लगाया जा रहा था। ग्रेटर नोएडा से बीटेक की पढ़ाई कर चुका अनुभव मित्तल इस फर्जी कंपनी का मालिक और पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है। एमबीए कर चुका श्रीधर कंपनी का सीईओ है और महेश टेक्निकल हेड के पद पर कार्यरत था
।
एसटीएफ के एसएसपी ने बताया कि कंपनी ने एक प्राइवेट कंपनी से 12 सर्वर किराये पर ले रखे हैं जो गाजियाबाद के राज नगर इलाके में मौजूद हैं। सर्वर को सीज किए गए हैं। लखनऊ फॉरेंसिक लैब के उप निदेशक डॉ. अरुण शर्मा और वरिष्ठ वैज्ञानिक सौरभ गुप्ता के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम सर्वर और कंपनी से वैज्ञानिक साक्ष्य (साइंटिफिक एविडेंस) एकत्र कर रही है।
साथ ही, ये टीम सर्वर और कंपनी के कंप्यूटरों से डिलीट किया गया डाटा भी रिकवर करेगी। कंपनी के सर्वर से अभी तक जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से ये लोग अब तक सात लाख से ज्यादा लोगों से 3726 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। अब भी इनके खातों में 524 करोड़ रुपये जमा हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
ऐसे करते थे ठगी
एसटीएफ के अनुसार, आरोपी लोगों को चार स्कीम 5750 रुपये, 11500 रुपये, 28750 रुपये या 57500 रुपये देने पर अपना सदस्य बनाते थे। इसके बाद उन्हें अपने सोशल मीडिया पोर्टल पर लॉग इन आईडी देते थे। लॉग इन के जरिये सदस्यों को स्कीम के हिसाब से 10, 20, 50 या 125 लिंक लाइक करने को दिए जाते थे। प्रत्येक लिंक पर लाइक करने के लिए सदस्यों को पांच रुपये का भुगतान किया जाता था। जबकि कंपनी एक रुपये खुद कमीशन के तौर पर रखती थी।
साथ ही, ये टीम सर्वर और कंपनी के कंप्यूटरों से डिलीट किया गया डाटा भी रिकवर करेगी। कंपनी के सर्वर से अभी तक जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से ये लोग अब तक सात लाख से ज्यादा लोगों से 3726 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। अब भी इनके खातों में 524 करोड़ रुपये जमा हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
ऐसे करते थे ठगी
एसटीएफ के अनुसार, आरोपी लोगों को चार स्कीम 5750 रुपये, 11500 रुपये, 28750 रुपये या 57500 रुपये देने पर अपना सदस्य बनाते थे। इसके बाद उन्हें अपने सोशल मीडिया पोर्टल पर लॉग इन आईडी देते थे। लॉग इन के जरिये सदस्यों को स्कीम के हिसाब से 10, 20, 50 या 125 लिंक लाइक करने को दिए जाते थे। प्रत्येक लिंक पर लाइक करने के लिए सदस्यों को पांच रुपये का भुगतान किया जाता था। जबकि कंपनी एक रुपये खुद कमीशन के तौर पर रखती थी।
शुरुआती जांच में एसटीएफ को इस फर्जी कंपनी के सर्वर से ही एक लाख ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिसमें उनके पैसे न मिलने की बात कही गई है। कंपनी के खिलाफ नोएडा के फेज-तीन थाने में एक फरवरी 2017 को दिल्ली निवासी पूजा और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर थाने में 31 जनवरी 2017 को दिनेश सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
एसटीएफ द्वारा पकड़ी गई फर्जी कंपनी एबलेज इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2015 में सबसे तेजी से विकास करने वाली कंपनी का पुरस्कार भी मिला था।
इतना ही नहीं एबलेज कंपनी के मालिक अनुभव मित्तल ने धोखाधड़ी से कमाई रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी। कंपनी के फेसबुक पेज पर अनुभव की एक केंद्रीय मंत्री के साथ फोटो भी है। कंपनी का नोएडा में आलीशान ऑफिस है जिसमें लगभग 100 कर्मचारी काम करते हैं।
चंडीगढ़ के एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक कई नामी संस्थाओं द्वारा एबलेज को सबसे तेजी से विकास करने वाली कंपनी नामित किया गया था। वर्ष 2016 में दीपावली के मौके पर राष्ट्रपति आवास की तरफ से उसे उपहार भी भेजा गया था।
एक प्रमुख बैंक के कंट्री हेड ने अनुभव से विशेष मुलाकात की थी। इतना ही नहीं अनुभव ने भारतीय सेना के लिए अनुदान भी दिया था। आईटी क्षेत्र में तेजी से तरक्की करने पर एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने उसे रात के खाने पर आमंत्रित भी किया था।
अनुभव की शानो-शौकत की कहानी राजनीति तक ही सीमित नहीं थी। उसने कुछ समय पूर्व दिल्ली में कंपनी की लॉचिंग के लिए सनी लियोनी और अमीषा पटेल को आमंत्रित किया था। इसके अलावा भी यू-ट्यूब और सोशल नेटवर्किंग साइट पर अनुभव की कई नामी हस्तियों के साथ फोटो और वीडियो मौजूद हैं।
इतना ही नहीं एबलेज कंपनी के मालिक अनुभव मित्तल ने धोखाधड़ी से कमाई रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी। कंपनी के फेसबुक पेज पर अनुभव की एक केंद्रीय मंत्री के साथ फोटो भी है। कंपनी का नोएडा में आलीशान ऑफिस है जिसमें लगभग 100 कर्मचारी काम करते हैं।
चंडीगढ़ के एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक कई नामी संस्थाओं द्वारा एबलेज को सबसे तेजी से विकास करने वाली कंपनी नामित किया गया था। वर्ष 2016 में दीपावली के मौके पर राष्ट्रपति आवास की तरफ से उसे उपहार भी भेजा गया था।
एक प्रमुख बैंक के कंट्री हेड ने अनुभव से विशेष मुलाकात की थी। इतना ही नहीं अनुभव ने भारतीय सेना के लिए अनुदान भी दिया था। आईटी क्षेत्र में तेजी से तरक्की करने पर एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने उसे रात के खाने पर आमंत्रित भी किया था।
अनुभव की शानो-शौकत की कहानी राजनीति तक ही सीमित नहीं थी। उसने कुछ समय पूर्व दिल्ली में कंपनी की लॉचिंग के लिए सनी लियोनी और अमीषा पटेल को आमंत्रित किया था। इसके अलावा भी यू-ट्यूब और सोशल नेटवर्किंग साइट पर अनुभव की कई नामी हस्तियों के साथ फोटो और वीडियो मौजूद हैं।
एबलेज कंपनी के पास ISO 9001:2008 प्रमाण पत्र भी है। ये प्रमाण पत्र नोएडा सेक्टर-दो स्थित एलीट सर्टिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा 17 अक्तूबर 2014 को जारी किया गया था, जो 16 अक्टूबर 2017 तक के लिए मान्य है। 7 सितंबर 2010 को एबलेज इन्फो कंपनी का पंजीकरण दिल्ली में कराया गया था।
इसमें कंपनी का पता चांदनी चौक का दिया गया है, जबकि उस पते पर कंपनी का कोई काम नहीं होता है और न ही कोई ऑफिस है। इसके अलावा कंपनी लोगों द्वारा काटा जाने वाला टीडीएस आयकर विभाग में भी जमा कराती थी।
सर्विस टैक्स विभाग में भी कंपनी ने टैक्स जमा कराया है। एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक के अनुसार, दस्तावेज में कंपनी की तरफ से फिलहाल कोई कमी नहीं मिली है, लेकिन कंपनी जिस मॉड्यूल पर बिजनेस कर रही थी, वही फर्जी है। इसलिए कंपनी के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है।
इसमें कंपनी का पता चांदनी चौक का दिया गया है, जबकि उस पते पर कंपनी का कोई काम नहीं होता है और न ही कोई ऑफिस है। इसके अलावा कंपनी लोगों द्वारा काटा जाने वाला टीडीएस आयकर विभाग में भी जमा कराती थी।
सर्विस टैक्स विभाग में भी कंपनी ने टैक्स जमा कराया है। एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक के अनुसार, दस्तावेज में कंपनी की तरफ से फिलहाल कोई कमी नहीं मिली है, लेकिन कंपनी जिस मॉड्यूल पर बिजनेस कर रही थी, वही फर्जी है। इसलिए कंपनी के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है।
कुछ वर्ष तक अनुभव कंपनी से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का काम बहुत छोटे स्तर पर करता रहा। वर्ष 2012 से 2015 के बीच कंपनी ने मात्र तीन-चार लाख रुपये का व्यवसाय किया।
इसके बाद अनुभव ने अगस्त 2015 में सोशल ट्रेड डॉट बिज नाम से ऑनलाइन पोर्टल बनाकर फर्जीवाड़े की शुरुआत कर दी। वर्ष 2015 में कंपनी ने नौ लाख का व्यवसाय किया। वर्ष 2016 में व्यवसाय बढ़कर 26 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो वर्ष 2017 में 3726 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया।
पिता और पत्नी पर भी आरोप
एसटीएफ का कहना है कि अनुभव ने कंपनी में पिता और पत्नी को भी जोड़ रखा था। पिलखुआ हापुड़ में मित्तल इलेक्ट्रॉनिक्स नाम से दुकान चलाने वाले अनुभव के पिता सुनील मित्तल कंपनी के पूर्व निदेशक हैं। अनुभव की पत्नी आयुषी अग्रवाल फिलहाल कंपनी में निदेशक है। पुलिस को सुनील और आयुषी के साथ कंपनी के सह निदेशक सन्नी मेहता की भी तलाश है। इसके अलावा एसटीएफ कंपनी के सभी अधिकारियों के बैंक खाते, यूआरएल और सीपीयू की भी वैज्ञानिक तरीके से जांच कर रही है।
इसके बाद अनुभव ने अगस्त 2015 में सोशल ट्रेड डॉट बिज नाम से ऑनलाइन पोर्टल बनाकर फर्जीवाड़े की शुरुआत कर दी। वर्ष 2015 में कंपनी ने नौ लाख का व्यवसाय किया। वर्ष 2016 में व्यवसाय बढ़कर 26 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो वर्ष 2017 में 3726 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया।
पिता और पत्नी पर भी आरोप
एसटीएफ का कहना है कि अनुभव ने कंपनी में पिता और पत्नी को भी जोड़ रखा था। पिलखुआ हापुड़ में मित्तल इलेक्ट्रॉनिक्स नाम से दुकान चलाने वाले अनुभव के पिता सुनील मित्तल कंपनी के पूर्व निदेशक हैं। अनुभव की पत्नी आयुषी अग्रवाल फिलहाल कंपनी में निदेशक है। पुलिस को सुनील और आयुषी के साथ कंपनी के सह निदेशक सन्नी मेहता की भी तलाश है। इसके अलावा एसटीएफ कंपनी के सभी अधिकारियों के बैंक खाते, यूआरएल और सीपीयू की भी वैज्ञानिक तरीके से जांच कर रही है।
एसटीएफ के अनुसार, कंपनी का सीईओ श्रीधर प्रसाद वर्ष 2005 से 2009 के बीच आईबीएम में कंट्री हेड के तौर पर बंगलूरू में सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन का काम कर चुका है। वर्ष 2010 में ओरेकिल कंपनी के नाइजीरिया ऑफिस में सहायक बिजनेस डेवलपर के रूप में काम किया।
वष 2013 में बंगलूरू वापस आकर उसने मूव एंड सिंक नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। स्टार्टअप सफल न रहने पर श्रीधर 2014 में वापस नाइजीरिया ओरेकिल कंपनी में लौट गया। श्रीधर की पत्नी ने 2016 में SocialTrade.biz में सदस्यता ली थी।
बिजनेस मॉडल को समझने के लिए श्रीधर कई बार अनुभव मित्तल से मिला। लगभग छह माह पूर्व उसने अनुभव की कंपनी में बतौर सीईओ नौकरी शुरू कर दी। श्रीधर ने 1994 में कॉमर्स से स्नातक किया था। इसके बाद एनआईए इंस्टीट्यूट से एमबीए किया।
वष 2013 में बंगलूरू वापस आकर उसने मूव एंड सिंक नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। स्टार्टअप सफल न रहने पर श्रीधर 2014 में वापस नाइजीरिया ओरेकिल कंपनी में लौट गया। श्रीधर की पत्नी ने 2016 में SocialTrade.biz में सदस्यता ली थी।
बिजनेस मॉडल को समझने के लिए श्रीधर कई बार अनुभव मित्तल से मिला। लगभग छह माह पूर्व उसने अनुभव की कंपनी में बतौर सीईओ नौकरी शुरू कर दी। श्रीधर ने 1994 में कॉमर्स से स्नातक किया था। इसके बाद एनआईए इंस्टीट्यूट से एमबीए किया।
एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि हमें सोशल मीडिया पर कंपनी के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। कुछ लोगों ने मौखिक रूप से भी शिकायत की थी। एसटीएफ के लिए भी इस तरह का ये पहला केस है, इसलिए कार्रवाई करने से पहले बहुत से विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया।
साथ ही, कंपनी के बैंक खाते भी खंगाले गए। बैंक से कंपनी के खातों की जानकारी लेने पर आरोपियों को पता चल जा रहा था कि एसटीएफ ने उनकी जांच शुरू कर दी है। लिहाजा, आरोपियों ने धीरे-धीरे अपना पैसा दूसरों खातों में हस्तांतरित करना शुरू कर दिया था।
ऐसे में एसटीएफ ने उन खातों को भी सीज किया है, जिसमें रकम ट्रांसफर की गई थी। अब संबंधित बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। आरोपियों का राजनगर गाजियाबाद में कोटक महिंद्रा बैंक में एक खाता, राजनगर के यस बैंक में दो खाते, राजनगर एक्सिस बैंक में दो खाते, केनरा बैंक में तीन खातों की जानकारी मिली है। केनरा बैंक में 480 करोड़ रुपये और यस बैंक में 44 करोड़ रुपये जमा हैं। इसे एसटीएफ ने जब्त किया है।
साथ ही, कंपनी के बैंक खाते भी खंगाले गए। बैंक से कंपनी के खातों की जानकारी लेने पर आरोपियों को पता चल जा रहा था कि एसटीएफ ने उनकी जांच शुरू कर दी है। लिहाजा, आरोपियों ने धीरे-धीरे अपना पैसा दूसरों खातों में हस्तांतरित करना शुरू कर दिया था।
ऐसे में एसटीएफ ने उन खातों को भी सीज किया है, जिसमें रकम ट्रांसफर की गई थी। अब संबंधित बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। आरोपियों का राजनगर गाजियाबाद में कोटक महिंद्रा बैंक में एक खाता, राजनगर के यस बैंक में दो खाते, राजनगर एक्सिस बैंक में दो खाते, केनरा बैंक में तीन खातों की जानकारी मिली है। केनरा बैंक में 480 करोड़ रुपये और यस बैंक में 44 करोड़ रुपये जमा हैं। इसे एसटीएफ ने जब्त किया है।
एसटीएफ ने इसकी सूचना आरबीआई, आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और सेबी को भी दी है। सूचना मिलने के बाद गुरुवार को ही आयकर विभाग की एक टीम ने सूरजपुर स्थित एसटीएफ कार्यालय पहुंचकर आरोपियों से पूछताछ भी की।
जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय और सेबी भी मामले में जांच शुरू कर सकता है। एसटीएफ मामले में आगे की जांच के लिए इस एफआईआर को लखनऊ में अपने थाने में ट्रांसफर कराएगी।
पैसे वापस पाने के लिए करें शिकायत
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि जो भी लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, वह अपनी रकम वापस पाने के लिए संबंधित दस्तावेज के साथ पुलिस से शिकायत करें। जल्द ही एसटीएफ पीड़ितों की शिकायत प्राप्त करने के लिए एक ईमेल आईडी भी जारी करेगी।
एसटीएफ कंपनी के सर्वर से धोखाधड़ी का शिकार हुए सभी लोगों का नंबर प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। इनके मोबाइल नंबर पर बल्क एसएमएस के जरिये एसटीएफ शिकायत देने या केस की प्रगति आदि की सूचना भेजेगी।
ज्यादा से ज्यादा लोगों का पैसा वापस मिल सके इसके लिए एसटीएफ कोर्ट की अनुमति से आरोपियों की संपत्ति भी कुर्क करेगी। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी और महंगी गाड़ियां खरीद रखी हैं।
जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय और सेबी भी मामले में जांच शुरू कर सकता है। एसटीएफ मामले में आगे की जांच के लिए इस एफआईआर को लखनऊ में अपने थाने में ट्रांसफर कराएगी।
पैसे वापस पाने के लिए करें शिकायत
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि जो भी लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, वह अपनी रकम वापस पाने के लिए संबंधित दस्तावेज के साथ पुलिस से शिकायत करें। जल्द ही एसटीएफ पीड़ितों की शिकायत प्राप्त करने के लिए एक ईमेल आईडी भी जारी करेगी।
एसटीएफ कंपनी के सर्वर से धोखाधड़ी का शिकार हुए सभी लोगों का नंबर प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। इनके मोबाइल नंबर पर बल्क एसएमएस के जरिये एसटीएफ शिकायत देने या केस की प्रगति आदि की सूचना भेजेगी।
ज्यादा से ज्यादा लोगों का पैसा वापस मिल सके इसके लिए एसटीएफ कोर्ट की अनुमति से आरोपियों की संपत्ति भी कुर्क करेगी। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी और महंगी गाड़ियां खरीद रखी हैं।
एसटीएफ के अनुसार निवेश के हिसाब से एबलेज कंपनी ने निवेशकों के कई क्लब बना रखे थे। कंपनी जल्द ही डायमंड क्लब के सदस्यों को ऑस्ट्रेलिया घुमाने की योजना बना रही थी। कंपनी को उम्मीद थी कि इससे उनका और प्रचार-प्रसार होगा और लोग ज्यादा से ज्यादा पैसे लगाएंगे।
गिरफ्तारी की सूचना पाकर ऑफिर पर पहुंचे निवेशक
अनुभव की गिरफ्तारी और कंपनी के फर्जीवाड़े की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में निवेशक गुरुवार को नोएडा सेक्टर-63 स्थित कंपनी के बाहर जमा हो गए। इसमें बहुत से ऐसे लोगों थे जिन्होंने कंपनी में मोटी रकम निवेश की है। इन्हें थोड़ा-थोड़ा रिटर्न मिल रहा था। लिहाजा, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि कंपनी ने कोई फर्जीवाड़ा किया है।
उधर, सेक्टर-63ए ब्लॉक में ही इसी तरह की एक और कंपनी का नाम भी सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि ये कंपनी भी निवेशकों से पैसे लेकर फर्जीवाड़ा कर रही है। कई जिलों से लोग इस कंपनी के बाहर भी अपना पैसा वापस पाने के लिए एकत्र हो गए। इसे लेकर झड़प भी हुई।
कंपनी ने प्रसारित किया फर्जी मेसेज
निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनी की तरफ से गुरुवार को काफी लोगों को मेसेज भेजा गया कि अनुभव मित्तल और श्रीधर को आयकर विभाग ने पूछताछ के लिए बुलाया था। दोपहर में इन लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
गिरफ्तारी की सूचना पाकर ऑफिर पर पहुंचे निवेशक
अनुभव की गिरफ्तारी और कंपनी के फर्जीवाड़े की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में निवेशक गुरुवार को नोएडा सेक्टर-63 स्थित कंपनी के बाहर जमा हो गए। इसमें बहुत से ऐसे लोगों थे जिन्होंने कंपनी में मोटी रकम निवेश की है। इन्हें थोड़ा-थोड़ा रिटर्न मिल रहा था। लिहाजा, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि कंपनी ने कोई फर्जीवाड़ा किया है।
उधर, सेक्टर-63ए ब्लॉक में ही इसी तरह की एक और कंपनी का नाम भी सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि ये कंपनी भी निवेशकों से पैसे लेकर फर्जीवाड़ा कर रही है। कई जिलों से लोग इस कंपनी के बाहर भी अपना पैसा वापस पाने के लिए एकत्र हो गए। इसे लेकर झड़प भी हुई।
कंपनी ने प्रसारित किया फर्जी मेसेज
निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनी की तरफ से गुरुवार को काफी लोगों को मेसेज भेजा गया कि अनुभव मित्तल और श्रीधर को आयकर विभाग ने पूछताछ के लिए बुलाया था। दोपहर में इन लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
सोशल ट्रेड (डिजिटल मार्केटिंग) के नाम पर एक साल से की जा रही 3700 करोड़ की ठगी मामले में देश के लोगों के अलावा विदेशी भी शिकार हुए हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर बुलंदशहर, बागपत, गाजियाबाद आदि जिले कई पीड़ित बृहस्पतिवार सुबह सूरजपुर स्थित एसटीएफ कार्यालय पहुंच गए। अधिकांश लोगों को एसटीएफ के अधिकारियों ने संबंधित थाना क्षेत्र में शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा है।
सूरजपुर कोतवाली में बागपत निवासी दिनेश की शिकायत पर एसटीएफ नेे गोरखधंधे की पड़ताल शुरू की थी। एसटीएफ की पड़ताल में सामने आया है कि गोरखधंधे का ये बड़ा नेटवर्क चेेन सिस्टम से चल रहा था।
इसमें शामिल होने वाले लोगों को अन्य लोगों को इंवेस्ट कराने पर बोनस आदि के रुप में रुपया मिलने का झांसा दिया गया था। लालच के चलते जो लोग गोरखधंधे में शामिल होते गए वह अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को भी शामिल करते रहे। यही हाल दोस्तों और रिश्तेदारों का भी था वह भी अपने परिचितों को लगातार इस गोरखधंधे में फंसाकर गाढ़ी कमाई दांव पर लगा रहे थे।
गोरखधंधे में कुछ भारत में रहने वालेे नाईजीरियाई भी फंसकर मोटी रकम लगा चुके हैं। आरोपियों द्वारा संचालित वेबसाइट विदेशों में भी देखी जा सकती थी। इसके चलते इस बात का भी अंदेशा है कि इसमें बड़ी संख्या में विदेश में रहने वाले लोग भी ठगी का शिकार हो सकते हैं।
कई पीड़ितों को अब भी उम्मीद
एसटीएफ के खुलासे के बावजूद गोरखधंधे में फंसने के बाद करीबियों को फंसा चुके लोगों को अभी रुपये मिलने की उम्मीद है। कुछ लोग अपनेे करीबियों को आश्वासन दे रहे हैं कि अब तक उनके खाते में रुपये आते रहे हं, इसलिए आगे भी रुपये आएंगे। यही आश्वासन व अपनेे द्वारा गोरखधंधे में शामिल किए गए लोगों को दे रहे हैं।
पड़ताल में होंगे और भी खुलासे
सीओ एसटीएफ राजकुमार मिश्र ने बताया कि अभी इस मामले में कई और लोग शामिल हो सकते हैं। पकड़े गए लोगों के कुछ परिजनों के नाम सामने आ रहे हैं। आरोपियों के चंगुल में फंसकर कुछ नाईजीरियाई भी रकम लगा चुके हैं। विदेेशों में भी गोरखधंधे के पीड़ित होने की उम्मीद है। जांच के बाद इसका खुलासा होगा। बुलंदशहर, गाजियाबाद आदि जिलों के कई पीड़ित बृहस्पतिवार सुबह एसटीएफ कार्यालय पहुंचे थे। दो लोगों से लिखित शिकायत लेकर अन्य को संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी गई है।
सूरजपुर कोतवाली में बागपत निवासी दिनेश की शिकायत पर एसटीएफ नेे गोरखधंधे की पड़ताल शुरू की थी। एसटीएफ की पड़ताल में सामने आया है कि गोरखधंधे का ये बड़ा नेटवर्क चेेन सिस्टम से चल रहा था।
इसमें शामिल होने वाले लोगों को अन्य लोगों को इंवेस्ट कराने पर बोनस आदि के रुप में रुपया मिलने का झांसा दिया गया था। लालच के चलते जो लोग गोरखधंधे में शामिल होते गए वह अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को भी शामिल करते रहे। यही हाल दोस्तों और रिश्तेदारों का भी था वह भी अपने परिचितों को लगातार इस गोरखधंधे में फंसाकर गाढ़ी कमाई दांव पर लगा रहे थे।
गोरखधंधे में कुछ भारत में रहने वालेे नाईजीरियाई भी फंसकर मोटी रकम लगा चुके हैं। आरोपियों द्वारा संचालित वेबसाइट विदेशों में भी देखी जा सकती थी। इसके चलते इस बात का भी अंदेशा है कि इसमें बड़ी संख्या में विदेश में रहने वाले लोग भी ठगी का शिकार हो सकते हैं।
कई पीड़ितों को अब भी उम्मीद
एसटीएफ के खुलासे के बावजूद गोरखधंधे में फंसने के बाद करीबियों को फंसा चुके लोगों को अभी रुपये मिलने की उम्मीद है। कुछ लोग अपनेे करीबियों को आश्वासन दे रहे हैं कि अब तक उनके खाते में रुपये आते रहे हं, इसलिए आगे भी रुपये आएंगे। यही आश्वासन व अपनेे द्वारा गोरखधंधे में शामिल किए गए लोगों को दे रहे हैं।
पड़ताल में होंगे और भी खुलासे
सीओ एसटीएफ राजकुमार मिश्र ने बताया कि अभी इस मामले में कई और लोग शामिल हो सकते हैं। पकड़े गए लोगों के कुछ परिजनों के नाम सामने आ रहे हैं। आरोपियों के चंगुल में फंसकर कुछ नाईजीरियाई भी रकम लगा चुके हैं। विदेेशों में भी गोरखधंधे के पीड़ित होने की उम्मीद है। जांच के बाद इसका खुलासा होगा। बुलंदशहर, गाजियाबाद आदि जिलों के कई पीड़ित बृहस्पतिवार सुबह एसटीएफ कार्यालय पहुंचे थे। दो लोगों से लिखित शिकायत लेकर अन्य को संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी गई है।
वेबसाइट देखने और एड लाइक कर रोजाना 60 रुपये 18 सौ रुपये तक कमा सकते हैं। अगर कोई पार्टनर जोड़ते हैं, तो लाभ दोगुना हो जाएगा। इसके लिए कंपनी से पैक खरीदना होगा।
जितना बड़ा पैक खरीदेंगे और पार्टनर जोड़ेंगे, लाभ उतना बड़ा होगा। कंपनियां अपने प्लान में बहुत सारे पैक रखती हैं, जिनकी शुरुआत 5750 से 1.50 लाख या उससे ऊपर तक जाती है।
5750 के पैक में 5000 रुपये पैक का चार्ज होता है, जबकि 750 रुपये सर्विस टैक्स बताया जाता है, जो भी व्यक्ति इस पैक को खरीदता है, उसे रोजाना 9 लिंक भेजे जाते हैं। हर लिंक नौ रुपये का होता है। वर्ष में 255 लिंक मिलेंगे। इस हिसाब से वर्ष में 16063 रुपये मिलेंगे।
जितना बड़ा पैक खरीदेंगे और पार्टनर जोड़ेंगे, लाभ उतना बड़ा होगा। कंपनियां अपने प्लान में बहुत सारे पैक रखती हैं, जिनकी शुरुआत 5750 से 1.50 लाख या उससे ऊपर तक जाती है।
5750 के पैक में 5000 रुपये पैक का चार्ज होता है, जबकि 750 रुपये सर्विस टैक्स बताया जाता है, जो भी व्यक्ति इस पैक को खरीदता है, उसे रोजाना 9 लिंक भेजे जाते हैं। हर लिंक नौ रुपये का होता है। वर्ष में 255 लिंक मिलेंगे। इस हिसाब से वर्ष में 16063 रुपये मिलेंगे।
कंपनी में हापुड़ और बाबूगढ़ समेत जिले हजारों परिवारों ने पैसा लगाया है। कुछ कंप्यूटर सेंटर संचालकों ने लोगों की आईडी पर क्लिक के रूप में मिलने वाले कार्य को करने का ठेका ले रखा था।
पूरे दिन निवेशकों के क्लिक करने के एवज में हजारों रुपये प्रतिदिन इन सेंटरों के संचालक कमा रहे थे। लेकिन बुधवार शाम कंपनी के नोएडा स्थित कार्यालय पर एसटीएफ द्वारा छापे की सूचना पर लोग सदमे में आ गए। बाबूगढ़ क्षेत्र में तो लोग सदमे में हैं।
दरअसल, शार्टकट से पैसा कमाने के चक्कर में मजदूरी करने वाले लोगों ने ब्याज तक पर रुपये लेकर इस कंपनी में निवेश कर डाला। वहीं, कुछ लोग तो अपनी नौकरियां छोड़कर इस धंधे में शामिल हो गए थे। ऐसी स्थिति में कंपनी बंद होती है तो हजारों लोग बर्बाद हो जाएंगे। हालांकि कुछ लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ सही हो जाएगा। इस स्थिति को लेकर पूरे दिन क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
एक राजनीतिक दल के पदाधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उसके और उसके भाई ने तो एक हजार से अधिक लोगों की आईडी लगवा रखी थीं। अगर यह कंपनी बंद हो गई तो उन्हें तथा उनके साथ आईडी लगाने वाले लोगों को कई लाख रुपये का नुकसान होगा।
अकेले उन्हें ही करीब 10 लाख की चपत लग जाएगी। बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर के एक व्यक्ति जतिन चौधरी का कहना है कि उसने भी लाखों रुपये की आईडी इस कंपनी में लगाई थीं लेकिन कंपनी के बंद होने पर उनकी रकम डूबने का खतरा है। हालांकि उक्त ग्रामीण का दावा है कि अभी तक कंपनी द्वारा किसी भी व्यक्ति का पैसा हड़पने की कोई सूचना नहीं मिली थी।
सोशल ट्रेडिंग कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार अनुभव मित्तल मूलरूप से पिलखुवा (हापुड़) का रहने वाला है। पिलखुवा के मोहल्ला कृष्णगंज में उसके पिता सुनील मित्तल की बिजली की दुकान है।
जानकारी के मुताबिक अनुभव की प्रारंभिक शिक्षा पिलखुवा में ही हुई। वर्ष 2011 में नोएडा के एक इंजीनियरिंग कालेज से उसने बीटेक की पढ़ाई की। बीटेक की पढ़ाई के बाद पिलखुवा में उसका आना-जाना कम हो गया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान वह ठगी के इस गोरखधंधे में उतरा।
वह अक्सर गाजियाबाद और नोएडा में ही रहता था। अनुभव का विवाह भी दिसंबर 2015 में कानपुर से ही हुआ था। लोगों का कहना है कि अनुभव मित्तल के पिता ने उसे बेदखल कर रखा है।
इस संबंध में जब अनुभव के पिता से बात करने के लिए उसके घर जाया गया तो वहां केवल एक महिला मिली और उसने भी कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। पिता का मोबाइल भी बंद मिला।
जानकारी के मुताबिक अनुभव की प्रारंभिक शिक्षा पिलखुवा में ही हुई। वर्ष 2011 में नोएडा के एक इंजीनियरिंग कालेज से उसने बीटेक की पढ़ाई की। बीटेक की पढ़ाई के बाद पिलखुवा में उसका आना-जाना कम हो गया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान वह ठगी के इस गोरखधंधे में उतरा।
वह अक्सर गाजियाबाद और नोएडा में ही रहता था। अनुभव का विवाह भी दिसंबर 2015 में कानपुर से ही हुआ था। लोगों का कहना है कि अनुभव मित्तल के पिता ने उसे बेदखल कर रखा है।
इस संबंध में जब अनुभव के पिता से बात करने के लिए उसके घर जाया गया तो वहां केवल एक महिला मिली और उसने भी कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। पिता का मोबाइल भी बंद मिला।
ठगी के इस गोरखधंधे में बुलंदशहर के करीब दस हजार लोगों का पैसा फंस गया है। व्यापारी से लेकर महिलाएं, नौकरीपेशा और कमजोर तबके के लोग भी ऑनलाइन बिजनेस में ठगी का शिकार हुए हैं।
बुलंदशहर के डिस्ट्रिक्ट ई मैनेजर पीयूष चौधरी का कहना है कि जिले में करीब 10 हजार से ज्यादा लोग इसी ठगी का शिकार हो चुके हैं। इसमें बड़ी संख्या में युवा और व्यापारी हैं। उन्होंने बताया कि अनुमान के हिसाब से करीब 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी जिले के लोगों के साथ हो हुई है।
पीड़ित पुनीत कुमार, अमित, वरुण, राकेश, राहुल, विवेक आदि ने बताया कि सोशल ट्रेड के मकड़जाल में वह फंसते चले गए। उन्होंने बताया कि कंपनी के बारे में कुछ लोगों ने उन्हें गुमराह किया। पहले थोड़े पैसे लगवाए गए और इसके बाद उन्हें रिटर्न दिया गया।
रिटर्न मिलने के बाद उनका और पैसा लगवा दिया गया। ऐसे कर-करके उनके इनवेसटमेंट की रकम बढ़ती चली गई। पीड़ितों ने बताया कि कंपनी पर उनके लाखों रुपये इन्वेस्ट करा दिए और अब कंपनी भाग गई।
लोगों को फांसने के लिए सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए
सोशल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक ने लोगों को फंसाने के लिए कई सेलेब्रिटीज का भी सहारा लिया गया। कंपनी के मालिक ने सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए। लोगों को वीडियो-फोटो दिखाकर फंसाया गया।घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से मोटी कमाई का लालच देकर सात लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार को नोएडा के सेक्टर-63 से छापा मारकर फर्जी कंपनी चला रहे मालिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने इनके दर्जन भर बैंक खातों में जमा 524 करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी।
बुलंदशहर के डिस्ट्रिक्ट ई मैनेजर पीयूष चौधरी का कहना है कि जिले में करीब 10 हजार से ज्यादा लोग इसी ठगी का शिकार हो चुके हैं। इसमें बड़ी संख्या में युवा और व्यापारी हैं। उन्होंने बताया कि अनुमान के हिसाब से करीब 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी जिले के लोगों के साथ हो हुई है।
पीड़ित पुनीत कुमार, अमित, वरुण, राकेश, राहुल, विवेक आदि ने बताया कि सोशल ट्रेड के मकड़जाल में वह फंसते चले गए। उन्होंने बताया कि कंपनी के बारे में कुछ लोगों ने उन्हें गुमराह किया। पहले थोड़े पैसे लगवाए गए और इसके बाद उन्हें रिटर्न दिया गया।
रिटर्न मिलने के बाद उनका और पैसा लगवा दिया गया। ऐसे कर-करके उनके इनवेसटमेंट की रकम बढ़ती चली गई। पीड़ितों ने बताया कि कंपनी पर उनके लाखों रुपये इन्वेस्ट करा दिए और अब कंपनी भाग गई।
लोगों को फांसने के लिए सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए
सोशल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक ने लोगों को फंसाने के लिए कई सेलेब्रिटीज का भी सहारा लिया गया। कंपनी के मालिक ने सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए। लोगों को वीडियो-फोटो दिखाकर फंसाया गया।घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से मोटी कमाई का लालच देकर सात लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार को नोएडा के सेक्टर-63 से छापा मारकर फर्जी कंपनी चला रहे मालिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने इनके दर्जन भर बैंक खातों में जमा 524 करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी।
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान किशनगंज पिलखुआ निवासी अनुभव मित्तल, कांति नगर मशूलीबडडा विशाखापटनम आंध्र प्रदेश निवासी श्रीधर प्रसाद और कमई बरसाना मथुरा निवासी महेश दयाल के रूप में हुई है।
श्रीधर फिलहाल नोएडा के सेक्टर-53 बी-53 में रह रहा था। आरोपी सेक्टर-63 एफ-472 में एबलेज इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी आईटी कंपनी चला रहे थे।
socialtrade.biz के नाम से ऑनलाइन सोशल मीडिया पोर्टल बनाकर लोगों को चूना लगाया जा रहा था। ग्रेटर नोएडा से बीटेक की पढ़ाई कर चुका अनुभव मित्तल इस फर्जी कंपनी का मालिक और पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है। एमबीए कर चुका श्रीधर कंपनी का सीईओ है और महेश टेक्निकल हेड के पद पर कार्यरत था।
श्रीधर फिलहाल नोएडा के सेक्टर-53 बी-53 में रह रहा था। आरोपी सेक्टर-63 एफ-472 में एबलेज इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी आईटी कंपनी चला रहे थे।
socialtrade.biz के नाम से ऑनलाइन सोशल मीडिया पोर्टल बनाकर लोगों को चूना लगाया जा रहा था। ग्रेटर नोएडा से बीटेक की पढ़ाई कर चुका अनुभव मित्तल इस फर्जी कंपनी का मालिक और पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है। एमबीए कर चुका श्रीधर कंपनी का सीईओ है और महेश टेक्निकल हेड के पद पर कार्यरत था।
एसटीएफ के एसएसपी ने बताया कि कंपनी ने एक प्राइवेट कंपनी से 12 सर्वर किराये पर ले रखे हैं जो गाजियाबाद के राज नगर इलाके में मौजूद हैं। सर्वर को सीज किए गए हैं। लखनऊ फॉरेंसिक लैब के उप निदेशक डॉ. अरुण शर्मा और वरिष्ठ वैज्ञानिक सौरभ गुप्ता के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम सर्वर और कंपनी से वैज्ञानिक साक्ष्य (साइंटिफिक एविडेंस) एकत्र कर रही है।
साथ ही, ये टीम सर्वर और कंपनी के कंप्यूटरों से डिलीट किया गया डाटा भी रिकवर करेगी। कंपनी के सर्वर से अभी तक जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से ये लोग अब तक सात लाख से ज्यादा लोगों से 3726 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। अब भी इनके खातों में 524 करोड़ रुपये जमा हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
ऐसे करते थे ठगी
एसटीएफ के अनुसार, आरोपी लोगों को चार स्कीम 5750 रुपये, 11500 रुपये, 28750 रुपये या 57500 रुपये देने पर अपना सदस्य बनाते थे। इसके बाद उन्हें अपने सोशल मीडिया पोर्टल पर लॉग इन आईडी देते थे। लॉग इन के जरिये सदस्यों को स्कीम के हिसाब से 10, 20, 50 या 125 लिंक लाइक करने को दिए जाते थे। प्रत्येक लिंक पर लाइक करने के लिए सदस्यों को पांच रुपये का भुगतान किया जाता था। जबकि कंपनी एक रुपये खुद कमीशन के तौर पर रखती थी।
साथ ही, ये टीम सर्वर और कंपनी के कंप्यूटरों से डिलीट किया गया डाटा भी रिकवर करेगी। कंपनी के सर्वर से अभी तक जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से ये लोग अब तक सात लाख से ज्यादा लोगों से 3726 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। अब भी इनके खातों में 524 करोड़ रुपये जमा हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
ऐसे करते थे ठगी
एसटीएफ के अनुसार, आरोपी लोगों को चार स्कीम 5750 रुपये, 11500 रुपये, 28750 रुपये या 57500 रुपये देने पर अपना सदस्य बनाते थे। इसके बाद उन्हें अपने सोशल मीडिया पोर्टल पर लॉग इन आईडी देते थे। लॉग इन के जरिये सदस्यों को स्कीम के हिसाब से 10, 20, 50 या 125 लिंक लाइक करने को दिए जाते थे। प्रत्येक लिंक पर लाइक करने के लिए सदस्यों को पांच रुपये का भुगतान किया जाता था। जबकि कंपनी एक रुपये खुद कमीशन के तौर पर रखती थी।
वास्तविकता में कंपनी के पास ब्रांड या प्रोडक्ट प्रमोशन के लिए कोई कस्टमर ही नहीं है, जो लाइक कराने के एवज में कंपनी को पैसा देती। कंपनी लोगों से पैसा लेकर कुछ को उसी में से थोड़ी रकम वापस कर रही थी। ऐसे में बहुत से लोगों को पैसा वापस नहीं मिल रहा था।
शुरुआती जांच में एसटीएफ को इस फर्जी कंपनी के सर्वर से ही एक लाख ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिसमें उनके पैसे न मिलने की बात कही गई है। कंपनी के खिलाफ नोएडा के फेज-तीन थाने में एक फरवरी 2017 को दिल्ली निवासी पूजा और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर थाने में 31 जनवरी 2017 को दिनेश सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
शुरुआती जांच में एसटीएफ को इस फर्जी कंपनी के सर्वर से ही एक लाख ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिसमें उनके पैसे न मिलने की बात कही गई है। कंपनी के खिलाफ नोएडा के फेज-तीन थाने में एक फरवरी 2017 को दिल्ली निवासी पूजा और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर थाने में 31 जनवरी 2017 को दिनेश सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
एसटीएफ द्वारा पकड़ी गई फर्जी कंपनी एबलेज इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2015 में सबसे तेजी से विकास करने वाली कंपनी का पुरस्कार भी मिला था।
इतना ही नहीं एबलेज कंपनी के मालिक अनुभव मित्तल ने धोखाधड़ी से कमाई रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी। कंपनी के फेसबुक पेज पर अनुभव की एक केंद्रीय मंत्री के साथ फोटो भी है। कंपनी का नोएडा में आलीशान ऑफिस है जिसमें लगभग 100 कर्मचारी काम करते हैं।
चंडीगढ़ के एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक कई नामी संस्थाओं द्वारा एबलेज को सबसे तेजी से विकास करने वाली कंपनी नामित किया गया था। वर्ष 2016 में दीपावली के मौके पर राष्ट्रपति आवास की तरफ से उसे उपहार भी भेजा गया था।
एक प्रमुख बैंक के कंट्री हेड ने अनुभव से विशेष मुलाकात की थी। इतना ही नहीं अनुभव ने भारतीय सेना के लिए अनुदान भी दिया था। आईटी क्षेत्र में तेजी से तरक्की करने पर एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने उसे रात के खाने पर आमंत्रित भी किया था।
अनुभव की शानो-शौकत की कहानी राजनीति तक ही सीमित नहीं थी। उसने कुछ समय पूर्व दिल्ली में कंपनी की लॉचिंग के लिए सनी लियोनी और अमीषा पटेल को आमंत्रित किया था। इसके अलावा भी यू-ट्यूब और सोशल नेटवर्किंग साइट पर अनुभव की कई नामी हस्तियों के साथ फोटो और वीडियो मौजूद हैं।
इतना ही नहीं एबलेज कंपनी के मालिक अनुभव मित्तल ने धोखाधड़ी से कमाई रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी। कंपनी के फेसबुक पेज पर अनुभव की एक केंद्रीय मंत्री के साथ फोटो भी है। कंपनी का नोएडा में आलीशान ऑफिस है जिसमें लगभग 100 कर्मचारी काम करते हैं।
चंडीगढ़ के एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक कई नामी संस्थाओं द्वारा एबलेज को सबसे तेजी से विकास करने वाली कंपनी नामित किया गया था। वर्ष 2016 में दीपावली के मौके पर राष्ट्रपति आवास की तरफ से उसे उपहार भी भेजा गया था।
एक प्रमुख बैंक के कंट्री हेड ने अनुभव से विशेष मुलाकात की थी। इतना ही नहीं अनुभव ने भारतीय सेना के लिए अनुदान भी दिया था। आईटी क्षेत्र में तेजी से तरक्की करने पर एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने उसे रात के खाने पर आमंत्रित भी किया था।
अनुभव की शानो-शौकत की कहानी राजनीति तक ही सीमित नहीं थी। उसने कुछ समय पूर्व दिल्ली में कंपनी की लॉचिंग के लिए सनी लियोनी और अमीषा पटेल को आमंत्रित किया था। इसके अलावा भी यू-ट्यूब और सोशल नेटवर्किंग साइट पर अनुभव की कई नामी हस्तियों के साथ फोटो और वीडियो मौजूद हैं।
एबलेज कंपनी के पास ISO 9001:2008 प्रमाण पत्र भी है। ये प्रमाण पत्र नोएडा सेक्टर-दो स्थित एलीट सर्टिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा 17 अक्तूबर 2014 को जारी किया गया था, जो 16 अक्टूबर 2017 तक के लिए मान्य है। 7 सितंबर 2010 को एबलेज इन्फो कंपनी का पंजीकरण दिल्ली में कराया गया था।
इसमें कंपनी का पता चांदनी चौक का दिया गया है, जबकि उस पते पर कंपनी का कोई काम नहीं होता है और न ही कोई ऑफिस है। इसके अलावा कंपनी लोगों द्वारा काटा जाने वाला टीडीएस आयकर विभाग में भी जमा कराती थी।
सर्विस टैक्स विभाग में भी कंपनी ने टैक्स जमा कराया है। एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक के अनुसार, दस्तावेज में कंपनी की तरफ से फिलहाल कोई कमी नहीं मिली है, लेकिन कंपनी जिस मॉड्यूल पर बिजनेस कर रही थी, वही फर्जी है। इसलिए कंपनी के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है।
इसमें कंपनी का पता चांदनी चौक का दिया गया है, जबकि उस पते पर कंपनी का कोई काम नहीं होता है और न ही कोई ऑफिस है। इसके अलावा कंपनी लोगों द्वारा काटा जाने वाला टीडीएस आयकर विभाग में भी जमा कराती थी।
सर्विस टैक्स विभाग में भी कंपनी ने टैक्स जमा कराया है। एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक के अनुसार, दस्तावेज में कंपनी की तरफ से फिलहाल कोई कमी नहीं मिली है, लेकिन कंपनी जिस मॉड्यूल पर बिजनेस कर रही थी, वही फर्जी है। इसलिए कंपनी के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है।
कुछ वर्ष तक अनुभव कंपनी से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का काम बहुत छोटे स्तर पर करता रहा। वर्ष 2012 से 2015 के बीच कंपनी ने मात्र तीन-चार लाख रुपये का व्यवसाय किया।
इसके बाद अनुभव ने अगस्त 2015 में सोशल ट्रेड डॉट बिज नाम से ऑनलाइन पोर्टल बनाकर फर्जीवाड़े की शुरुआत कर दी। वर्ष 2015 में कंपनी ने नौ लाख का व्यवसाय किया। वर्ष 2016 में व्यवसाय बढ़कर 26 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो वर्ष 2017 में 3726 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया।
पिता और पत्नी पर भी आरोप
एसटीएफ का कहना है कि अनुभव ने कंपनी में पिता और पत्नी को भी जोड़ रखा था। पिलखुआ हापुड़ में मित्तल इलेक्ट्रॉनिक्स नाम से दुकान चलाने वाले अनुभव के पिता सुनील मित्तल कंपनी के पूर्व निदेशक हैं। अनुभव की पत्नी आयुषी अग्रवाल फिलहाल कंपनी में निदेशक है। पुलिस को सुनील और आयुषी के साथ कंपनी के सह निदेशक सन्नी मेहता की भी तलाश है। इसके अलावा एसटीएफ कंपनी के सभी अधिकारियों के बैंक खाते, यूआरएल और सीपीयू की भी वैज्ञानिक तरीके से जांच कर रही है।
इसके बाद अनुभव ने अगस्त 2015 में सोशल ट्रेड डॉट बिज नाम से ऑनलाइन पोर्टल बनाकर फर्जीवाड़े की शुरुआत कर दी। वर्ष 2015 में कंपनी ने नौ लाख का व्यवसाय किया। वर्ष 2016 में व्यवसाय बढ़कर 26 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो वर्ष 2017 में 3726 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया।
पिता और पत्नी पर भी आरोप
एसटीएफ का कहना है कि अनुभव ने कंपनी में पिता और पत्नी को भी जोड़ रखा था। पिलखुआ हापुड़ में मित्तल इलेक्ट्रॉनिक्स नाम से दुकान चलाने वाले अनुभव के पिता सुनील मित्तल कंपनी के पूर्व निदेशक हैं। अनुभव की पत्नी आयुषी अग्रवाल फिलहाल कंपनी में निदेशक है। पुलिस को सुनील और आयुषी के साथ कंपनी के सह निदेशक सन्नी मेहता की भी तलाश है। इसके अलावा एसटीएफ कंपनी के सभी अधिकारियों के बैंक खाते, यूआरएल और सीपीयू की भी वैज्ञानिक तरीके से जांच कर रही है।
एसटीएफ के अनुसार, कंपनी का सीईओ श्रीधर प्रसाद वर्ष 2005 से 2009 के बीच आईबीएम में कंट्री हेड के तौर पर बंगलूरू में सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन का काम कर चुका है। वर्ष 2010 में ओरेकिल कंपनी के नाइजीरिया ऑफिस में सहायक बिजनेस डेवलपर के रूप में काम किया।
वष 2013 में बंगलूरू वापस आकर उसने मूव एंड सिंक नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। स्टार्टअप सफल न रहने पर श्रीधर 2014 में वापस नाइजीरिया ओरेकिल कंपनी में लौट गया। श्रीधर की पत्नी ने 2016 में SocialTrade.biz में सदस्यता ली थी।
बिजनेस मॉडल को समझने के लिए श्रीधर कई बार अनुभव मित्तल से मिला। लगभग छह माह पूर्व उसने अनुभव की कंपनी में बतौर सीईओ नौकरी शुरू कर दी। श्रीधर ने 1994 में कॉमर्स से स्नातक किया था। इसके बाद एनआईए इंस्टीट्यूट से एमबीए किया।
वष 2013 में बंगलूरू वापस आकर उसने मूव एंड सिंक नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। स्टार्टअप सफल न रहने पर श्रीधर 2014 में वापस नाइजीरिया ओरेकिल कंपनी में लौट गया। श्रीधर की पत्नी ने 2016 में SocialTrade.biz में सदस्यता ली थी।
बिजनेस मॉडल को समझने के लिए श्रीधर कई बार अनुभव मित्तल से मिला। लगभग छह माह पूर्व उसने अनुभव की कंपनी में बतौर सीईओ नौकरी शुरू कर दी। श्रीधर ने 1994 में कॉमर्स से स्नातक किया था। इसके बाद एनआईए इंस्टीट्यूट से एमबीए किया।
एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि हमें सोशल मीडिया पर कंपनी के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। कुछ लोगों ने मौखिक रूप से भी शिकायत की थी। एसटीएफ के लिए भी इस तरह का ये पहला केस है, इसलिए कार्रवाई करने से पहले बहुत से विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया।
साथ ही, कंपनी के बैंक खाते भी खंगाले गए। बैंक से कंपनी के खातों की जानकारी लेने पर आरोपियों को पता चल जा रहा था कि एसटीएफ ने उनकी जांच शुरू कर दी है। लिहाजा, आरोपियों ने धीरे-धीरे अपना पैसा दूसरों खातों में हस्तांतरित करना शुरू कर दिया था।
ऐसे में एसटीएफ ने उन खातों को भी सीज किया है, जिसमें रकम ट्रांसफर की गई थी। अब संबंधित बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। आरोपियों का राजनगर गाजियाबाद में कोटक महिंद्रा बैंक में एक खाता, राजनगर के यस बैंक में दो खाते, राजनगर एक्सिस बैंक में दो खाते, केनरा बैंक में तीन खातों की जानकारी मिली है। केनरा बैंक में 480 करोड़ रुपये और यस बैंक में 44 करोड़ रुपये जमा हैं। इसे एसटीएफ ने जब्त किया है।
साथ ही, कंपनी के बैंक खाते भी खंगाले गए। बैंक से कंपनी के खातों की जानकारी लेने पर आरोपियों को पता चल जा रहा था कि एसटीएफ ने उनकी जांच शुरू कर दी है। लिहाजा, आरोपियों ने धीरे-धीरे अपना पैसा दूसरों खातों में हस्तांतरित करना शुरू कर दिया था।
ऐसे में एसटीएफ ने उन खातों को भी सीज किया है, जिसमें रकम ट्रांसफर की गई थी। अब संबंधित बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। आरोपियों का राजनगर गाजियाबाद में कोटक महिंद्रा बैंक में एक खाता, राजनगर के यस बैंक में दो खाते, राजनगर एक्सिस बैंक में दो खाते, केनरा बैंक में तीन खातों की जानकारी मिली है। केनरा बैंक में 480 करोड़ रुपये और यस बैंक में 44 करोड़ रुपये जमा हैं। इसे एसटीएफ ने जब्त किया है।
एसटीएफ ने इसकी सूचना आरबीआई, आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और सेबी को भी दी है। सूचना मिलने के बाद गुरुवार को ही आयकर विभाग की एक टीम ने सूरजपुर स्थित एसटीएफ कार्यालय पहुंचकर आरोपियों से पूछताछ भी की।
जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय और सेबी भी मामले में जांच शुरू कर सकता है। एसटीएफ मामले में आगे की जांच के लिए इस एफआईआर को लखनऊ में अपने थाने में ट्रांसफर कराएगी।
पैसे वापस पाने के लिए करें शिकायत
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि जो भी लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, वह अपनी रकम वापस पाने के लिए संबंधित दस्तावेज के साथ पुलिस से शिकायत करें। जल्द ही एसटीएफ पीड़ितों की शिकायत प्राप्त करने के लिए एक ईमेल आईडी भी जारी करेगी।
एसटीएफ कंपनी के सर्वर से धोखाधड़ी का शिकार हुए सभी लोगों का नंबर प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। इनके मोबाइल नंबर पर बल्क एसएमएस के जरिये एसटीएफ शिकायत देने या केस की प्रगति आदि की सूचना भेजेगी।
ज्यादा से ज्यादा लोगों का पैसा वापस मिल सके इसके लिए एसटीएफ कोर्ट की अनुमति से आरोपियों की संपत्ति भी कुर्क करेगी। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी और महंगी गाड़ियां खरीद रखी हैं।
जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय और सेबी भी मामले में जांच शुरू कर सकता है। एसटीएफ मामले में आगे की जांच के लिए इस एफआईआर को लखनऊ में अपने थाने में ट्रांसफर कराएगी।
पैसे वापस पाने के लिए करें शिकायत
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि जो भी लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, वह अपनी रकम वापस पाने के लिए संबंधित दस्तावेज के साथ पुलिस से शिकायत करें। जल्द ही एसटीएफ पीड़ितों की शिकायत प्राप्त करने के लिए एक ईमेल आईडी भी जारी करेगी।
एसटीएफ कंपनी के सर्वर से धोखाधड़ी का शिकार हुए सभी लोगों का नंबर प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। इनके मोबाइल नंबर पर बल्क एसएमएस के जरिये एसटीएफ शिकायत देने या केस की प्रगति आदि की सूचना भेजेगी।
ज्यादा से ज्यादा लोगों का पैसा वापस मिल सके इसके लिए एसटीएफ कोर्ट की अनुमति से आरोपियों की संपत्ति भी कुर्क करेगी। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी और महंगी गाड़ियां खरीद रखी हैं।
एसटीएफ के अनुसार निवेश के हिसाब से एबलेज कंपनी ने निवेशकों के कई क्लब बना रखे थे। कंपनी जल्द ही डायमंड क्लब के सदस्यों को ऑस्ट्रेलिया घुमाने की योजना बना रही थी। कंपनी को उम्मीद थी कि इससे उनका और प्रचार-प्रसार होगा और लोग ज्यादा से ज्यादा पैसे लगाएंगे।
गिरफ्तारी की सूचना पाकर ऑफिर पर पहुंचे निवेशक
अनुभव की गिरफ्तारी और कंपनी के फर्जीवाड़े की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में निवेशक गुरुवार को नोएडा सेक्टर-63 स्थित कंपनी के बाहर जमा हो गए। इसमें बहुत से ऐसे लोगों थे जिन्होंने कंपनी में मोटी रकम निवेश की है। इन्हें थोड़ा-थोड़ा रिटर्न मिल रहा था। लिहाजा, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि कंपनी ने कोई फर्जीवाड़ा किया है।
उधर, सेक्टर-63ए ब्लॉक में ही इसी तरह की एक और कंपनी का नाम भी सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि ये कंपनी भी निवेशकों से पैसे लेकर फर्जीवाड़ा कर रही है। कई जिलों से लोग इस कंपनी के बाहर भी अपना पैसा वापस पाने के लिए एकत्र हो गए। इसे लेकर झड़प भी हुई।
कंपनी ने प्रसारित किया फर्जी मेसेज
निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनी की तरफ से गुरुवार को काफी लोगों को मेसेज भेजा गया कि अनुभव मित्तल और श्रीधर को आयकर विभाग ने पूछताछ के लिए बुलाया था। दोपहर में इन लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
गिरफ्तारी की सूचना पाकर ऑफिर पर पहुंचे निवेशक
अनुभव की गिरफ्तारी और कंपनी के फर्जीवाड़े की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में निवेशक गुरुवार को नोएडा सेक्टर-63 स्थित कंपनी के बाहर जमा हो गए। इसमें बहुत से ऐसे लोगों थे जिन्होंने कंपनी में मोटी रकम निवेश की है। इन्हें थोड़ा-थोड़ा रिटर्न मिल रहा था। लिहाजा, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि कंपनी ने कोई फर्जीवाड़ा किया है।
उधर, सेक्टर-63ए ब्लॉक में ही इसी तरह की एक और कंपनी का नाम भी सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि ये कंपनी भी निवेशकों से पैसे लेकर फर्जीवाड़ा कर रही है। कई जिलों से लोग इस कंपनी के बाहर भी अपना पैसा वापस पाने के लिए एकत्र हो गए। इसे लेकर झड़प भी हुई।
कंपनी ने प्रसारित किया फर्जी मेसेज
निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनी की तरफ से गुरुवार को काफी लोगों को मेसेज भेजा गया कि अनुभव मित्तल और श्रीधर को आयकर विभाग ने पूछताछ के लिए बुलाया था। दोपहर में इन लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
सोशल ट्रेड (डिजिटल मार्केटिंग) के नाम पर एक साल से की जा रही 3700 करोड़ की ठगी मामले में देश के लोगों के अलावा विदेशी भी शिकार हुए हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर बुलंदशहर, बागपत, गाजियाबाद आदि जिले कई पीड़ित बृहस्पतिवार सुबह सूरजपुर स्थित एसटीएफ कार्यालय पहुंच गए। अधिकांश लोगों को एसटीएफ के अधिकारियों ने संबंधित थाना क्षेत्र में शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा है।
सूरजपुर कोतवाली में बागपत निवासी दिनेश की शिकायत पर एसटीएफ नेे गोरखधंधे की पड़ताल शुरू की थी। एसटीएफ की पड़ताल में सामने आया है कि गोरखधंधे का ये बड़ा नेटवर्क चेेन सिस्टम से चल रहा था।
इसमें शामिल होने वाले लोगों को अन्य लोगों को इंवेस्ट कराने पर बोनस आदि के रुप में रुपया मिलने का झांसा दिया गया था। लालच के चलते जो लोग गोरखधंधे में शामिल होते गए वह अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को भी शामिल करते रहे। यही हाल दोस्तों और रिश्तेदारों का भी था वह भी अपने परिचितों को लगातार इस गोरखधंधे में फंसाकर गाढ़ी कमाई दांव पर लगा रहे थे।
गोरखधंधे में कुछ भारत में रहने वालेे नाईजीरियाई भी फंसकर मोटी रकम लगा चुके हैं। आरोपियों द्वारा संचालित वेबसाइट विदेशों में भी देखी जा सकती थी। इसके चलते इस बात का भी अंदेशा है कि इसमें बड़ी संख्या में विदेश में रहने वाले लोग भी ठगी का शिकार हो सकते हैं।
कई पीड़ितों को अब भी उम्मीद
एसटीएफ के खुलासे के बावजूद गोरखधंधे में फंसने के बाद करीबियों को फंसा चुके लोगों को अभी रुपये मिलने की उम्मीद है। कुछ लोग अपनेे करीबियों को आश्वासन दे रहे हैं कि अब तक उनके खाते में रुपये आते रहे हं, इसलिए आगे भी रुपये आएंगे। यही आश्वासन व अपनेे द्वारा गोरखधंधे में शामिल किए गए लोगों को दे रहे हैं।
पड़ताल में होंगे और भी खुलासे
सीओ एसटीएफ राजकुमार मिश्र ने बताया कि अभी इस मामले में कई और लोग शामिल हो सकते हैं। पकड़े गए लोगों के कुछ परिजनों के नाम सामने आ रहे हैं। आरोपियों के चंगुल में फंसकर कुछ नाईजीरियाई भी रकम लगा चुके हैं। विदेेशों में भी गोरखधंधे के पीड़ित होने की उम्मीद है। जांच के बाद इसका खुलासा होगा। बुलंदशहर, गाजियाबाद आदि जिलों के कई पीड़ित बृहस्पतिवार सुबह एसटीएफ कार्यालय पहुंचे थे। दो लोगों से लिखित शिकायत लेकर अन्य को संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी गई है।
सूरजपुर कोतवाली में बागपत निवासी दिनेश की शिकायत पर एसटीएफ नेे गोरखधंधे की पड़ताल शुरू की थी। एसटीएफ की पड़ताल में सामने आया है कि गोरखधंधे का ये बड़ा नेटवर्क चेेन सिस्टम से चल रहा था।
इसमें शामिल होने वाले लोगों को अन्य लोगों को इंवेस्ट कराने पर बोनस आदि के रुप में रुपया मिलने का झांसा दिया गया था। लालच के चलते जो लोग गोरखधंधे में शामिल होते गए वह अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को भी शामिल करते रहे। यही हाल दोस्तों और रिश्तेदारों का भी था वह भी अपने परिचितों को लगातार इस गोरखधंधे में फंसाकर गाढ़ी कमाई दांव पर लगा रहे थे।
गोरखधंधे में कुछ भारत में रहने वालेे नाईजीरियाई भी फंसकर मोटी रकम लगा चुके हैं। आरोपियों द्वारा संचालित वेबसाइट विदेशों में भी देखी जा सकती थी। इसके चलते इस बात का भी अंदेशा है कि इसमें बड़ी संख्या में विदेश में रहने वाले लोग भी ठगी का शिकार हो सकते हैं।
कई पीड़ितों को अब भी उम्मीद
एसटीएफ के खुलासे के बावजूद गोरखधंधे में फंसने के बाद करीबियों को फंसा चुके लोगों को अभी रुपये मिलने की उम्मीद है। कुछ लोग अपनेे करीबियों को आश्वासन दे रहे हैं कि अब तक उनके खाते में रुपये आते रहे हं, इसलिए आगे भी रुपये आएंगे। यही आश्वासन व अपनेे द्वारा गोरखधंधे में शामिल किए गए लोगों को दे रहे हैं।
पड़ताल में होंगे और भी खुलासे
सीओ एसटीएफ राजकुमार मिश्र ने बताया कि अभी इस मामले में कई और लोग शामिल हो सकते हैं। पकड़े गए लोगों के कुछ परिजनों के नाम सामने आ रहे हैं। आरोपियों के चंगुल में फंसकर कुछ नाईजीरियाई भी रकम लगा चुके हैं। विदेेशों में भी गोरखधंधे के पीड़ित होने की उम्मीद है। जांच के बाद इसका खुलासा होगा। बुलंदशहर, गाजियाबाद आदि जिलों के कई पीड़ित बृहस्पतिवार सुबह एसटीएफ कार्यालय पहुंचे थे। दो लोगों से लिखित शिकायत लेकर अन्य को संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी गई है।
वेबसाइट देखने और एड लाइक कर रोजाना 60 रुपये 18 सौ रुपये तक कमा सकते हैं। अगर कोई पार्टनर जोड़ते हैं, तो लाभ दोगुना हो जाएगा। इसके लिए कंपनी से पैक खरीदना होगा।
जितना बड़ा पैक खरीदेंगे और पार्टनर जोड़ेंगे, लाभ उतना बड़ा होगा। कंपनियां अपने प्लान में बहुत सारे पैक रखती हैं, जिनकी शुरुआत 5750 से 1.50 लाख या उससे ऊपर तक जाती है।
5750 के पैक में 5000 रुपये पैक का चार्ज होता है, जबकि 750 रुपये सर्विस टैक्स बताया जाता है, जो भी व्यक्ति इस पैक को खरीदता है, उसे रोजाना 9 लिंक भेजे जाते हैं। हर लिंक नौ रुपये का होता है। वर्ष में 255 लिंक मिलेंगे। इस हिसाब से वर्ष में 16063 रुपये मिलेंगे।
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5750 के पैक में 5000 रुपये पैक का चार्ज होता है, जबकि 750 रुपये सर्विस टैक्स बताया जाता है, जो भी व्यक्ति इस पैक को खरीदता है, उसे रोजाना 9 लिंक भेजे जाते हैं। हर लिंक नौ रुपये का होता है। वर्ष में 255 लिंक मिलेंगे। इस हिसाब से वर्ष में 16063 रुपये मिलेंगे।
लाखों लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के भंडाफोड़ के बाद हापुड़ जिले के भी हजारों लोग सदमे में हैं। दरअसल, इस कंपनी में लोगों ने करोड़ों रुपये का निवेश कर रखा है। कंपनी का संचालक मूलरूप से पिलखुवा (हापुड़) का ही रहने वाला है।
कंपनी में हापुड़ और बाबूगढ़ समेत जिले हजारों परिवारों ने पैसा लगाया है। कुछ कंप्यूटर सेंटर संचालकों ने लोगों की आईडी पर क्लिक के रूप में मिलने वाले कार्य को करने का ठेका ले रखा था।
पूरे दिन निवेशकों के क्लिक करने के एवज में हजारों रुपये प्रतिदिन इन सेंटरों के संचालक कमा रहे थे। लेकिन बुधवार शाम कंपनी के नोएडा स्थित कार्यालय पर एसटीएफ द्वारा छापे की सूचना पर लोग सदमे में आ गए। बाबूगढ़ क्षेत्र में तो लोग सदमे में हैं।
दरअसल, शार्टकट से पैसा कमाने के चक्कर में मजदूरी करने वाले लोगों ने ब्याज तक पर रुपये लेकर इस कंपनी में निवेश कर डाला। वहीं, कुछ लोग तो अपनी नौकरियां छोड़कर इस धंधे में शामिल हो गए थे। ऐसी स्थिति में कंपनी बंद होती है तो हजारों लोग बर्बाद हो जाएंगे। हालांकि कुछ लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ सही हो जाएगा। इस स्थिति को लेकर पूरे दिन क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
एक राजनीतिक दल के पदाधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उसके और उसके भाई ने तो एक हजार से अधिक लोगों की आईडी लगवा रखी थीं। अगर यह कंपनी बंद हो गई तो उन्हें तथा उनके साथ आईडी लगाने वाले लोगों को कई लाख रुपये का नुकसान होगा।
अकेले उन्हें ही करीब 10 लाख की चपत लग जाएगी। बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर के एक व्यक्ति जतिन चौधरी का कहना है कि उसने भी लाखों रुपये की आईडी इस कंपनी में लगाई थीं लेकिन कंपनी के बंद होने पर उनकी रकम डूबने का खतरा है। हालांकि उक्त ग्रामीण का दावा है कि अभी तक कंपनी द्वारा किसी भी व्यक्ति का पैसा हड़पने की कोई सूचना नहीं मिली थी।
कंपनी में हापुड़ और बाबूगढ़ समेत जिले हजारों परिवारों ने पैसा लगाया है। कुछ कंप्यूटर सेंटर संचालकों ने लोगों की आईडी पर क्लिक के रूप में मिलने वाले कार्य को करने का ठेका ले रखा था।
पूरे दिन निवेशकों के क्लिक करने के एवज में हजारों रुपये प्रतिदिन इन सेंटरों के संचालक कमा रहे थे। लेकिन बुधवार शाम कंपनी के नोएडा स्थित कार्यालय पर एसटीएफ द्वारा छापे की सूचना पर लोग सदमे में आ गए। बाबूगढ़ क्षेत्र में तो लोग सदमे में हैं।
दरअसल, शार्टकट से पैसा कमाने के चक्कर में मजदूरी करने वाले लोगों ने ब्याज तक पर रुपये लेकर इस कंपनी में निवेश कर डाला। वहीं, कुछ लोग तो अपनी नौकरियां छोड़कर इस धंधे में शामिल हो गए थे। ऐसी स्थिति में कंपनी बंद होती है तो हजारों लोग बर्बाद हो जाएंगे। हालांकि कुछ लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ सही हो जाएगा। इस स्थिति को लेकर पूरे दिन क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
एक राजनीतिक दल के पदाधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उसके और उसके भाई ने तो एक हजार से अधिक लोगों की आईडी लगवा रखी थीं। अगर यह कंपनी बंद हो गई तो उन्हें तथा उनके साथ आईडी लगाने वाले लोगों को कई लाख रुपये का नुकसान होगा।
अकेले उन्हें ही करीब 10 लाख की चपत लग जाएगी। बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर के एक व्यक्ति जतिन चौधरी का कहना है कि उसने भी लाखों रुपये की आईडी इस कंपनी में लगाई थीं लेकिन कंपनी के बंद होने पर उनकी रकम डूबने का खतरा है। हालांकि उक्त ग्रामीण का दावा है कि अभी तक कंपनी द्वारा किसी भी व्यक्ति का पैसा हड़पने की कोई सूचना नहीं मिली थी।
सोशल ट्रेडिंग कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार अनुभव मित्तल मूलरूप से पिलखुवा (हापुड़) का रहने वाला है। पिलखुवा के मोहल्ला कृष्णगंज में उसके पिता सुनील मित्तल की बिजली की दुकान है।
जानकारी के मुताबिक अनुभव की प्रारंभिक शिक्षा पिलखुवा में ही हुई। वर्ष 2011 में नोएडा के एक इंजीनियरिंग कालेज से उसने बीटेक की पढ़ाई की। बीटेक की पढ़ाई के बाद पिलखुवा में उसका आना-जाना कम हो गया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान वह ठगी के इस गोरखधंधे में उतरा।
वह अक्सर गाजियाबाद और नोएडा में ही रहता था। अनुभव का विवाह भी दिसंबर 2015 में कानपुर से ही हुआ था। लोगों का कहना है कि अनुभव मित्तल के पिता ने उसे बेदखल कर रखा है।
इस संबंध में जब अनुभव के पिता से बात करने के लिए उसके घर जाया गया तो वहां केवल एक महिला मिली और उसने भी कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। पिता का मोबाइल भी बंद मिला।
जानकारी के मुताबिक अनुभव की प्रारंभिक शिक्षा पिलखुवा में ही हुई। वर्ष 2011 में नोएडा के एक इंजीनियरिंग कालेज से उसने बीटेक की पढ़ाई की। बीटेक की पढ़ाई के बाद पिलखुवा में उसका आना-जाना कम हो गया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान वह ठगी के इस गोरखधंधे में उतरा।
वह अक्सर गाजियाबाद और नोएडा में ही रहता था। अनुभव का विवाह भी दिसंबर 2015 में कानपुर से ही हुआ था। लोगों का कहना है कि अनुभव मित्तल के पिता ने उसे बेदखल कर रखा है।
इस संबंध में जब अनुभव के पिता से बात करने के लिए उसके घर जाया गया तो वहां केवल एक महिला मिली और उसने भी कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। पिता का मोबाइल भी बंद मिला।
ठगी के इस गोरखधंधे में बुलंदशहर के करीब दस हजार लोगों का पैसा फंस गया है। व्यापारी से लेकर महिलाएं, नौकरीपेशा और कमजोर तबके के लोग भी ऑनलाइन बिजनेस में ठगी का शिकार हुए हैं।
बुलंदशहर के डिस्ट्रिक्ट ई मैनेजर पीयूष चौधरी का कहना है कि जिले में करीब 10 हजार से ज्यादा लोग इसी ठगी का शिकार हो चुके हैं। इसमें बड़ी संख्या में युवा और व्यापारी हैं। उन्होंने बताया कि अनुमान के हिसाब से करीब 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी जिले के लोगों के साथ हो हुई है।
पीड़ित पुनीत कुमार, अमित, वरुण, राकेश, राहुल, विवेक आदि ने बताया कि सोशल ट्रेड के मकड़जाल में वह फंसते चले गए। उन्होंने बताया कि कंपनी के बारे में कुछ लोगों ने उन्हें गुमराह किया। पहले थोड़े पैसे लगवाए गए और इसके बाद उन्हें रिटर्न दिया गया।
रिटर्न मिलने के बाद उनका और पैसा लगवा दिया गया। ऐसे कर-करके उनके इनवेसटमेंट की रकम बढ़ती चली गई। पीड़ितों ने बताया कि कंपनी पर उनके लाखों रुपये इन्वेस्ट करा दिए और अब कंपनी भाग गई।
लोगों को फांसने के लिए सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए
सोशल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक ने लोगों को फंसाने के लिए कई सेलेब्रिटीज का भी सहारा लिया गया। कंपनी के मालिक ने सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए। लोगों को वीडियो-फोटो दिखाकर फंसाया गया।घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से मोटी कमाई का लालच देकर सात लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार को नोएडा के सेक्टर-63 से छापा मारकर फर्जी कंपनी चला रहे मालिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने इनके दर्जन भर बैंक खातों में जमा 524 करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी।
बुलंदशहर के डिस्ट्रिक्ट ई मैनेजर पीयूष चौधरी का कहना है कि जिले में करीब 10 हजार से ज्यादा लोग इसी ठगी का शिकार हो चुके हैं। इसमें बड़ी संख्या में युवा और व्यापारी हैं। उन्होंने बताया कि अनुमान के हिसाब से करीब 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी जिले के लोगों के साथ हो हुई है।
पीड़ित पुनीत कुमार, अमित, वरुण, राकेश, राहुल, विवेक आदि ने बताया कि सोशल ट्रेड के मकड़जाल में वह फंसते चले गए। उन्होंने बताया कि कंपनी के बारे में कुछ लोगों ने उन्हें गुमराह किया। पहले थोड़े पैसे लगवाए गए और इसके बाद उन्हें रिटर्न दिया गया।
रिटर्न मिलने के बाद उनका और पैसा लगवा दिया गया। ऐसे कर-करके उनके इनवेसटमेंट की रकम बढ़ती चली गई। पीड़ितों ने बताया कि कंपनी पर उनके लाखों रुपये इन्वेस्ट करा दिए और अब कंपनी भाग गई।
लोगों को फांसने के लिए सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए
सोशल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक ने लोगों को फंसाने के लिए कई सेलेब्रिटीज का भी सहारा लिया गया। कंपनी के मालिक ने सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए। लोगों को वीडियो-फोटो दिखाकर फंसाया गया।घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से मोटी कमाई का लालच देकर सात लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार को नोएडा के सेक्टर-63 से छापा मारकर फर्जी कंपनी चला रहे मालिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने इनके दर्जन भर बैंक खातों में जमा 524 करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी।
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान किशनगंज पिलखुआ निवासी अनुभव मित्तल, कांति नगर मशूलीबडडा विशाखापटनम आंध्र प्रदेश निवासी श्रीधर प्रसाद और कमई बरसाना मथुरा निवासी महेश दयाल के रूप में हुई है।
श्रीधर फिलहाल नोएडा के सेक्टर-53 बी-53 में रह रहा था। आरोपी सेक्टर-63 एफ-472 में एबलेज इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी आईटी कंपनी चला रहे थे।
socialtrade.biz के नाम से ऑनलाइन सोशल मीडिया पोर्टल बनाकर लोगों को चूना लगाया जा रहा था। ग्रेटर नोएडा से बीटेक की पढ़ाई कर चुका अनुभव मित्तल इस फर्जी कंपनी का मालिक और पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है। एमबीए कर चुका श्रीधर कंपनी का सीईओ है और महेश टेक्निकल हेड के पद पर कार्यरत था।
श्रीधर फिलहाल नोएडा के सेक्टर-53 बी-53 में रह रहा था। आरोपी सेक्टर-63 एफ-472 में एबलेज इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी आईटी कंपनी चला रहे थे।
socialtrade.biz के नाम से ऑनलाइन सोशल मीडिया पोर्टल बनाकर लोगों को चूना लगाया जा रहा था। ग्रेटर नोएडा से बीटेक की पढ़ाई कर चुका अनुभव मित्तल इस फर्जी कंपनी का मालिक और पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है। एमबीए कर चुका श्रीधर कंपनी का सीईओ है और महेश टेक्निकल हेड के पद पर कार्यरत था।
एसटीएफ के एसएसपी ने बताया कि कंपनी ने एक प्राइवेट कंपनी से 12 सर्वर किराये पर ले रखे हैं जो गाजियाबाद के राज नगर इलाके में मौजूद हैं। सर्वर को सीज किए गए हैं। लखनऊ फॉरेंसिक लैब के उप निदेशक डॉ. अरुण शर्मा और वरिष्ठ वैज्ञानिक सौरभ गुप्ता के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम सर्वर और कंपनी से वैज्ञानिक साक्ष्य (साइंटिफिक एविडेंस) एकत्र कर रही है।
साथ ही, ये टीम सर्वर और कंपनी के कंप्यूटरों से डिलीट किया गया डाटा भी रिकवर करेगी। कंपनी के सर्वर से अभी तक जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से ये लोग अब तक सात लाख से ज्यादा लोगों से 3726 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। अब भी इनके खातों में 524 करोड़ रुपये जमा हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
ऐसे करते थे ठगी
एसटीएफ के अनुसार, आरोपी लोगों को चार स्कीम 5750 रुपये, 11500 रुपये, 28750 रुपये या 57500 रुपये देने पर अपना सदस्य बनाते थे। इसके बाद उन्हें अपने सोशल मीडिया पोर्टल पर लॉग इन आईडी देते थे। लॉग इन के जरिये सदस्यों को स्कीम के हिसाब से 10, 20, 50 या 125 लिंक लाइक करने को दिए जाते थे। प्रत्येक लिंक पर लाइक करने के लिए सदस्यों को पांच रुपये का भुगतान किया जाता था। जबकि कंपनी एक रुपये खुद कमीशन के तौर पर रखती थी।
साथ ही, ये टीम सर्वर और कंपनी के कंप्यूटरों से डिलीट किया गया डाटा भी रिकवर करेगी। कंपनी के सर्वर से अभी तक जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से ये लोग अब तक सात लाख से ज्यादा लोगों से 3726 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। अब भी इनके खातों में 524 करोड़ रुपये जमा हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
ऐसे करते थे ठगी
एसटीएफ के अनुसार, आरोपी लोगों को चार स्कीम 5750 रुपये, 11500 रुपये, 28750 रुपये या 57500 रुपये देने पर अपना सदस्य बनाते थे। इसके बाद उन्हें अपने सोशल मीडिया पोर्टल पर लॉग इन आईडी देते थे। लॉग इन के जरिये सदस्यों को स्कीम के हिसाब से 10, 20, 50 या 125 लिंक लाइक करने को दिए जाते थे। प्रत्येक लिंक पर लाइक करने के लिए सदस्यों को पांच रुपये का भुगतान किया जाता था। जबकि कंपनी एक रुपये खुद कमीशन के तौर पर रखती थी।
वास्तविकता में कंपनी के पास ब्रांड या प्रोडक्ट प्रमोशन के लिए कोई कस्टमर ही नहीं है, जो लाइक कराने के एवज में कंपनी को पैसा देती। कंपनी लोगों से पैसा लेकर कुछ को उसी में से थोड़ी रकम वापस कर रही थी। ऐसे में बहुत से लोगों को पैसा वापस नहीं मिल रहा था।
शुरुआती जांच में एसटीएफ को इस फर्जी कंपनी के सर्वर से ही एक लाख ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिसमें उनके पैसे न मिलने की बात कही गई है। कंपनी के खिलाफ नोएडा के फेज-तीन थाने में एक फरवरी 2017 को दिल्ली निवासी पूजा और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर थाने में 31 जनवरी 2017 को दिनेश सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
शुरुआती जांच में एसटीएफ को इस फर्जी कंपनी के सर्वर से ही एक लाख ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिसमें उनके पैसे न मिलने की बात कही गई है। कंपनी के खिलाफ नोएडा के फेज-तीन थाने में एक फरवरी 2017 को दिल्ली निवासी पूजा और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर थाने में 31 जनवरी 2017 को दिनेश सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
एसटीएफ द्वारा पकड़ी गई फर्जी कंपनी एबलेज इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2015 में सबसे तेजी से विकास करने वाली कंपनी का पुरस्कार भी मिला था।
इतना ही नहीं एबलेज कंपनी के मालिक अनुभव मित्तल ने धोखाधड़ी से कमाई रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी। कंपनी के फेसबुक पेज पर अनुभव की एक केंद्रीय मंत्री के साथ फोटो भी है। कंपनी का नोएडा में आलीशान ऑफिस है जिसमें लगभग 100 कर्मचारी काम करते हैं।
चंडीगढ़ के एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक कई नामी संस्थाओं द्वारा एबलेज को सबसे तेजी से विकास करने वाली कंपनी नामित किया गया था। वर्ष 2016 में दीपावली के मौके पर राष्ट्रपति आवास की तरफ से उसे उपहार भी भेजा गया था।
एक प्रमुख बैंक के कंट्री हेड ने अनुभव से विशेष मुलाकात की थी। इतना ही नहीं अनुभव ने भारतीय सेना के लिए अनुदान भी दिया था। आईटी क्षेत्र में तेजी से तरक्की करने पर एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने उसे रात के खाने पर आमंत्रित भी किया था।
अनुभव की शानो-शौकत की कहानी राजनीति तक ही सीमित नहीं थी। उसने कुछ समय पूर्व दिल्ली में कंपनी की लॉचिंग के लिए सनी लियोनी और अमीषा पटेल को आमंत्रित किया था। इसके अलावा भी यू-ट्यूब और सोशल नेटवर्किंग साइट पर अनुभव की कई नामी हस्तियों के साथ फोटो और वीडियो मौजूद हैं।
इतना ही नहीं एबलेज कंपनी के मालिक अनुभव मित्तल ने धोखाधड़ी से कमाई रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी। कंपनी के फेसबुक पेज पर अनुभव की एक केंद्रीय मंत्री के साथ फोटो भी है। कंपनी का नोएडा में आलीशान ऑफिस है जिसमें लगभग 100 कर्मचारी काम करते हैं।
चंडीगढ़ के एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक कई नामी संस्थाओं द्वारा एबलेज को सबसे तेजी से विकास करने वाली कंपनी नामित किया गया था। वर्ष 2016 में दीपावली के मौके पर राष्ट्रपति आवास की तरफ से उसे उपहार भी भेजा गया था।
एक प्रमुख बैंक के कंट्री हेड ने अनुभव से विशेष मुलाकात की थी। इतना ही नहीं अनुभव ने भारतीय सेना के लिए अनुदान भी दिया था। आईटी क्षेत्र में तेजी से तरक्की करने पर एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने उसे रात के खाने पर आमंत्रित भी किया था।
अनुभव की शानो-शौकत की कहानी राजनीति तक ही सीमित नहीं थी। उसने कुछ समय पूर्व दिल्ली में कंपनी की लॉचिंग के लिए सनी लियोनी और अमीषा पटेल को आमंत्रित किया था। इसके अलावा भी यू-ट्यूब और सोशल नेटवर्किंग साइट पर अनुभव की कई नामी हस्तियों के साथ फोटो और वीडियो मौजूद हैं।
एबलेज कंपनी के पास ISO 9001:2008 प्रमाण पत्र भी है। ये प्रमाण पत्र नोएडा सेक्टर-दो स्थित एलीट सर्टिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा 17 अक्तूबर 2014 को जारी किया गया था, जो 16 अक्टूबर 2017 तक के लिए मान्य है। 7 सितंबर 2010 को एबलेज इन्फो कंपनी का पंजीकरण दिल्ली में कराया गया था।
इसमें कंपनी का पता चांदनी चौक का दिया गया है, जबकि उस पते पर कंपनी का कोई काम नहीं होता है और न ही कोई ऑफिस है। इसके अलावा कंपनी लोगों द्वारा काटा जाने वाला टीडीएस आयकर विभाग में भी जमा कराती थी।
सर्विस टैक्स विभाग में भी कंपनी ने टैक्स जमा कराया है। एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक के अनुसार, दस्तावेज में कंपनी की तरफ से फिलहाल कोई कमी नहीं मिली है, लेकिन कंपनी जिस मॉड्यूल पर बिजनेस कर रही थी, वही फर्जी है। इसलिए कंपनी के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है।
इसमें कंपनी का पता चांदनी चौक का दिया गया है, जबकि उस पते पर कंपनी का कोई काम नहीं होता है और न ही कोई ऑफिस है। इसके अलावा कंपनी लोगों द्वारा काटा जाने वाला टीडीएस आयकर विभाग में भी जमा कराती थी।
सर्विस टैक्स विभाग में भी कंपनी ने टैक्स जमा कराया है। एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक के अनुसार, दस्तावेज में कंपनी की तरफ से फिलहाल कोई कमी नहीं मिली है, लेकिन कंपनी जिस मॉड्यूल पर बिजनेस कर रही थी, वही फर्जी है। इसलिए कंपनी के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है।
कुछ वर्ष तक अनुभव कंपनी से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का काम बहुत छोटे स्तर पर करता रहा। वर्ष 2012 से 2015 के बीच कंपनी ने मात्र तीन-चार लाख रुपये का व्यवसाय किया।
इसके बाद अनुभव ने अगस्त 2015 में सोशल ट्रेड डॉट बिज नाम से ऑनलाइन पोर्टल बनाकर फर्जीवाड़े की शुरुआत कर दी। वर्ष 2015 में कंपनी ने नौ लाख का व्यवसाय किया। वर्ष 2016 में व्यवसाय बढ़कर 26 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो वर्ष 2017 में 3726 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया।
पिता और पत्नी पर भी आरोप
एसटीएफ का कहना है कि अनुभव ने कंपनी में पिता और पत्नी को भी जोड़ रखा था। पिलखुआ हापुड़ में मित्तल इलेक्ट्रॉनिक्स नाम से दुकान चलाने वाले अनुभव के पिता सुनील मित्तल कंपनी के पूर्व निदेशक हैं। अनुभव की पत्नी आयुषी अग्रवाल फिलहाल कंपनी में निदेशक है। पुलिस को सुनील और आयुषी के साथ कंपनी के सह निदेशक सन्नी मेहता की भी तलाश है। इसके अलावा एसटीएफ कंपनी के सभी अधिकारियों के बैंक खाते, यूआरएल और सीपीयू की भी वैज्ञानिक तरीके से जांच कर रही है।
इसके बाद अनुभव ने अगस्त 2015 में सोशल ट्रेड डॉट बिज नाम से ऑनलाइन पोर्टल बनाकर फर्जीवाड़े की शुरुआत कर दी। वर्ष 2015 में कंपनी ने नौ लाख का व्यवसाय किया। वर्ष 2016 में व्यवसाय बढ़कर 26 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो वर्ष 2017 में 3726 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया।
पिता और पत्नी पर भी आरोप
एसटीएफ का कहना है कि अनुभव ने कंपनी में पिता और पत्नी को भी जोड़ रखा था। पिलखुआ हापुड़ में मित्तल इलेक्ट्रॉनिक्स नाम से दुकान चलाने वाले अनुभव के पिता सुनील मित्तल कंपनी के पूर्व निदेशक हैं। अनुभव की पत्नी आयुषी अग्रवाल फिलहाल कंपनी में निदेशक है। पुलिस को सुनील और आयुषी के साथ कंपनी के सह निदेशक सन्नी मेहता की भी तलाश है। इसके अलावा एसटीएफ कंपनी के सभी अधिकारियों के बैंक खाते, यूआरएल और सीपीयू की भी वैज्ञानिक तरीके से जांच कर रही है।
एसटीएफ के अनुसार, कंपनी का सीईओ श्रीधर प्रसाद वर्ष 2005 से 2009 के बीच आईबीएम में कंट्री हेड के तौर पर बंगलूरू में सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन का काम कर चुका है। वर्ष 2010 में ओरेकिल कंपनी के नाइजीरिया ऑफिस में सहायक बिजनेस डेवलपर के रूप में काम किया।
वष 2013 में बंगलूरू वापस आकर उसने मूव एंड सिंक नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। स्टार्टअप सफल न रहने पर श्रीधर 2014 में वापस नाइजीरिया ओरेकिल कंपनी में लौट गया। श्रीधर की पत्नी ने 2016 में SocialTrade.biz में सदस्यता ली थी।
बिजनेस मॉडल को समझने के लिए श्रीधर कई बार अनुभव मित्तल से मिला। लगभग छह माह पूर्व उसने अनुभव की कंपनी में बतौर सीईओ नौकरी शुरू कर दी। श्रीधर ने 1994 में कॉमर्स से स्नातक किया था। इसके बाद एनआईए इंस्टीट्यूट से एमबीए किया।
वष 2013 में बंगलूरू वापस आकर उसने मूव एंड सिंक नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। स्टार्टअप सफल न रहने पर श्रीधर 2014 में वापस नाइजीरिया ओरेकिल कंपनी में लौट गया। श्रीधर की पत्नी ने 2016 में SocialTrade.biz में सदस्यता ली थी।
बिजनेस मॉडल को समझने के लिए श्रीधर कई बार अनुभव मित्तल से मिला। लगभग छह माह पूर्व उसने अनुभव की कंपनी में बतौर सीईओ नौकरी शुरू कर दी। श्रीधर ने 1994 में कॉमर्स से स्नातक किया था। इसके बाद एनआईए इंस्टीट्यूट से एमबीए किया।
एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि हमें सोशल मीडिया पर कंपनी के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। कुछ लोगों ने मौखिक रूप से भी शिकायत की थी। एसटीएफ के लिए भी इस तरह का ये पहला केस है, इसलिए कार्रवाई करने से पहले बहुत से विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया।
साथ ही, कंपनी के बैंक खाते भी खंगाले गए। बैंक से कंपनी के खातों की जानकारी लेने पर आरोपियों को पता चल जा रहा था कि एसटीएफ ने उनकी जांच शुरू कर दी है। लिहाजा, आरोपियों ने धीरे-धीरे अपना पैसा दूसरों खातों में हस्तांतरित करना शुरू कर दिया था।
ऐसे में एसटीएफ ने उन खातों को भी सीज किया है, जिसमें रकम ट्रांसफर की गई थी। अब संबंधित बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। आरोपियों का राजनगर गाजियाबाद में कोटक महिंद्रा बैंक में एक खाता, राजनगर के यस बैंक में दो खाते, राजनगर एक्सिस बैंक में दो खाते, केनरा बैंक में तीन खातों की जानकारी मिली है। केनरा बैंक में 480 करोड़ रुपये और यस बैंक में 44 करोड़ रुपये जमा हैं। इसे एसटीएफ ने जब्त किया है।
साथ ही, कंपनी के बैंक खाते भी खंगाले गए। बैंक से कंपनी के खातों की जानकारी लेने पर आरोपियों को पता चल जा रहा था कि एसटीएफ ने उनकी जांच शुरू कर दी है। लिहाजा, आरोपियों ने धीरे-धीरे अपना पैसा दूसरों खातों में हस्तांतरित करना शुरू कर दिया था।
ऐसे में एसटीएफ ने उन खातों को भी सीज किया है, जिसमें रकम ट्रांसफर की गई थी। अब संबंधित बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। आरोपियों का राजनगर गाजियाबाद में कोटक महिंद्रा बैंक में एक खाता, राजनगर के यस बैंक में दो खाते, राजनगर एक्सिस बैंक में दो खाते, केनरा बैंक में तीन खातों की जानकारी मिली है। केनरा बैंक में 480 करोड़ रुपये और यस बैंक में 44 करोड़ रुपये जमा हैं। इसे एसटीएफ ने जब्त किया है।
एसटीएफ ने इसकी सूचना आरबीआई, आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और सेबी को भी दी है। सूचना मिलने के बाद गुरुवार को ही आयकर विभाग की एक टीम ने सूरजपुर स्थित एसटीएफ कार्यालय पहुंचकर आरोपियों से पूछताछ भी की।
जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय और सेबी भी मामले में जांच शुरू कर सकता है। एसटीएफ मामले में आगे की जांच के लिए इस एफआईआर को लखनऊ में अपने थाने में ट्रांसफर कराएगी।
पैसे वापस पाने के लिए करें शिकायत
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि जो भी लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, वह अपनी रकम वापस पाने के लिए संबंधित दस्तावेज के साथ पुलिस से शिकायत करें। जल्द ही एसटीएफ पीड़ितों की शिकायत प्राप्त करने के लिए एक ईमेल आईडी भी जारी करेगी।
एसटीएफ कंपनी के सर्वर से धोखाधड़ी का शिकार हुए सभी लोगों का नंबर प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। इनके मोबाइल नंबर पर बल्क एसएमएस के जरिये एसटीएफ शिकायत देने या केस की प्रगति आदि की सूचना भेजेगी।
ज्यादा से ज्यादा लोगों का पैसा वापस मिल सके इसके लिए एसटीएफ कोर्ट की अनुमति से आरोपियों की संपत्ति भी कुर्क करेगी। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी और महंगी गाड़ियां खरीद रखी हैं।
जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय और सेबी भी मामले में जांच शुरू कर सकता है। एसटीएफ मामले में आगे की जांच के लिए इस एफआईआर को लखनऊ में अपने थाने में ट्रांसफर कराएगी।
पैसे वापस पाने के लिए करें शिकायत
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि जो भी लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, वह अपनी रकम वापस पाने के लिए संबंधित दस्तावेज के साथ पुलिस से शिकायत करें। जल्द ही एसटीएफ पीड़ितों की शिकायत प्राप्त करने के लिए एक ईमेल आईडी भी जारी करेगी।
एसटीएफ कंपनी के सर्वर से धोखाधड़ी का शिकार हुए सभी लोगों का नंबर प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। इनके मोबाइल नंबर पर बल्क एसएमएस के जरिये एसटीएफ शिकायत देने या केस की प्रगति आदि की सूचना भेजेगी।
ज्यादा से ज्यादा लोगों का पैसा वापस मिल सके इसके लिए एसटीएफ कोर्ट की अनुमति से आरोपियों की संपत्ति भी कुर्क करेगी। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी और महंगी गाड़ियां खरीद रखी हैं।
एसटीएफ के अनुसार निवेश के हिसाब से एबलेज कंपनी ने निवेशकों के कई क्लब बना रखे थे। कंपनी जल्द ही डायमंड क्लब के सदस्यों को ऑस्ट्रेलिया घुमाने की योजना बना रही थी। कंपनी को उम्मीद थी कि इससे उनका और प्रचार-प्रसार होगा और लोग ज्यादा से ज्यादा पैसे लगाएंगे।
गिरफ्तारी की सूचना पाकर ऑफिर पर पहुंचे निवेशक
अनुभव की गिरफ्तारी और कंपनी के फर्जीवाड़े की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में निवेशक गुरुवार को नोएडा सेक्टर-63 स्थित कंपनी के बाहर जमा हो गए। इसमें बहुत से ऐसे लोगों थे जिन्होंने कंपनी में मोटी रकम निवेश की है। इन्हें थोड़ा-थोड़ा रिटर्न मिल रहा था। लिहाजा, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि कंपनी ने कोई फर्जीवाड़ा किया है।
उधर, सेक्टर-63ए ब्लॉक में ही इसी तरह की एक और कंपनी का नाम भी सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि ये कंपनी भी निवेशकों से पैसे लेकर फर्जीवाड़ा कर रही है। कई जिलों से लोग इस कंपनी के बाहर भी अपना पैसा वापस पाने के लिए एकत्र हो गए। इसे लेकर झड़प भी हुई।
कंपनी ने प्रसारित किया फर्जी मेसेज
निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनी की तरफ से गुरुवार को काफी लोगों को मेसेज भेजा गया कि अनुभव मित्तल और श्रीधर को आयकर विभाग ने पूछताछ के लिए बुलाया था। दोपहर में इन लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
गिरफ्तारी की सूचना पाकर ऑफिर पर पहुंचे निवेशक
अनुभव की गिरफ्तारी और कंपनी के फर्जीवाड़े की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में निवेशक गुरुवार को नोएडा सेक्टर-63 स्थित कंपनी के बाहर जमा हो गए। इसमें बहुत से ऐसे लोगों थे जिन्होंने कंपनी में मोटी रकम निवेश की है। इन्हें थोड़ा-थोड़ा रिटर्न मिल रहा था। लिहाजा, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि कंपनी ने कोई फर्जीवाड़ा किया है।
उधर, सेक्टर-63ए ब्लॉक में ही इसी तरह की एक और कंपनी का नाम भी सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि ये कंपनी भी निवेशकों से पैसे लेकर फर्जीवाड़ा कर रही है। कई जिलों से लोग इस कंपनी के बाहर भी अपना पैसा वापस पाने के लिए एकत्र हो गए। इसे लेकर झड़प भी हुई।
कंपनी ने प्रसारित किया फर्जी मेसेज
निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनी की तरफ से गुरुवार को काफी लोगों को मेसेज भेजा गया कि अनुभव मित्तल और श्रीधर को आयकर विभाग ने पूछताछ के लिए बुलाया था। दोपहर में इन लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
सोशल ट्रेड (डिजिटल मार्केटिंग) के नाम पर एक साल से की जा रही 3700 करोड़ की ठगी मामले में देश के लोगों के अलावा विदेशी भी शिकार हुए हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर बुलंदशहर, बागपत, गाजियाबाद आदि जिले कई पीड़ित बृहस्पतिवार सुबह सूरजपुर स्थित एसटीएफ कार्यालय पहुंच गए। अधिकांश लोगों को एसटीएफ के अधिकारियों ने संबंधित थाना क्षेत्र में शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा है।
सूरजपुर कोतवाली में बागपत निवासी दिनेश की शिकायत पर एसटीएफ नेे गोरखधंधे की पड़ताल शुरू की थी। एसटीएफ की पड़ताल में सामने आया है कि गोरखधंधे का ये बड़ा नेटवर्क चेेन सिस्टम से चल रहा था।
इसमें शामिल होने वाले लोगों को अन्य लोगों को इंवेस्ट कराने पर बोनस आदि के रुप में रुपया मिलने का झांसा दिया गया था। लालच के चलते जो लोग गोरखधंधे में शामिल होते गए वह अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को भी शामिल करते रहे। यही हाल दोस्तों और रिश्तेदारों का भी था वह भी अपने परिचितों को लगातार इस गोरखधंधे में फंसाकर गाढ़ी कमाई दांव पर लगा रहे थे।
गोरखधंधे में कुछ भारत में रहने वालेे नाईजीरियाई भी फंसकर मोटी रकम लगा चुके हैं। आरोपियों द्वारा संचालित वेबसाइट विदेशों में भी देखी जा सकती थी। इसके चलते इस बात का भी अंदेशा है कि इसमें बड़ी संख्या में विदेश में रहने वाले लोग भी ठगी का शिकार हो सकते हैं।
कई पीड़ितों को अब भी उम्मीद
एसटीएफ के खुलासे के बावजूद गोरखधंधे में फंसने के बाद करीबियों को फंसा चुके लोगों को अभी रुपये मिलने की उम्मीद है। कुछ लोग अपनेे करीबियों को आश्वासन दे रहे हैं कि अब तक उनके खाते में रुपये आते रहे हं, इसलिए आगे भी रुपये आएंगे। यही आश्वासन व अपनेे द्वारा गोरखधंधे में शामिल किए गए लोगों को दे रहे हैं।
पड़ताल में होंगे और भी खुलासे
सीओ एसटीएफ राजकुमार मिश्र ने बताया कि अभी इस मामले में कई और लोग शामिल हो सकते हैं। पकड़े गए लोगों के कुछ परिजनों के नाम सामने आ रहे हैं। आरोपियों के चंगुल में फंसकर कुछ नाईजीरियाई भी रकम लगा चुके हैं। विदेेशों में भी गोरखधंधे के पीड़ित होने की उम्मीद है। जांच के बाद इसका खुलासा होगा। बुलंदशहर, गाजियाबाद आदि जिलों के कई पीड़ित बृहस्पतिवार सुबह एसटीएफ कार्यालय पहुंचे थे। दो लोगों से लिखित शिकायत लेकर अन्य को संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी गई है।
सूरजपुर कोतवाली में बागपत निवासी दिनेश की शिकायत पर एसटीएफ नेे गोरखधंधे की पड़ताल शुरू की थी। एसटीएफ की पड़ताल में सामने आया है कि गोरखधंधे का ये बड़ा नेटवर्क चेेन सिस्टम से चल रहा था।
इसमें शामिल होने वाले लोगों को अन्य लोगों को इंवेस्ट कराने पर बोनस आदि के रुप में रुपया मिलने का झांसा दिया गया था। लालच के चलते जो लोग गोरखधंधे में शामिल होते गए वह अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को भी शामिल करते रहे। यही हाल दोस्तों और रिश्तेदारों का भी था वह भी अपने परिचितों को लगातार इस गोरखधंधे में फंसाकर गाढ़ी कमाई दांव पर लगा रहे थे।
गोरखधंधे में कुछ भारत में रहने वालेे नाईजीरियाई भी फंसकर मोटी रकम लगा चुके हैं। आरोपियों द्वारा संचालित वेबसाइट विदेशों में भी देखी जा सकती थी। इसके चलते इस बात का भी अंदेशा है कि इसमें बड़ी संख्या में विदेश में रहने वाले लोग भी ठगी का शिकार हो सकते हैं।
कई पीड़ितों को अब भी उम्मीद
एसटीएफ के खुलासे के बावजूद गोरखधंधे में फंसने के बाद करीबियों को फंसा चुके लोगों को अभी रुपये मिलने की उम्मीद है। कुछ लोग अपनेे करीबियों को आश्वासन दे रहे हैं कि अब तक उनके खाते में रुपये आते रहे हं, इसलिए आगे भी रुपये आएंगे। यही आश्वासन व अपनेे द्वारा गोरखधंधे में शामिल किए गए लोगों को दे रहे हैं।
पड़ताल में होंगे और भी खुलासे
सीओ एसटीएफ राजकुमार मिश्र ने बताया कि अभी इस मामले में कई और लोग शामिल हो सकते हैं। पकड़े गए लोगों के कुछ परिजनों के नाम सामने आ रहे हैं। आरोपियों के चंगुल में फंसकर कुछ नाईजीरियाई भी रकम लगा चुके हैं। विदेेशों में भी गोरखधंधे के पीड़ित होने की उम्मीद है। जांच के बाद इसका खुलासा होगा। बुलंदशहर, गाजियाबाद आदि जिलों के कई पीड़ित बृहस्पतिवार सुबह एसटीएफ कार्यालय पहुंचे थे। दो लोगों से लिखित शिकायत लेकर अन्य को संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी गई है।
वेबसाइट देखने और एड लाइक कर रोजाना 60 रुपये 18 सौ रुपये तक कमा सकते हैं। अगर कोई पार्टनर जोड़ते हैं, तो लाभ दोगुना हो जाएगा। इसके लिए कंपनी से पैक खरीदना होगा।
जितना बड़ा पैक खरीदेंगे और पार्टनर जोड़ेंगे, लाभ उतना बड़ा होगा। कंपनियां अपने प्लान में बहुत सारे पैक रखती हैं, जिनकी शुरुआत 5750 से 1.50 लाख या उससे ऊपर तक जाती है।
5750 के पैक में 5000 रुपये पैक का चार्ज होता है, जबकि 750 रुपये सर्विस टैक्स बताया जाता है, जो भी व्यक्ति इस पैक को खरीदता है, उसे रोजाना 9 लिंक भेजे जाते हैं। हर लिंक नौ रुपये का होता है। वर्ष में 255 लिंक मिलेंगे। इस हिसाब से वर्ष में 16063 रुपये मिलेंगे।
जितना बड़ा पैक खरीदेंगे और पार्टनर जोड़ेंगे, लाभ उतना बड़ा होगा। कंपनियां अपने प्लान में बहुत सारे पैक रखती हैं, जिनकी शुरुआत 5750 से 1.50 लाख या उससे ऊपर तक जाती है।
5750 के पैक में 5000 रुपये पैक का चार्ज होता है, जबकि 750 रुपये सर्विस टैक्स बताया जाता है, जो भी व्यक्ति इस पैक को खरीदता है, उसे रोजाना 9 लिंक भेजे जाते हैं। हर लिंक नौ रुपये का होता है। वर्ष में 255 लिंक मिलेंगे। इस हिसाब से वर्ष में 16063 रुपये मिलेंगे।
लाखों लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के भंडाफोड़ के बाद हापुड़ जिले के भी हजारों लोग सदमे में हैं। दरअसल, इस कंपनी में लोगों ने करोड़ों रुपये का निवेश कर रखा है। कंपनी का संचालक मूलरूप से पिलखुवा (हापुड़) का ही रहने वाला है।
कंपनी में हापुड़ और बाबूगढ़ समेत जिले हजारों परिवारों ने पैसा लगाया है। कुछ कंप्यूटर सेंटर संचालकों ने लोगों की आईडी पर क्लिक के रूप में मिलने वाले कार्य को करने का ठेका ले रखा था।
पूरे दिन निवेशकों के क्लिक करने के एवज में हजारों रुपये प्रतिदिन इन सेंटरों के संचालक कमा रहे थे। लेकिन बुधवार शाम कंपनी के नोएडा स्थित कार्यालय पर एसटीएफ द्वारा छापे की सूचना पर लोग सदमे में आ गए। बाबूगढ़ क्षेत्र में तो लोग सदमे में हैं।
दरअसल, शार्टकट से पैसा कमाने के चक्कर में मजदूरी करने वाले लोगों ने ब्याज तक पर रुपये लेकर इस कंपनी में निवेश कर डाला। वहीं, कुछ लोग तो अपनी नौकरियां छोड़कर इस धंधे में शामिल हो गए थे। ऐसी स्थिति में कंपनी बंद होती है तो हजारों लोग बर्बाद हो जाएंगे। हालांकि कुछ लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ सही हो जाएगा। इस स्थिति को लेकर पूरे दिन क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
एक राजनीतिक दल के पदाधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उसके और उसके भाई ने तो एक हजार से अधिक लोगों की आईडी लगवा रखी थीं। अगर यह कंपनी बंद हो गई तो उन्हें तथा उनके साथ आईडी लगाने वाले लोगों को कई लाख रुपये का नुकसान होगा।
अकेले उन्हें ही करीब 10 लाख की चपत लग जाएगी। बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर के एक व्यक्ति जतिन चौधरी का कहना है कि उसने भी लाखों रुपये की आईडी इस कंपनी में लगाई थीं लेकिन कंपनी के बंद होने पर उनकी रकम डूबने का खतरा है। हालांकि उक्त ग्रामीण का दावा है कि अभी तक कंपनी द्वारा किसी भी व्यक्ति का पैसा हड़पने की कोई सूचना नहीं मिली थी।
कंपनी में हापुड़ और बाबूगढ़ समेत जिले हजारों परिवारों ने पैसा लगाया है। कुछ कंप्यूटर सेंटर संचालकों ने लोगों की आईडी पर क्लिक के रूप में मिलने वाले कार्य को करने का ठेका ले रखा था।
पूरे दिन निवेशकों के क्लिक करने के एवज में हजारों रुपये प्रतिदिन इन सेंटरों के संचालक कमा रहे थे। लेकिन बुधवार शाम कंपनी के नोएडा स्थित कार्यालय पर एसटीएफ द्वारा छापे की सूचना पर लोग सदमे में आ गए। बाबूगढ़ क्षेत्र में तो लोग सदमे में हैं।
दरअसल, शार्टकट से पैसा कमाने के चक्कर में मजदूरी करने वाले लोगों ने ब्याज तक पर रुपये लेकर इस कंपनी में निवेश कर डाला। वहीं, कुछ लोग तो अपनी नौकरियां छोड़कर इस धंधे में शामिल हो गए थे। ऐसी स्थिति में कंपनी बंद होती है तो हजारों लोग बर्बाद हो जाएंगे। हालांकि कुछ लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ सही हो जाएगा। इस स्थिति को लेकर पूरे दिन क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
एक राजनीतिक दल के पदाधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उसके और उसके भाई ने तो एक हजार से अधिक लोगों की आईडी लगवा रखी थीं। अगर यह कंपनी बंद हो गई तो उन्हें तथा उनके साथ आईडी लगाने वाले लोगों को कई लाख रुपये का नुकसान होगा।
अकेले उन्हें ही करीब 10 लाख की चपत लग जाएगी। बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर के एक व्यक्ति जतिन चौधरी का कहना है कि उसने भी लाखों रुपये की आईडी इस कंपनी में लगाई थीं लेकिन कंपनी के बंद होने पर उनकी रकम डूबने का खतरा है। हालांकि उक्त ग्रामीण का दावा है कि अभी तक कंपनी द्वारा किसी भी व्यक्ति का पैसा हड़पने की कोई सूचना नहीं मिली थी।
सोशल ट्रेडिंग कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार अनुभव मित्तल मूलरूप से पिलखुवा (हापुड़) का रहने वाला है। पिलखुवा के मोहल्ला कृष्णगंज में उसके पिता सुनील मित्तल की बिजली की दुकान है।
जानकारी के मुताबिक अनुभव की प्रारंभिक शिक्षा पिलखुवा में ही हुई। वर्ष 2011 में नोएडा के एक इंजीनियरिंग कालेज से उसने बीटेक की पढ़ाई की। बीटेक की पढ़ाई के बाद पिलखुवा में उसका आना-जाना कम हो गया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान वह ठगी के इस गोरखधंधे में उतरा।
वह अक्सर गाजियाबाद और नोएडा में ही रहता था। अनुभव का विवाह भी दिसंबर 2015 में कानपुर से ही हुआ था। लोगों का कहना है कि अनुभव मित्तल के पिता ने उसे बेदखल कर रखा है।
इस संबंध में जब अनुभव के पिता से बात करने के लिए उसके घर जाया गया तो वहां केवल एक महिला मिली और उसने भी कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। पिता का मोबाइल भी बंद मिला।
जानकारी के मुताबिक अनुभव की प्रारंभिक शिक्षा पिलखुवा में ही हुई। वर्ष 2011 में नोएडा के एक इंजीनियरिंग कालेज से उसने बीटेक की पढ़ाई की। बीटेक की पढ़ाई के बाद पिलखुवा में उसका आना-जाना कम हो गया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान वह ठगी के इस गोरखधंधे में उतरा।
वह अक्सर गाजियाबाद और नोएडा में ही रहता था। अनुभव का विवाह भी दिसंबर 2015 में कानपुर से ही हुआ था। लोगों का कहना है कि अनुभव मित्तल के पिता ने उसे बेदखल कर रखा है।
इस संबंध में जब अनुभव के पिता से बात करने के लिए उसके घर जाया गया तो वहां केवल एक महिला मिली और उसने भी कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। पिता का मोबाइल भी बंद मिला।
ठगी के इस गोरखधंधे में बुलंदशहर के करीब दस हजार लोगों का पैसा फंस गया है। व्यापारी से लेकर महिलाएं, नौकरीपेशा और कमजोर तबके के लोग भी ऑनलाइन बिजनेस में ठगी का शिकार हुए हैं।
बुलंदशहर के डिस्ट्रिक्ट ई मैनेजर पीयूष चौधरी का कहना है कि जिले में करीब 10 हजार से ज्यादा लोग इसी ठगी का शिकार हो चुके हैं। इसमें बड़ी संख्या में युवा और व्यापारी हैं। उन्होंने बताया कि अनुमान के हिसाब से करीब 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी जिले के लोगों के साथ हो हुई है।
पीड़ित पुनीत कुमार, अमित, वरुण, राकेश, राहुल, विवेक आदि ने बताया कि सोशल ट्रेड के मकड़जाल में वह फंसते चले गए। उन्होंने बताया कि कंपनी के बारे में कुछ लोगों ने उन्हें गुमराह किया। पहले थोड़े पैसे लगवाए गए और इसके बाद उन्हें रिटर्न दिया गया।
रिटर्न मिलने के बाद उनका और पैसा लगवा दिया गया। ऐसे कर-करके उनके इनवेसटमेंट की रकम बढ़ती चली गई। पीड़ितों ने बताया कि कंपनी पर उनके लाखों रुपये इन्वेस्ट करा दिए और अब कंपनी भाग गई।
लोगों को फांसने के लिए सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए
सोशल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक ने लोगों को फंसाने के लिए कई सेलेब्रिटीज का भी सहारा लिया गया। कंपनी के मालिक ने सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए। लोगों को वीडियो-फोटो दिखाकर फंसाया गया।घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से मोटी कमाई का लालच देकर सात लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार को नोएडा के सेक्टर-63 से छापा मारकर फर्जी कंपनी चला रहे मालिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने इनके दर्जन भर बैंक खातों में जमा 524 करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी।
बुलंदशहर के डिस्ट्रिक्ट ई मैनेजर पीयूष चौधरी का कहना है कि जिले में करीब 10 हजार से ज्यादा लोग इसी ठगी का शिकार हो चुके हैं। इसमें बड़ी संख्या में युवा और व्यापारी हैं। उन्होंने बताया कि अनुमान के हिसाब से करीब 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी जिले के लोगों के साथ हो हुई है।
पीड़ित पुनीत कुमार, अमित, वरुण, राकेश, राहुल, विवेक आदि ने बताया कि सोशल ट्रेड के मकड़जाल में वह फंसते चले गए। उन्होंने बताया कि कंपनी के बारे में कुछ लोगों ने उन्हें गुमराह किया। पहले थोड़े पैसे लगवाए गए और इसके बाद उन्हें रिटर्न दिया गया।
रिटर्न मिलने के बाद उनका और पैसा लगवा दिया गया। ऐसे कर-करके उनके इनवेसटमेंट की रकम बढ़ती चली गई। पीड़ितों ने बताया कि कंपनी पर उनके लाखों रुपये इन्वेस्ट करा दिए और अब कंपनी भाग गई।
लोगों को फांसने के लिए सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए
सोशल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक ने लोगों को फंसाने के लिए कई सेलेब्रिटीज का भी सहारा लिया गया। कंपनी के मालिक ने सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए। लोगों को वीडियो-फोटो दिखाकर फंसाया गया।घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से मोटी कमाई का लालच देकर सात लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार को नोएडा के सेक्टर-63 से छापा मारकर फर्जी कंपनी चला रहे मालिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने इनके दर्जन भर बैंक खातों में जमा 524 करोड़ रुपये भी जब्त किए हैं। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी।
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान किशनगंज पिलखुआ निवासी अनुभव मित्तल, कांति नगर मशूलीबडडा विशाखापटनम आंध्र प्रदेश निवासी श्रीधर प्रसाद और कमई बरसाना मथुरा निवासी महेश दयाल के रूप में हुई है।
श्रीधर फिलहाल नोएडा के सेक्टर-53 बी-53 में रह रहा था। आरोपी सेक्टर-63 एफ-472 में एबलेज इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी आईटी कंपनी चला रहे थे।
socialtrade.biz के नाम से ऑनलाइन सोशल मीडिया पोर्टल बनाकर लोगों को चूना लगाया जा रहा था। ग्रेटर नोएडा से बीटेक की पढ़ाई कर चुका अनुभव मित्तल इस फर्जी कंपनी का मालिक और पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है। एमबीए कर चुका श्रीधर कंपनी का सीईओ है और महेश टेक्निकल हेड के पद पर कार्यरत था।
श्रीधर फिलहाल नोएडा के सेक्टर-53 बी-53 में रह रहा था। आरोपी सेक्टर-63 एफ-472 में एबलेज इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी आईटी कंपनी चला रहे थे।
socialtrade.biz के नाम से ऑनलाइन सोशल मीडिया पोर्टल बनाकर लोगों को चूना लगाया जा रहा था। ग्रेटर नोएडा से बीटेक की पढ़ाई कर चुका अनुभव मित्तल इस फर्जी कंपनी का मालिक और पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है। एमबीए कर चुका श्रीधर कंपनी का सीईओ है और महेश टेक्निकल हेड के पद पर कार्यरत था।
एसटीएफ के एसएसपी ने बताया कि कंपनी ने एक प्राइवेट कंपनी से 12 सर्वर किराये पर ले रखे हैं जो गाजियाबाद के राज नगर इलाके में मौजूद हैं। सर्वर को सीज किए गए हैं। लखनऊ फॉरेंसिक लैब के उप निदेशक डॉ. अरुण शर्मा और वरिष्ठ वैज्ञानिक सौरभ गुप्ता के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम सर्वर और कंपनी से वैज्ञानिक साक्ष्य (साइंटिफिक एविडेंस) एकत्र कर रही है।
साथ ही, ये टीम सर्वर और कंपनी के कंप्यूटरों से डिलीट किया गया डाटा भी रिकवर करेगी। कंपनी के सर्वर से अभी तक जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से ये लोग अब तक सात लाख से ज्यादा लोगों से 3726 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। अब भी इनके खातों में 524 करोड़ रुपये जमा हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
ऐसे करते थे ठगी
एसटीएफ के अनुसार, आरोपी लोगों को चार स्कीम 5750 रुपये, 11500 रुपये, 28750 रुपये या 57500 रुपये देने पर अपना सदस्य बनाते थे। इसके बाद उन्हें अपने सोशल मीडिया पोर्टल पर लॉग इन आईडी देते थे। लॉग इन के जरिये सदस्यों को स्कीम के हिसाब से 10, 20, 50 या 125 लिंक लाइक करने को दिए जाते थे। प्रत्येक लिंक पर लाइक करने के लिए सदस्यों को पांच रुपये का भुगतान किया जाता था। जबकि कंपनी एक रुपये खुद कमीशन के तौर पर रखती थी।
साथ ही, ये टीम सर्वर और कंपनी के कंप्यूटरों से डिलीट किया गया डाटा भी रिकवर करेगी। कंपनी के सर्वर से अभी तक जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से ये लोग अब तक सात लाख से ज्यादा लोगों से 3726 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। अब भी इनके खातों में 524 करोड़ रुपये जमा हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
ऐसे करते थे ठगी
एसटीएफ के अनुसार, आरोपी लोगों को चार स्कीम 5750 रुपये, 11500 रुपये, 28750 रुपये या 57500 रुपये देने पर अपना सदस्य बनाते थे। इसके बाद उन्हें अपने सोशल मीडिया पोर्टल पर लॉग इन आईडी देते थे। लॉग इन के जरिये सदस्यों को स्कीम के हिसाब से 10, 20, 50 या 125 लिंक लाइक करने को दिए जाते थे। प्रत्येक लिंक पर लाइक करने के लिए सदस्यों को पांच रुपये का भुगतान किया जाता था। जबकि कंपनी एक रुपये खुद कमीशन के तौर पर रखती थी।
वास्तविकता में कंपनी के पास ब्रांड या प्रोडक्ट प्रमोशन के लिए कोई कस्टमर ही नहीं है, जो लाइक कराने के एवज में कंपनी को पैसा देती। कंपनी लोगों से पैसा लेकर कुछ को उसी में से थोड़ी रकम वापस कर रही थी। ऐसे में बहुत से लोगों को पैसा वापस नहीं मिल रहा था।
शुरुआती जांच में एसटीएफ को इस फर्जी कंपनी के सर्वर से ही एक लाख ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिसमें उनके पैसे न मिलने की बात कही गई है। कंपनी के खिलाफ नोएडा के फेज-तीन थाने में एक फरवरी 2017 को दिल्ली निवासी पूजा और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर थाने में 31 जनवरी 2017 को दिनेश सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
शुरुआती जांच में एसटीएफ को इस फर्जी कंपनी के सर्वर से ही एक लाख ऐसी शिकायतें मिली हैं, जिसमें उनके पैसे न मिलने की बात कही गई है। कंपनी के खिलाफ नोएडा के फेज-तीन थाने में एक फरवरी 2017 को दिल्ली निवासी पूजा और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर थाने में 31 जनवरी 2017 को दिनेश सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
एसटीएफ द्वारा पकड़ी गई फर्जी कंपनी एबलेज इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2015 में सबसे तेजी से विकास करने वाली कंपनी का पुरस्कार भी मिला था।
इतना ही नहीं एबलेज कंपनी के मालिक अनुभव मित्तल ने धोखाधड़ी से कमाई रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी। कंपनी के फेसबुक पेज पर अनुभव की एक केंद्रीय मंत्री के साथ फोटो भी है। कंपनी का नोएडा में आलीशान ऑफिस है जिसमें लगभग 100 कर्मचारी काम करते हैं।
चंडीगढ़ के एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक कई नामी संस्थाओं द्वारा एबलेज को सबसे तेजी से विकास करने वाली कंपनी नामित किया गया था। वर्ष 2016 में दीपावली के मौके पर राष्ट्रपति आवास की तरफ से उसे उपहार भी भेजा गया था।
एक प्रमुख बैंक के कंट्री हेड ने अनुभव से विशेष मुलाकात की थी। इतना ही नहीं अनुभव ने भारतीय सेना के लिए अनुदान भी दिया था। आईटी क्षेत्र में तेजी से तरक्की करने पर एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने उसे रात के खाने पर आमंत्रित भी किया था।
अनुभव की शानो-शौकत की कहानी राजनीति तक ही सीमित नहीं थी। उसने कुछ समय पूर्व दिल्ली में कंपनी की लॉचिंग के लिए सनी लियोनी और अमीषा पटेल को आमंत्रित किया था। इसके अलावा भी यू-ट्यूब और सोशल नेटवर्किंग साइट पर अनुभव की कई नामी हस्तियों के साथ फोटो और वीडियो मौजूद हैं।
इतना ही नहीं एबलेज कंपनी के मालिक अनुभव मित्तल ने धोखाधड़ी से कमाई रकम से राजनीति और बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ बना ली थी। कंपनी के फेसबुक पेज पर अनुभव की एक केंद्रीय मंत्री के साथ फोटो भी है। कंपनी का नोएडा में आलीशान ऑफिस है जिसमें लगभग 100 कर्मचारी काम करते हैं।
चंडीगढ़ के एक समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक कई नामी संस्थाओं द्वारा एबलेज को सबसे तेजी से विकास करने वाली कंपनी नामित किया गया था। वर्ष 2016 में दीपावली के मौके पर राष्ट्रपति आवास की तरफ से उसे उपहार भी भेजा गया था।
एक प्रमुख बैंक के कंट्री हेड ने अनुभव से विशेष मुलाकात की थी। इतना ही नहीं अनुभव ने भारतीय सेना के लिए अनुदान भी दिया था। आईटी क्षेत्र में तेजी से तरक्की करने पर एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने उसे रात के खाने पर आमंत्रित भी किया था।
अनुभव की शानो-शौकत की कहानी राजनीति तक ही सीमित नहीं थी। उसने कुछ समय पूर्व दिल्ली में कंपनी की लॉचिंग के लिए सनी लियोनी और अमीषा पटेल को आमंत्रित किया था। इसके अलावा भी यू-ट्यूब और सोशल नेटवर्किंग साइट पर अनुभव की कई नामी हस्तियों के साथ फोटो और वीडियो मौजूद हैं।
एबलेज कंपनी के पास ISO 9001:2008 प्रमाण पत्र भी है। ये प्रमाण पत्र नोएडा सेक्टर-दो स्थित एलीट सर्टिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा 17 अक्तूबर 2014 को जारी किया गया था, जो 16 अक्टूबर 2017 तक के लिए मान्य है। 7 सितंबर 2010 को एबलेज इन्फो कंपनी का पंजीकरण दिल्ली में कराया गया था।
इसमें कंपनी का पता चांदनी चौक का दिया गया है, जबकि उस पते पर कंपनी का कोई काम नहीं होता है और न ही कोई ऑफिस है। इसके अलावा कंपनी लोगों द्वारा काटा जाने वाला टीडीएस आयकर विभाग में भी जमा कराती थी।
सर्विस टैक्स विभाग में भी कंपनी ने टैक्स जमा कराया है। एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक के अनुसार, दस्तावेज में कंपनी की तरफ से फिलहाल कोई कमी नहीं मिली है, लेकिन कंपनी जिस मॉड्यूल पर बिजनेस कर रही थी, वही फर्जी है। इसलिए कंपनी के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है।
इसमें कंपनी का पता चांदनी चौक का दिया गया है, जबकि उस पते पर कंपनी का कोई काम नहीं होता है और न ही कोई ऑफिस है। इसके अलावा कंपनी लोगों द्वारा काटा जाने वाला टीडीएस आयकर विभाग में भी जमा कराती थी।
सर्विस टैक्स विभाग में भी कंपनी ने टैक्स जमा कराया है। एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक के अनुसार, दस्तावेज में कंपनी की तरफ से फिलहाल कोई कमी नहीं मिली है, लेकिन कंपनी जिस मॉड्यूल पर बिजनेस कर रही थी, वही फर्जी है। इसलिए कंपनी के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है।
कुछ वर्ष तक अनुभव कंपनी से हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का काम बहुत छोटे स्तर पर करता रहा। वर्ष 2012 से 2015 के बीच कंपनी ने मात्र तीन-चार लाख रुपये का व्यवसाय किया।
इसके बाद अनुभव ने अगस्त 2015 में सोशल ट्रेड डॉट बिज नाम से ऑनलाइन पोर्टल बनाकर फर्जीवाड़े की शुरुआत कर दी। वर्ष 2015 में कंपनी ने नौ लाख का व्यवसाय किया। वर्ष 2016 में व्यवसाय बढ़कर 26 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो वर्ष 2017 में 3726 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया।
पिता और पत्नी पर भी आरोप
एसटीएफ का कहना है कि अनुभव ने कंपनी में पिता और पत्नी को भी जोड़ रखा था। पिलखुआ हापुड़ में मित्तल इलेक्ट्रॉनिक्स नाम से दुकान चलाने वाले अनुभव के पिता सुनील मित्तल कंपनी के पूर्व निदेशक हैं। अनुभव की पत्नी आयुषी अग्रवाल फिलहाल कंपनी में निदेशक है। पुलिस को सुनील और आयुषी के साथ कंपनी के सह निदेशक सन्नी मेहता की भी तलाश है। इसके अलावा एसटीएफ कंपनी के सभी अधिकारियों के बैंक खाते, यूआरएल और सीपीयू की भी वैज्ञानिक तरीके से जांच कर रही है।
इसके बाद अनुभव ने अगस्त 2015 में सोशल ट्रेड डॉट बिज नाम से ऑनलाइन पोर्टल बनाकर फर्जीवाड़े की शुरुआत कर दी। वर्ष 2015 में कंपनी ने नौ लाख का व्यवसाय किया। वर्ष 2016 में व्यवसाय बढ़कर 26 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो वर्ष 2017 में 3726 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया।
पिता और पत्नी पर भी आरोप
एसटीएफ का कहना है कि अनुभव ने कंपनी में पिता और पत्नी को भी जोड़ रखा था। पिलखुआ हापुड़ में मित्तल इलेक्ट्रॉनिक्स नाम से दुकान चलाने वाले अनुभव के पिता सुनील मित्तल कंपनी के पूर्व निदेशक हैं। अनुभव की पत्नी आयुषी अग्रवाल फिलहाल कंपनी में निदेशक है। पुलिस को सुनील और आयुषी के साथ कंपनी के सह निदेशक सन्नी मेहता की भी तलाश है। इसके अलावा एसटीएफ कंपनी के सभी अधिकारियों के बैंक खाते, यूआरएल और सीपीयू की भी वैज्ञानिक तरीके से जांच कर रही है।
एसटीएफ के अनुसार, कंपनी का सीईओ श्रीधर प्रसाद वर्ष 2005 से 2009 के बीच आईबीएम में कंट्री हेड के तौर पर बंगलूरू में सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन का काम कर चुका है। वर्ष 2010 में ओरेकिल कंपनी के नाइजीरिया ऑफिस में सहायक बिजनेस डेवलपर के रूप में काम किया।
वष 2013 में बंगलूरू वापस आकर उसने मूव एंड सिंक नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। स्टार्टअप सफल न रहने पर श्रीधर 2014 में वापस नाइजीरिया ओरेकिल कंपनी में लौट गया। श्रीधर की पत्नी ने 2016 में SocialTrade.biz में सदस्यता ली थी।
बिजनेस मॉडल को समझने के लिए श्रीधर कई बार अनुभव मित्तल से मिला। लगभग छह माह पूर्व उसने अनुभव की कंपनी में बतौर सीईओ नौकरी शुरू कर दी। श्रीधर ने 1994 में कॉमर्स से स्नातक किया था। इसके बाद एनआईए इंस्टीट्यूट से एमबीए किया।
वष 2013 में बंगलूरू वापस आकर उसने मूव एंड सिंक नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। स्टार्टअप सफल न रहने पर श्रीधर 2014 में वापस नाइजीरिया ओरेकिल कंपनी में लौट गया। श्रीधर की पत्नी ने 2016 में SocialTrade.biz में सदस्यता ली थी।
बिजनेस मॉडल को समझने के लिए श्रीधर कई बार अनुभव मित्तल से मिला। लगभग छह माह पूर्व उसने अनुभव की कंपनी में बतौर सीईओ नौकरी शुरू कर दी। श्रीधर ने 1994 में कॉमर्स से स्नातक किया था। इसके बाद एनआईए इंस्टीट्यूट से एमबीए किया।
एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि हमें सोशल मीडिया पर कंपनी के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। कुछ लोगों ने मौखिक रूप से भी शिकायत की थी। एसटीएफ के लिए भी इस तरह का ये पहला केस है, इसलिए कार्रवाई करने से पहले बहुत से विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया।
साथ ही, कंपनी के बैंक खाते भी खंगाले गए। बैंक से कंपनी के खातों की जानकारी लेने पर आरोपियों को पता चल जा रहा था कि एसटीएफ ने उनकी जांच शुरू कर दी है। लिहाजा, आरोपियों ने धीरे-धीरे अपना पैसा दूसरों खातों में हस्तांतरित करना शुरू कर दिया था।
ऐसे में एसटीएफ ने उन खातों को भी सीज किया है, जिसमें रकम ट्रांसफर की गई थी। अब संबंधित बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। आरोपियों का राजनगर गाजियाबाद में कोटक महिंद्रा बैंक में एक खाता, राजनगर के यस बैंक में दो खाते, राजनगर एक्सिस बैंक में दो खाते, केनरा बैंक में तीन खातों की जानकारी मिली है। केनरा बैंक में 480 करोड़ रुपये और यस बैंक में 44 करोड़ रुपये जमा हैं। इसे एसटीएफ ने जब्त किया है।
साथ ही, कंपनी के बैंक खाते भी खंगाले गए। बैंक से कंपनी के खातों की जानकारी लेने पर आरोपियों को पता चल जा रहा था कि एसटीएफ ने उनकी जांच शुरू कर दी है। लिहाजा, आरोपियों ने धीरे-धीरे अपना पैसा दूसरों खातों में हस्तांतरित करना शुरू कर दिया था।
ऐसे में एसटीएफ ने उन खातों को भी सीज किया है, जिसमें रकम ट्रांसफर की गई थी। अब संबंधित बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। आरोपियों का राजनगर गाजियाबाद में कोटक महिंद्रा बैंक में एक खाता, राजनगर के यस बैंक में दो खाते, राजनगर एक्सिस बैंक में दो खाते, केनरा बैंक में तीन खातों की जानकारी मिली है। केनरा बैंक में 480 करोड़ रुपये और यस बैंक में 44 करोड़ रुपये जमा हैं। इसे एसटीएफ ने जब्त किया है।
एसटीएफ ने इसकी सूचना आरबीआई, आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और सेबी को भी दी है। सूचना मिलने के बाद गुरुवार को ही आयकर विभाग की एक टीम ने सूरजपुर स्थित एसटीएफ कार्यालय पहुंचकर आरोपियों से पूछताछ भी की।
जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय और सेबी भी मामले में जांच शुरू कर सकता है। एसटीएफ मामले में आगे की जांच के लिए इस एफआईआर को लखनऊ में अपने थाने में ट्रांसफर कराएगी।
पैसे वापस पाने के लिए करें शिकायत
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि जो भी लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, वह अपनी रकम वापस पाने के लिए संबंधित दस्तावेज के साथ पुलिस से शिकायत करें। जल्द ही एसटीएफ पीड़ितों की शिकायत प्राप्त करने के लिए एक ईमेल आईडी भी जारी करेगी।
एसटीएफ कंपनी के सर्वर से धोखाधड़ी का शिकार हुए सभी लोगों का नंबर प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। इनके मोबाइल नंबर पर बल्क एसएमएस के जरिये एसटीएफ शिकायत देने या केस की प्रगति आदि की सूचना भेजेगी।
ज्यादा से ज्यादा लोगों का पैसा वापस मिल सके इसके लिए एसटीएफ कोर्ट की अनुमति से आरोपियों की संपत्ति भी कुर्क करेगी। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी और महंगी गाड़ियां खरीद रखी हैं।
जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय और सेबी भी मामले में जांच शुरू कर सकता है। एसटीएफ मामले में आगे की जांच के लिए इस एफआईआर को लखनऊ में अपने थाने में ट्रांसफर कराएगी।
पैसे वापस पाने के लिए करें शिकायत
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि जो भी लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, वह अपनी रकम वापस पाने के लिए संबंधित दस्तावेज के साथ पुलिस से शिकायत करें। जल्द ही एसटीएफ पीड़ितों की शिकायत प्राप्त करने के लिए एक ईमेल आईडी भी जारी करेगी।
एसटीएफ कंपनी के सर्वर से धोखाधड़ी का शिकार हुए सभी लोगों का नंबर प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। इनके मोबाइल नंबर पर बल्क एसएमएस के जरिये एसटीएफ शिकायत देने या केस की प्रगति आदि की सूचना भेजेगी।
ज्यादा से ज्यादा लोगों का पैसा वापस मिल सके इसके लिए एसटीएफ कोर्ट की अनुमति से आरोपियों की संपत्ति भी कुर्क करेगी। आरोपियों ने धोखाधड़ी की रकम से करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी और महंगी गाड़ियां खरीद रखी हैं।
एसटीएफ के अनुसार निवेश के हिसाब से एबलेज कंपनी ने निवेशकों के कई क्लब बना रखे थे। कंपनी जल्द ही डायमंड क्लब के सदस्यों को ऑस्ट्रेलिया घुमाने की योजना बना रही थी। कंपनी को उम्मीद थी कि इससे उनका और प्रचार-प्रसार होगा और लोग ज्यादा से ज्यादा पैसे लगाएंगे।
गिरफ्तारी की सूचना पाकर ऑफिर पर पहुंचे निवेशक
अनुभव की गिरफ्तारी और कंपनी के फर्जीवाड़े की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में निवेशक गुरुवार को नोएडा सेक्टर-63 स्थित कंपनी के बाहर जमा हो गए। इसमें बहुत से ऐसे लोगों थे जिन्होंने कंपनी में मोटी रकम निवेश की है। इन्हें थोड़ा-थोड़ा रिटर्न मिल रहा था। लिहाजा, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि कंपनी ने कोई फर्जीवाड़ा किया है।
उधर, सेक्टर-63ए ब्लॉक में ही इसी तरह की एक और कंपनी का नाम भी सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि ये कंपनी भी निवेशकों से पैसे लेकर फर्जीवाड़ा कर रही है। कई जिलों से लोग इस कंपनी के बाहर भी अपना पैसा वापस पाने के लिए एकत्र हो गए। इसे लेकर झड़प भी हुई।
कंपनी ने प्रसारित किया फर्जी मेसेज
निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनी की तरफ से गुरुवार को काफी लोगों को मेसेज भेजा गया कि अनुभव मित्तल और श्रीधर को आयकर विभाग ने पूछताछ के लिए बुलाया था। दोपहर में इन लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
गिरफ्तारी की सूचना पाकर ऑफिर पर पहुंचे निवेशक
अनुभव की गिरफ्तारी और कंपनी के फर्जीवाड़े की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में निवेशक गुरुवार को नोएडा सेक्टर-63 स्थित कंपनी के बाहर जमा हो गए। इसमें बहुत से ऐसे लोगों थे जिन्होंने कंपनी में मोटी रकम निवेश की है। इन्हें थोड़ा-थोड़ा रिटर्न मिल रहा था। लिहाजा, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि कंपनी ने कोई फर्जीवाड़ा किया है।
उधर, सेक्टर-63ए ब्लॉक में ही इसी तरह की एक और कंपनी का नाम भी सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि ये कंपनी भी निवेशकों से पैसे लेकर फर्जीवाड़ा कर रही है। कई जिलों से लोग इस कंपनी के बाहर भी अपना पैसा वापस पाने के लिए एकत्र हो गए। इसे लेकर झड़प भी हुई।
कंपनी ने प्रसारित किया फर्जी मेसेज
निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कंपनी की तरफ से गुरुवार को काफी लोगों को मेसेज भेजा गया कि अनुभव मित्तल और श्रीधर को आयकर विभाग ने पूछताछ के लिए बुलाया था। दोपहर में इन लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
सोशल ट्रेड (डिजिटल मार्केटिंग) के नाम पर एक साल से की जा रही 3700 करोड़ की ठगी मामले में देश के लोगों के अलावा विदेशी भी शिकार हुए हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर बुलंदशहर, बागपत, गाजियाबाद आदि जिले कई पीड़ित बृहस्पतिवार सुबह सूरजपुर स्थित एसटीएफ कार्यालय पहुंच गए। अधिकांश लोगों को एसटीएफ के अधिकारियों ने संबंधित थाना क्षेत्र में शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा है।
सूरजपुर कोतवाली में बागपत निवासी दिनेश की शिकायत पर एसटीएफ नेे गोरखधंधे की पड़ताल शुरू की थी। एसटीएफ की पड़ताल में सामने आया है कि गोरखधंधे का ये बड़ा नेटवर्क चेेन सिस्टम से चल रहा था।
इसमें शामिल होने वाले लोगों को अन्य लोगों को इंवेस्ट कराने पर बोनस आदि के रुप में रुपया मिलने का झांसा दिया गया था। लालच के चलते जो लोग गोरखधंधे में शामिल होते गए वह अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को भी शामिल करते रहे। यही हाल दोस्तों और रिश्तेदारों का भी था वह भी अपने परिचितों को लगातार इस गोरखधंधे में फंसाकर गाढ़ी कमाई दांव पर लगा रहे थे।
गोरखधंधे में कुछ भारत में रहने वालेे नाईजीरियाई भी फंसकर मोटी रकम लगा चुके हैं। आरोपियों द्वारा संचालित वेबसाइट विदेशों में भी देखी जा सकती थी। इसके चलते इस बात का भी अंदेशा है कि इसमें बड़ी संख्या में विदेश में रहने वाले लोग भी ठगी का शिकार हो सकते हैं।
कई पीड़ितों को अब भी उम्मीद
एसटीएफ के खुलासे के बावजूद गोरखधंधे में फंसने के बाद करीबियों को फंसा चुके लोगों को अभी रुपये मिलने की उम्मीद है। कुछ लोग अपनेे करीबियों को आश्वासन दे रहे हैं कि अब तक उनके खाते में रुपये आते रहे हं, इसलिए आगे भी रुपये आएंगे। यही आश्वासन व अपनेे द्वारा गोरखधंधे में शामिल किए गए लोगों को दे रहे हैं।
पड़ताल में होंगे और भी खुलासे
सीओ एसटीएफ राजकुमार मिश्र ने बताया कि अभी इस मामले में कई और लोग शामिल हो सकते हैं। पकड़े गए लोगों के कुछ परिजनों के नाम सामने आ रहे हैं। आरोपियों के चंगुल में फंसकर कुछ नाईजीरियाई भी रकम लगा चुके हैं। विदेेशों में भी गोरखधंधे के पीड़ित होने की उम्मीद है। जांच के बाद इसका खुलासा होगा। बुलंदशहर, गाजियाबाद आदि जिलों के कई पीड़ित बृहस्पतिवार सुबह एसटीएफ कार्यालय पहुंचे थे। दो लोगों से लिखित शिकायत लेकर अन्य को संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी गई है।
सूरजपुर कोतवाली में बागपत निवासी दिनेश की शिकायत पर एसटीएफ नेे गोरखधंधे की पड़ताल शुरू की थी। एसटीएफ की पड़ताल में सामने आया है कि गोरखधंधे का ये बड़ा नेटवर्क चेेन सिस्टम से चल रहा था।
इसमें शामिल होने वाले लोगों को अन्य लोगों को इंवेस्ट कराने पर बोनस आदि के रुप में रुपया मिलने का झांसा दिया गया था। लालच के चलते जो लोग गोरखधंधे में शामिल होते गए वह अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को भी शामिल करते रहे। यही हाल दोस्तों और रिश्तेदारों का भी था वह भी अपने परिचितों को लगातार इस गोरखधंधे में फंसाकर गाढ़ी कमाई दांव पर लगा रहे थे।
गोरखधंधे में कुछ भारत में रहने वालेे नाईजीरियाई भी फंसकर मोटी रकम लगा चुके हैं। आरोपियों द्वारा संचालित वेबसाइट विदेशों में भी देखी जा सकती थी। इसके चलते इस बात का भी अंदेशा है कि इसमें बड़ी संख्या में विदेश में रहने वाले लोग भी ठगी का शिकार हो सकते हैं।
कई पीड़ितों को अब भी उम्मीद
एसटीएफ के खुलासे के बावजूद गोरखधंधे में फंसने के बाद करीबियों को फंसा चुके लोगों को अभी रुपये मिलने की उम्मीद है। कुछ लोग अपनेे करीबियों को आश्वासन दे रहे हैं कि अब तक उनके खाते में रुपये आते रहे हं, इसलिए आगे भी रुपये आएंगे। यही आश्वासन व अपनेे द्वारा गोरखधंधे में शामिल किए गए लोगों को दे रहे हैं।
पड़ताल में होंगे और भी खुलासे
सीओ एसटीएफ राजकुमार मिश्र ने बताया कि अभी इस मामले में कई और लोग शामिल हो सकते हैं। पकड़े गए लोगों के कुछ परिजनों के नाम सामने आ रहे हैं। आरोपियों के चंगुल में फंसकर कुछ नाईजीरियाई भी रकम लगा चुके हैं। विदेेशों में भी गोरखधंधे के पीड़ित होने की उम्मीद है। जांच के बाद इसका खुलासा होगा। बुलंदशहर, गाजियाबाद आदि जिलों के कई पीड़ित बृहस्पतिवार सुबह एसटीएफ कार्यालय पहुंचे थे। दो लोगों से लिखित शिकायत लेकर अन्य को संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी गई है।
वेबसाइट देखने और एड लाइक कर रोजाना 60 रुपये 18 सौ रुपये तक कमा सकते हैं। अगर कोई पार्टनर जोड़ते हैं, तो लाभ दोगुना हो जाएगा। इसके लिए कंपनी से पैक खरीदना होगा।
जितना बड़ा पैक खरीदेंगे और पार्टनर जोड़ेंगे, लाभ उतना बड़ा होगा। कंपनियां अपने प्लान में बहुत सारे पैक रखती हैं, जिनकी शुरुआत 5750 से 1.50 लाख या उससे ऊपर तक जाती है।
5750 के पैक में 5000 रुपये पैक का चार्ज होता है, जबकि 750 रुपये सर्विस टैक्स बताया जाता है, जो भी व्यक्ति इस पैक को खरीदता है, उसे रोजाना 9 लिंक भेजे जाते हैं। हर लिंक नौ रुपये का होता है। वर्ष में 255 लिंक मिलेंगे। इस हिसाब से वर्ष में 16063 रुपये मिलेंगे।
जितना बड़ा पैक खरीदेंगे और पार्टनर जोड़ेंगे, लाभ उतना बड़ा होगा। कंपनियां अपने प्लान में बहुत सारे पैक रखती हैं, जिनकी शुरुआत 5750 से 1.50 लाख या उससे ऊपर तक जाती है।
5750 के पैक में 5000 रुपये पैक का चार्ज होता है, जबकि 750 रुपये सर्विस टैक्स बताया जाता है, जो भी व्यक्ति इस पैक को खरीदता है, उसे रोजाना 9 लिंक भेजे जाते हैं। हर लिंक नौ रुपये का होता है। वर्ष में 255 लिंक मिलेंगे। इस हिसाब से वर्ष में 16063 रुपये मिलेंगे।
लाखों लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के भंडाफोड़ के बाद हापुड़ जिले के भी हजारों लोग सदमे में हैं। दरअसल, इस कंपनी में लोगों ने करोड़ों रुपये का निवेश कर रखा है। कंपनी का संचालक मूलरूप से पिलखुवा (हापुड़) का ही रहने वाला है।
कंपनी में हापुड़ और बाबूगढ़ समेत जिले हजारों परिवारों ने पैसा लगाया है। कुछ कंप्यूटर सेंटर संचालकों ने लोगों की आईडी पर क्लिक के रूप में मिलने वाले कार्य को करने का ठेका ले रखा था।
पूरे दिन निवेशकों के क्लिक करने के एवज में हजारों रुपये प्रतिदिन इन सेंटरों के संचालक कमा रहे थे। लेकिन बुधवार शाम कंपनी के नोएडा स्थित कार्यालय पर एसटीएफ द्वारा छापे की सूचना पर लोग सदमे में आ गए। बाबूगढ़ क्षेत्र में तो लोग सदमे में हैं।
दरअसल, शार्टकट से पैसा कमाने के चक्कर में मजदूरी करने वाले लोगों ने ब्याज तक पर रुपये लेकर इस कंपनी में निवेश कर डाला। वहीं, कुछ लोग तो अपनी नौकरियां छोड़कर इस धंधे में शामिल हो गए थे। ऐसी स्थिति में कंपनी बंद होती है तो हजारों लोग बर्बाद हो जाएंगे। हालांकि कुछ लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ सही हो जाएगा। इस स्थिति को लेकर पूरे दिन क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
एक राजनीतिक दल के पदाधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उसके और उसके भाई ने तो एक हजार से अधिक लोगों की आईडी लगवा रखी थीं। अगर यह कंपनी बंद हो गई तो उन्हें तथा उनके साथ आईडी लगाने वाले लोगों को कई लाख रुपये का नुकसान होगा।
अकेले उन्हें ही करीब 10 लाख की चपत लग जाएगी। बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर के एक व्यक्ति जतिन चौधरी का कहना है कि उसने भी लाखों रुपये की आईडी इस कंपनी में लगाई थीं लेकिन कंपनी के बंद होने पर उनकी रकम डूबने का खतरा है। हालांकि उक्त ग्रामीण का दावा है कि अभी तक कंपनी द्वारा किसी भी व्यक्ति का पैसा हड़पने की कोई सूचना नहीं मिली थी।
कंपनी में हापुड़ और बाबूगढ़ समेत जिले हजारों परिवारों ने पैसा लगाया है। कुछ कंप्यूटर सेंटर संचालकों ने लोगों की आईडी पर क्लिक के रूप में मिलने वाले कार्य को करने का ठेका ले रखा था।
पूरे दिन निवेशकों के क्लिक करने के एवज में हजारों रुपये प्रतिदिन इन सेंटरों के संचालक कमा रहे थे। लेकिन बुधवार शाम कंपनी के नोएडा स्थित कार्यालय पर एसटीएफ द्वारा छापे की सूचना पर लोग सदमे में आ गए। बाबूगढ़ क्षेत्र में तो लोग सदमे में हैं।
दरअसल, शार्टकट से पैसा कमाने के चक्कर में मजदूरी करने वाले लोगों ने ब्याज तक पर रुपये लेकर इस कंपनी में निवेश कर डाला। वहीं, कुछ लोग तो अपनी नौकरियां छोड़कर इस धंधे में शामिल हो गए थे। ऐसी स्थिति में कंपनी बंद होती है तो हजारों लोग बर्बाद हो जाएंगे। हालांकि कुछ लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ सही हो जाएगा। इस स्थिति को लेकर पूरे दिन क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
एक राजनीतिक दल के पदाधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उसके और उसके भाई ने तो एक हजार से अधिक लोगों की आईडी लगवा रखी थीं। अगर यह कंपनी बंद हो गई तो उन्हें तथा उनके साथ आईडी लगाने वाले लोगों को कई लाख रुपये का नुकसान होगा।
अकेले उन्हें ही करीब 10 लाख की चपत लग जाएगी। बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के गांव रसूलपुर के एक व्यक्ति जतिन चौधरी का कहना है कि उसने भी लाखों रुपये की आईडी इस कंपनी में लगाई थीं लेकिन कंपनी के बंद होने पर उनकी रकम डूबने का खतरा है। हालांकि उक्त ग्रामीण का दावा है कि अभी तक कंपनी द्वारा किसी भी व्यक्ति का पैसा हड़पने की कोई सूचना नहीं मिली थी।
सोशल ट्रेडिंग कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार अनुभव मित्तल मूलरूप से पिलखुवा (हापुड़) का रहने वाला है। पिलखुवा के मोहल्ला कृष्णगंज में उसके पिता सुनील मित्तल की बिजली की दुकान है।
जानकारी के मुताबिक अनुभव की प्रारंभिक शिक्षा पिलखुवा में ही हुई। वर्ष 2011 में नोएडा के एक इंजीनियरिंग कालेज से उसने बीटेक की पढ़ाई की। बीटेक की पढ़ाई के बाद पिलखुवा में उसका आना-जाना कम हो गया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान वह ठगी के इस गोरखधंधे में उतरा।
वह अक्सर गाजियाबाद और नोएडा में ही रहता था। अनुभव का विवाह भी दिसंबर 2015 में कानपुर से ही हुआ था। लोगों का कहना है कि अनुभव मित्तल के पिता ने उसे बेदखल कर रखा है।
इस संबंध में जब अनुभव के पिता से बात करने के लिए उसके घर जाया गया तो वहां केवल एक महिला मिली और उसने भी कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। पिता का मोबाइल भी बंद मिला।
जानकारी के मुताबिक अनुभव की प्रारंभिक शिक्षा पिलखुवा में ही हुई। वर्ष 2011 में नोएडा के एक इंजीनियरिंग कालेज से उसने बीटेक की पढ़ाई की। बीटेक की पढ़ाई के बाद पिलखुवा में उसका आना-जाना कम हो गया। बताया जा रहा है कि इसी दौरान वह ठगी के इस गोरखधंधे में उतरा।
वह अक्सर गाजियाबाद और नोएडा में ही रहता था। अनुभव का विवाह भी दिसंबर 2015 में कानपुर से ही हुआ था। लोगों का कहना है कि अनुभव मित्तल के पिता ने उसे बेदखल कर रखा है।
इस संबंध में जब अनुभव के पिता से बात करने के लिए उसके घर जाया गया तो वहां केवल एक महिला मिली और उसने भी कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। पिता का मोबाइल भी बंद मिला।
ठगी के इस गोरखधंधे में बुलंदशहर के करीब दस हजार लोगों का पैसा फंस गया है। व्यापारी से लेकर महिलाएं, नौकरीपेशा और कमजोर तबके के लोग भी ऑनलाइन बिजनेस में ठगी का शिकार हुए हैं।
बुलंदशहर के डिस्ट्रिक्ट ई मैनेजर पीयूष चौधरी का कहना है कि जिले में करीब 10 हजार से ज्यादा लोग इसी ठगी का शिकार हो चुके हैं। इसमें बड़ी संख्या में युवा और व्यापारी हैं। उन्होंने बताया कि अनुमान के हिसाब से करीब 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी जिले के लोगों के साथ हो हुई है।
पीड़ित पुनीत कुमार, अमित, वरुण, राकेश, राहुल, विवेक आदि ने बताया कि सोशल ट्रेड के मकड़जाल में वह फंसते चले गए। उन्होंने बताया कि कंपनी के बारे में कुछ लोगों ने उन्हें गुमराह किया। पहले थोड़े पैसे लगवाए गए और इसके बाद उन्हें रिटर्न दिया गया।
रिटर्न मिलने के बाद उनका और पैसा लगवा दिया गया। ऐसे कर-करके उनके इनवेसटमेंट की रकम बढ़ती चली गई। पीड़ितों ने बताया कि कंपनी पर उनके लाखों रुपये इन्वेस्ट करा दिए और अब कंपनी भाग गई।
लोगों को फांसने के लिए सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए
सोशल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक ने लोगों को फंसाने के लिए कई सेलेब्रिटीज का भी सहारा लिया गया। कंपनी के मालिक ने सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए। लोगों को वीडियो-फोटो दिखाकर फंसाया गया।
(अमर उजाला से साभार)
बुलंदशहर के डिस्ट्रिक्ट ई मैनेजर पीयूष चौधरी का कहना है कि जिले में करीब 10 हजार से ज्यादा लोग इसी ठगी का शिकार हो चुके हैं। इसमें बड़ी संख्या में युवा और व्यापारी हैं। उन्होंने बताया कि अनुमान के हिसाब से करीब 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी जिले के लोगों के साथ हो हुई है।
पीड़ित पुनीत कुमार, अमित, वरुण, राकेश, राहुल, विवेक आदि ने बताया कि सोशल ट्रेड के मकड़जाल में वह फंसते चले गए। उन्होंने बताया कि कंपनी के बारे में कुछ लोगों ने उन्हें गुमराह किया। पहले थोड़े पैसे लगवाए गए और इसके बाद उन्हें रिटर्न दिया गया।
रिटर्न मिलने के बाद उनका और पैसा लगवा दिया गया। ऐसे कर-करके उनके इनवेसटमेंट की रकम बढ़ती चली गई। पीड़ितों ने बताया कि कंपनी पर उनके लाखों रुपये इन्वेस्ट करा दिए और अब कंपनी भाग गई।
लोगों को फांसने के लिए सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए
सोशल ट्रेडिंग कंपनी के मालिक ने लोगों को फंसाने के लिए कई सेलेब्रिटीज का भी सहारा लिया गया। कंपनी के मालिक ने सेलेब्रिटी संग वीडियो-फोटो वायरल कराए। लोगों को वीडियो-फोटो दिखाकर फंसाया गया।
(अमर उजाला से साभार)
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