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यदि आपने अपने राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया तो आपको सरकारी सस्ती राशन मिलना बंद हो जाएगा। 30 जून तक आधार को राशन कार्ड से लिंक कराना जरूरी।

अब एलपीजी सिलेंडर की तरह राशन दुकानों से सब्सिडी में जरूरी सामन खरीदे के लिए भी आधार कार्ड जरूरी होगा। सरकार ने इसके लिए 30 जून की तारीख तय की है। यानी इस तारीख तक राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराने पर आपको सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा। फूड एंड कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इससे फूड सिक्युरिटी लॉ के तहत हर साल दी जाने वाली 1.4 लाख करोड़ की सब्सिडी में गड़बड़ियां और करप्शन दूर होगा। 


सरकार के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं हैं, वे 30 जून तक इसे बनवा लें। इसके बाद बिना आधार के राशन खरीदने पर सब्सिडी नहीं मिलेगी। नेशनल फूड सिक्युरिटी लॉ (NFSA) के दायरे में देश की 80 करोड़ आबादी आती है। जिसे प्रति व्यक्ति के हिसाब से हर महीने 1 से 3 रुपए किलो गेंहू और चावल सब्सिडी रेट पर दिया जाता है।

नोटिफिकेशन के मुताबिक, सब्सिडी ले रहे लोगों को अब आधार कार्ड की जानकारी राशन दुकान पर देनी होगी। जिससे उन्हें बैंक में डायरेक्ट सब्सिडी ट्रांसफर की जा सकेगी। राशन खरीदने पर फिलहाल चंडीगढ़, पुड्डुचेरी और दादर नगर हवेली में सब्सिडी सीधे खाते में पहुंच रही है। असम, मेघालय और जम्मू-कश्मीर को छोड़कर यह नोटिफिकेशन देश के सभी राज्यों के लिए लागू होगा। राज्य सरकारों से कहा गया है कि कैश सब्सिडी के लिए आधार नंबर मिलने के 3 दिन में इसे राशन कार्ड या बैंक खाते से जोड़ा जाए।
जब तक किसी व्यक्ति का आधार कार्ड बनकर नहीं आता है। उसे राशन कार्ड और आधार इनरोलमेंट आईडी स्लिप दिखानी होगी या आधार बनवाने के लिए जरूरी वोटर आईडी, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेजों की एक कॉपी जमा करनी होगी। तभी सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
राशन पर सब्सिडी लेने के लिए आधार अप्लाई करना होगा। इसके लिए दुकान के ऑनर या सरकार के पोर्टल पर जाकर नाम, पता, मोबाइल नंबर, राशन कार्ड नंबर की जानकारी देनी होगी। जिससे कुछ दिन में आधार नंबर आ जाएगा।

मिनिस्ट्री के एक सीनियर अफसर ने बताया कि राशन कार्ड को आधार से लिंक करने के लिए कई बार राज्यों से कहा गया, लेकिन इसकी रफ्तार बहुत धीमी थी। पीडीएस सिस्टम में मौजूद गड़बड़ी-करप्शन को खत्म करने और सब्सिडी में बेहतर टारगेट के लिए यह डिजिटाइजेशन जरूरी है।

अफसरों के मुताबिक, अभी मिनिस्ट्री ने देश के कुल 72 फीसदी (23 करोड़) राशन कार्ड को वरीयता दी है। जिनमें से 16 करोड़ आधार से लिंक हो चुके हैं। देश में कुल 5.27 लाख राशन की दुकाने हैं।

 

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