कब तक केरल राज्य प्रायोजित हिंसा के आग में जलता रहेगा ? केरल में मार्क्सवादी गुंडों ने फिर रविवार के रात को एक 20 वर्षीय भाजपा नेता निर्मल का हत्या कर दिया। अभी 18 जनवरी को मार्क्सवादी गुंडों ने संतोष नाम के भाजपा नेता का हत्या किया था।
केरल में मार्क्सवादी
गुंडों द्वारा आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं
पर लगातार हो रहे हमले रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जबसे सीपीएम केरल की सत्ता में आया है, तबसे संघ और भाजपा के कार्यकर्ताओं पर हमले का सिलसिला शुरू हो गया। अब वहां के सामाजिक लोगों ने पूछना शुरू कर दिया है, "क्या संघ-भाजपा कार्यकर्ताओं
की हत्या, राज्य प्रायोजित हत्या है?" !
आखिर कारन क्या है सीपीएम के सत्ता में आने के बाद से उसके कार्यकर्ताओं द्वारा हत्याओं का सैलाब केरल में आ गया है?
केरल के त्रिशूर में रविवार रात को एक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। मंदिर में चल रहे फेस्टिवल के दौरान कथित तौर पर सीपीएम कार्यकर्ताओं
ने इस हत्या को अंजाम दिया। इस घटना के बाद बीजेपी ने हड़ताल का आह्वान कर दिया है।
बीजेपी कार्यकर्ता की शिनाख्त 20 वर्षीय निर्मल के रूप में हुई है, जो नेत्तिसरी का रहने वाला है। 29 वर्षीय थॉमस भी हमले का शिकार हुआ। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीजेपी ने इस घटना के विरोध में आज शहर में हड़ताल का ऐलान किया है।
केरल की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाने वाला त्रिशूर वामपंथ और दक्षिणपंथी विचारधाराओं
के टकराव को देखते हुए राजनीतिक लिहाज से भी काफी संवेदनशील माना जाता है। इससे पहले 18 जनवरी को भी एजुथान संतोष नाम के बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड का आरोप भी सीपीएम कार्यकर्ताओं
पर लगा था। इस मामले में पुलिस ने 20 जनवरी को 5 सीपीएम कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था।
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