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अब मेडिकल की तरह इंजिनियरिंग लिए भी सिंगल एंट्रेंस टेस्ट एग्जाम होगा। केंद्र ने 2018 से सिंगल एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दिया है।

अब मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए सिंगल एंट्रेंस की तर्ज पर  इंजिनियरिंग और आर्किटेक्चर के लिए भी अंडरग्रैजुएट लेवल पर सिंगल एंट्रेंस टेस्ट होगा। केंद्र ने 2018 से सिंगल एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दिया  है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शैक्षिक वर्ष 2018-19 से प्रस्ताव के क्रियान्वयन के लिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) को एक उचित रेग्युलेशन जारी करने के लिए कहा है। 

जिस तरह अमेरिका में कॉलेजों में दाखिले के लिए  SAT का एक साल में कई बार आयोजन होता है, उसी तरह इसका भी आयोजन होगा। इसका मकसद शैक्षिक स्तर में समानता लाना और दाखिले में डोनेशन के बढ़ते प्रभाव को खत्म करना है।

पहले की तरह आईआईटी सिंगल एंट्रेंस टेस्ट के दायरे से बाहर रहेंगे। वे  अपना खुद का एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करेंगे।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय  ने एआईसीटीई से भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए परीक्षा की प्रक्रिया तैयार करने को कहा है। एआईसीटीई के सूत्रों ने बताया कि नीट की तरह ही इसका भी कई भाषाओं में एग्जाम होगा। इस साल नीट का 10 भाषाओं में आयोजन होगा।

अभी  कई राज्य अपना अलग इंजिनियरिंग टेस्ट आयोजित करते हैं या दाखिला 12वीं क्लास के मार्क्स के आधार पर होता है। पांच राज्यों के इंजिनियरिंग कॉलेज जेईई (मेंस) में प्राप्त अंकों के आधार पर दाखिला देते हैं। 27 राज्यों में कुल 3,288 इंजिनियरिंग कॉलेज हैं। सबसे ज्यादा 527 कॉलेज तमिलनाडु में हैं, फिर महाराष्ट्र में 372, आंध्र प्रदेश में 328, उत्तर प्रदेश में 295 और मध्य प्रदेश में 211 इंजिनियरिंग कॉलेज हैं।


 

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