बदनाम किया जा रहा है भूमिहारों और जाटों को, कमजोर हो रहा है हिन्दू समाज और भारत देश। ==========================================
#जाट और #भूमिहार
जाट और भूमिहार भारत के दो सशक्त-वीर-उत्साही जाति है, जो पिछले कुछ
वर्षों से मिडिया और मार्क्सिज्म बुद्धिजीवियों के निशाने पर
है। दोनों जातियों को बदनाम करने का यह एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है। हिन्दू समाज को कमजोर करने के लिए ही नहीं, देश को कमजोर
करने के लिए भी यह बहुत बड़ा षड्यंत्र है।
इतिहास को तोड़मरोड़कर पहले ब्राह्मणों को विलेन बनाने का षड्यंत्र
किया गया। हर ऐतिहासिक दुर्घटना के लिए ब्राह्मणों को जिम्मेवार
ठहराया गया, जैसे ब्राह्मण ही देश का सदा का शासक रहा हो। और इस अभियान को किसी गैर सवर्ण ने नहीं बल्कि
पश्चिमी देशों और मिशनरियों के पैसे पर सवर्ण मार्क्सवादियों ने अंजाम दिया।
ब्राह्मण को विलेन बनाने का चरण जब पूरा हो गया तब सवर्ण
जाति से भूमिहार और जाट को कुछ वर्षों से उसी बामी-मिशनरीज गिरोहों द्वारा
टार्गेटेड किया जा रहा है।
सबको पता है सवर्ण हिन्दू में सबसे सशक्त-ताकतवर जाट और भूमिहार ही
है। जितना प्रतिरोधक शक्ति और अपने जाति के प्रति का एकता और गौरव का भाव इस दोनों
समुदाय में है अन्य किसी समुदाय में इस स्तर पर नहीं है। इसलिए मिडिया के माध्यम
से हो या बुद्धिरक्षसों के माध्यम से इन दोनों जातियों के मूल आत्माओं
पर लगातार प्रहार किया जाता रहा है। दोनों वीर जातियों को अपराधीयों
के जाति के रूप में निरुपित किया जाता रहा है। उद्देश्य यही था इतनी
ग्लानि इन दोनों जातियों में भर दे जिससे इनका प्रतिरोधक क्षमता समाप्त हो जाए और भारत को मनमाफिक दायरों में मोड़ना आसान हो। जैसा की हम-आप जानते है खाप जाटों की एकता का रीढ़ है, इसलिए जाटों की
रीढ़ को कमजोर करने लिए खाप को लगातार बदनाम करने की मुहीम चलता रहा है।
उद्देश्य एक ही है भारत को ईसाई राज्य के रूप में स्थापित करना।
इसलिए मार्क्सिज्म सवर्णों द्वारा एक पटकथा तैयार करवाया गया, "दलित और आदिवासी हिन्दू नहीं है"! फिर पिछड़ों को बृहद हिन्दू समाज से
अलग करने लिए इन्ही भाड़े
के बुद्धिजीविओं को खड़ा किया गया जिसने थ्योरी गढ़ा," संख्या
तुम्हारा और राज ये ब्राह्मण कर रहा है अदि-आदि" ! इतने से जब सफलता हाथ नहीं
आया तो अगले चरण में कुप्रचार शुरू किया गया," ये हिन्दू धर्म नहीं ये तो
ब्राह्मण धर्म है" !
गौर से देखेंगे तो स्प्ष्ट हो जाएगा ये पटकथा कितनी सावधानी से
सैकड़ों वर्ष पुर्व लिखा गया होगा जिसका क्रियान्वयन कितनी सावधानी से स्टेप बाय
स्टेप हो रहा है। जिसको जहर दिया जा रहा है, वो अमृत समझ पी रहा है। जिसको
खंजर घोपा जा रहा है है, वो इसे शल्य क्रिया समझ रहा है। बदनाम किया जा रहा है भूमिहारों और
जाटों को, कमजोर हो रहा है हिन्दू समाज और भारत देश।
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