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विकास ने नहीं, हिंदुत्व ने नरेंद्र मोदी को गुजरात में विजयश्री दिलाया।

गुजरात में चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अंत में विकास की जयकारा लगाया, "जीतेगा भाई जीतेगा, विकास हीं जीतेगा"

ठीक है, पब्लिक पोश्चरिंग के लिए विकास का नारा लगाना सही है। लेकिन इसी विकास ने मोदी जी का हीं नहीं संपूर्ण पार्टी की सांसे रोक लिया था जब कांग्रेस पार्टी ने विकास के मुद्दों पर भाजपा से जवाब मांगना शुरू किया।

ये सही है किसी भी पार्टी के लिए विकास प्राथमिकता की सूची में सबसे उपर होनी चाहिए। बिना विकास के मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति असंभव है। भाजपा ने गुजरात में विकास भी बहुत किया है। लेकिन ये विकास भी आवश्यकताओं की तरह अनंत है, एक की पूर्ति के बाद आगे की आकांक्षाएं हिलोरें मारने लगता है। इसलिए पुरे देश के सबसे विकसित राज्य में भी जब विकास को लेकर सवाल कांग्रेस ने खड़ा किया तो जनता को भी लगा, हाँ जैसा दिखाया जा रहा है वैसा विकास तो उसका हुआ नहीं। किसी जनता, मिडिया, बुद्धिजीवी ने कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं से ये सवाल नहीं उठाया की विगत 70 सालों के शासन में कौन सा ऐसा मॉडल स्टेट तुम्हारा है, जहाँ गुजरात से बेहतर विकास हुआ है? जिसपर भरोसा कर हम तुम्हें वोट करें।

"आवश्यकताएं अनंत है, एक की पूर्ति के बाद दूसरा मुंह बांए खड़ा रहता है"। कांग्रेस ने इस मनोविज्ञान को समझकर भाजपा को विकास के मुद्दे पर घेर लिया। विकास के असफलता को सिद्ध करने के लिए उसने प्रायोजित जनांदोलन खड़ा किया और जनता को बताया यदि विकास हुआ होता तो समाज के इतने बड़े समुदाय सड़क पर नहीं आते, आरक्षण की मांग नहीं करते।

भाजपा और मोदी ने भांप लिया किसी तर्क और डाटा से विकास को समझाना और जनता को समझाना अब मुश्किल है फिर उसने अपने किले को बचाने के लिए हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का सहारा लिया और विजय का मार्ग प्रशस्त किया।

कथित विकास ने गुजरात की जनता में जो नाराजगी पैदा किया था, उसे हिंदुत्व की फुहारों से भाजपा ने ठंढा किया। तो जनता ने भी व्यक्तिगत परेशानी भूलकर राष्ट्रहित के लिए अंतिम पलों में भाजपा को वोट देकर विजय दिला दिया।

गुजरात की जनता में हिंदुत्व की अलख जगाने में सबसे बड़ी भूमिका यदि किसी एक व्यक्ति का था तो वो कांग्रेस के कपिल सिब्बल का था। कपिल सिब्बल ने राहुल गांधी के सम्मोहन से गुजरात की जनता को जगा दिया। मंदिर-मंदिर परिक्रमा कर राहुल गांधी ने जिस तिल्लिस्म का निर्माण किया था उसे कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद के पक्ष में खड़े होकर एक हीं झटके में तोड़ दिया। राहुल की जीते हुए बाजी को सिब्बल ने हार में पलट दिया और भाजपा के लिए विजय का द्वार खोल दिया।

इस तरह विकास ने जिस भाजपा को गुजरात के चुनावी मैदान में औंधे मुंह पटक दिया था, हिंदुत्व-राष्ट्रवाद-राममंदिर ने उसे फिर से  खड़ा कर दिया।
#गुजरात_चुनाव 2017 

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