पुत्र किसे कहें?
कहा गया है "अपुत्रो गतिर्नास्ति" अर्थात् पुत्रहीन को मुक्ति नहीं मिलता है।
परंतु पुत्र किसे कहें?
पूतना नामके नर्क से जो बचाबे, उसीको पुत्र कहा गया है।
पुत्र का तीन कर्तव्य कहा गया है :
जीवितो वाक्य कर्णात् क्षयाहे भूरि भोजनात्।
गयायां पिण्डदानाच्च त्रिभिः पुत्रस्य पुत्रता ॥
पिता के जीवित रहते हुए उनका कहा माने, पिता के मरने पर खूब भोज कराबे और गया जाकर उनका पिण्डदान करे।
यही तीन पुत्रका कर्तव्य है।
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