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कथित किसान आंदोलन एक अवलोकन :



यह किसान आंदोलन विशुद्ध रुप से खलिस्तानियों का आंदोलन है, जिसमें मोदी और हिंदुत्व विरोध में अंधे हो चुके वामपंथियों का पहले दिन से सहभागिता रहा है। धीरे-धीरे आंदोलन में कांग्रेस, केजरीवाल का इंट्री हुआ, फिर सदा से सदा से भारत और भारतियता का विरोधी मुसलमानों ने इस बहती गंगा में हाथ धोने का कुत्सित प्रयास किया।

हाल में जाटों खापों के एक वर्ग को अपने आंसुओं से टिकैत ने बरगलाकर इस राष्ट्रविरोधी आंदोलन में जोड़ा है। लेकिन मेरा मानना है जाट कट्टर राष्ट्रवादी होता है ज्यादा दिन तक टिकैत के झांसे में नहीं रहेगा, राष्ट्र के मुख्यधारा में वापस आ जाएगा।

तो इस आंदोलन की जो प्रकृति है उसमें  हमारे राष्ट्रवादी सरकार को इन बहुरूपिये इसी तरह खेलाते नंगा करते हुए थकाने की रणनीति पर चलना चाहिए। 

थकहार कर आपस में हीं लड़ कटकर ये नष्ट हो जाएंगे। क्योंकि ये प्रकृति विरोधी हैं, ये विकास विरोधी हैं, ये देश विरोधी हैं।

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