नपुंसक दिल्ली प्रशासन ने चांदनी चौक के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया।
ये दिल्ली के चांदनी चौक का प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है। बहुतों बार इस छोटे से सिद्ध और प्रसिद्ध मंदिर जा चुका हूँ। यहां के प्याऊ पर अनगिनत बार अपनी प्यास बुझा चुका हूँ। इसी मंदिर पर पिलिया की दवा गरीबों को मुफ्त मिलता रहा है, जहाँ से दिल्ली हीं नहीं बाहर से आकर लोग दवा लिया करते हैं।
ऐसे सिद्ध और प्राचीन हनुमान मंदिर को नपुंसक दिल्ली प्रशासन ने रात के अंधेरे में तोड़ दिया।
इसी नपुंसक प्रशासन की हिम्मत कुकुरमुत्तों की तरह दिल्ली के सड़कों के बीच उग आए मजारों को हटाने की हिम्मत कभी नहीं हुआ।
दिल्ली के कनाट पैलेस में व्यस्ततम सड़क के बीचोंबीच मस्जिद खड़ा है उसे हटाने का साहस ये नपुंसक प्रशासन कभी नहीं कर सका।
सुप्रीम कोर्ट के आर्डर के बाद सैकड़ों एकड़ के निजामुद्दीन पार्क को अवैध मस्जिद और मजारों के अतिक्रमण से मुक्त नहीं करा पाया।
यही निर्लज्ज, निर्दयी प्रशासन को हिंदुओं के आस्था पर बुलडोज़र चलाते जरा सा भी शर्म नहीं आया।
आहत हूँ, मर्माहत हूँ शापित करता हूँ जिसने ऐसा पापपूर्ण निर्णय लिया उसके पूरे खानदान को बजरंगबली अकालमृत्यु दे।
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