यूपी की भारी जीत राष्ट्रवाद के नए धमक की निशानी है।
भारत में राष्ट्रवाद के इस नए विस्फोट में जेएनयू से लगे नारे "भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह - इंशा अल्लाह" का बड़ा योगदान है। और इस विस्फोट को मजबूती प्रदान करने में देश के सेकुलर दलों की महत्वपूर्ण भूमिका है। भाजपा को छोड़कर भारत के सारे सेकुलर दलों ने जिस एकजुटता के साथ भारत को तोड़ने वालों के समर्थन मे जेएनयू में सभा किया और उसका मनोबल बढाया उसने राष्ट्रवाद की चिंगारी को देश के कोने-कोने में पहुंचा दिया।
इस घटना के बाद आपने देखा होगा शहर के मोहल्लों से लेकर गांव के चौराहों तक ऊंचे-ऊंचे तिरंगे झंडे की बाढ आ गया। ये राष्ट्रवाद के प्रस्फुटन की सजीव झांकी है, जिसे सेकुलर पार्टी से लेकर सेकुलर मीडिया तक देख नहीं पाया।
बस इन राष्ट्र भक्तों को एक मजबूत नायक चाहिए था, जो राष्ट्र की अखंडता को अक्षुण रख सके। और उसे जब मोदी जैसा महानायक मिला तो उसने उसके एक आवाज पर अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। यूपी की भारी जीत राष्ट्रवाद के नए धमक की निशानी है।
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