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मोदी सरकार ला रहा है "स्वास्थ्य क्रांति" का महायोजना, निजी अस्पतालों में भी होगा सबका मुफ्त ईलाज।

देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सबके लिए सुलभ बनाने के लिए  मोदी सरकार ने पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद स्वास्थ्य सुधार की दिशा में बड़ा और दूरगामी कदम उठाया  है। कैबिनेट ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को मंजूरी दे दी है। नई हेल्थ पॉलिसी के तहत हर किसी को सरकारी इलाज की सुविधा मिलेगी और किसी मरीज को इलाज के लिए मना नहीं किया जा सकता है। नई पॉलिसी में मरीजों के लिए बीमा का भी प्रावधान है नए पॉलिसी लागु हो जाने के बाद स्वास्थ्य का बजट दोगुना हो जाएगा। 

>  नई पॉलिसी के तहत  अब मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में भी इलाज करवाने की छूट मिलेगी विशेषज्ञों से इलाज के लिए लोगों को सरकारी या निजी अस्पताल में जाने की छूट होगी। स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निजी अस्पतालों को ऐसे इलाज के लिए तय रकम दी जाएगी। ऐसे में नए अस्पताल बनाने में लगने वाले धन को सीधे इलाज पर खर्च किया जा सकेगा। इस समय देश में डॉक्टर से दिखाने में 80% और अस्पताल में भर्ती होने के मामले में 60% हिस्सा प्राइवेट सेक्टर का है। लेकिन प्राइवेट सेक्टर में जाने वाले लोगों में अधिकतर को अपनी जेब से ही इसका भुगतान करना होता है।   

>  नए प्रस्ताव में व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बात कही गई है। इसके तहत मातृ और शिशु मृत्यु दर घटाने के साथ-साथ देशभर के सरकारी अस्पतालों में दवाइयां और रोंगों की जांच के सभी साधन की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

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स्वास्थ्य के क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन पर भी जोर दिया जाएगा। प्रमुख बीमारियों को खत्म करने के लिए खास टारगेट तय किया गया है। जहां सरकार अपना ध्यान प्राथमिक चिकित्सा को मजबूत बनाने पर लगाएगी।

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नए प्रस्ताव के अनुसार, जिला अस्पताल और इससे ऊपर के अस्पतालों को पूरी तरह सरकारी नियंत्रण से अलग किया जाएगा और इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) प्रॉजेक्ट में प्राइवेट पार्टी को भी शामिल किया जाएगा।

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स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस नीति के तहत व्यापक बदलाव करते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का दायरा बढ़ाया गया है। नई नीति के तहत पहली बार जहां जिला अस्पतालों के उन्नयन पर विशेष जोर दिया जाएगा, वहीं कार्यक्रमों को अमली जामा पहनाने की रूपरेखा भी तय की जाएगी।

 
नए राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति पिछले दो साल से लंबित थी। इस पॉलिसी के बाद सरकार का लक्ष्य है कि देश के 80% लोगों का इलाज पूरी तरह सरकारी अस्पातल में मुफ्त हो जिसमें दवा, जांच और इलाज शामिल होंगे। पॉलिसी में इंश्योरेंस की भी व्यवस्था की गई है। सभी मरीजों को बीमा का लाभ दिया जाएगा।

नए राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति राज्यों के लिए  मानना अनिवार्य नहीं होगा और सरकार की नई नीति एक मॉडल के रूप में उन्हें दे दी जाएगी और इसे लागू करें या नहीं, यह संबंधित राज्य सरकार पर निर्भर करेगी।

 
कहा जाता है पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामाहेल्थ केयर स्कीम से काफी प्रभावित थे और मौजूदा पॉलिसी में उससे कुछ इनपुट लिए गए हैं।


> नए स्वास्थ्य पॉलिसी के पास होने के बाद स्वास्थ्य पर खर्चा जीडीपी का 2.5% हो जाएगा और इसके तीन लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। इस समय यह जीडीपी का 1.04% है। सूत्रों के अनुसार, पॉलिसी में हेल्थ टैक्स लगाने का भी प्रस्ताव है।

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