तब का मुस्लिम लीग हीं, आज का कांग्रेस है।
1947 में भी देश में ऐसी हीं स्थिति था, बस पात्र अलग थे। तब मुस्लिम लीग था, आज उसकी भूमिका में कांग्रेस है।
अपनी बात मनवाने के लिए मुस्लिम लीग ने तब डायरेक्ट एक्शन का सहारा लिया था। भयंकर आगजनी-तोड़फोड़-हत्या को हथियार बनाया था, अपने लिए अलग राष्ट्र पाकिस्तान के निर्माण के लिए।
आज कांग्रेस सत्ता के लिए बिलकुल मुस्लिम लीग के रास्तों पर चल रहा है। जिस राज्य में कांग्रेस सत्ता में नहीं है उन राज्यों में नागरिकों के असंतोष को उभारकर, हत्या-आगजनी-लूट के द्वारा वर्तमान सत्ता को घूटने टेकने पर मजबूर करना चाहता है। जिससे वर्तमान सत्ता मजबूर होकर उसे सत्ता हस्तांतरण कर दे।
आज कांग्रेस बिलकुल मुस्लिम लीग तरह डायरेक्ट एक्शन के मूड में है, सत्ता प्राप्ति के लिए वह कुछ भी कर सकता है।
बस अब वर्तमान सत्ता पर है वो गांधी-नेहरू की तरह सरेंडर करता है या मुकाबला कर कांग्रेस के डायरेक्ट एक्शन को अपने बुलडोजर के निचे कुचल डालता है।
गुजरात- हरियाणा के बाद कांग्रेस अब मध्यप्रदेश में अपने डायरेक्ट एक्शन का सफलतापूर्वक परीक्षण कर चूका है। छोटे स्तर पर इस एक्शन की क्या विभीषका रहा है ये हमलोग देख चूके हैं। जब ये एक्शन राष्ट्रीय स्तर पर होगा, तो इसकी विभीषका कैसा होगा सोच कर हीं शरीर में सिहरन पैदा हो रहा है।
कांग्रेस इस षडयंत्र में इसलिए सफल हो रहा है, क्योंकि देश इसके लिए कुछ भी नहीं है, सत्ता हीं सबकुछ है। देश और उसके नागरिक केवल उसके सत्ता का साधन मात्र है।
जबकि भाजपा के लिए स्थिति बिलकुल उलट है भाजपा के लिए देश पहले है। उसके लिए सत्ता मात्र देश सेवा का साधन है। कांग्रेस भाजपा के इसी स्थिति का फायदा उठाना चाहता है।
जब स्थिति इस कदर बदतर हो और हाथों से निकलता जा रहा हो तब भाजपा को चाहिए देश के नागरिकों को विश्वास में लेकर पूर्ण ताकत के साथ कांग्रेस के इस षडयंत्र को पूरी तरह कुचल दे। जिससे कांग्रेस का मुस्लिम लीग बनने का सपना धरा का धरा रह जाएगा।
No comments: