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नेंसी को न्याय और सोशल मिडिया

#Justice4Nancy
आज नेंसी हत्याकांड में जो प्रगति दिखाई दे रहा है, उसका मुल सोशल मिडिया है। नेंसी कोई पहली घटना नहीं है हमारे देश में, आए दिन ऐसे दुखद घटना घटित होता रहता है। लेकिन ना समाज आंदोलित हो पाता है और ना मिडिया ऐसे घटना को समुचित तवज्जो देता है। और राजनीतिक उदासीनता का ऐसा आलम है, घटना यदि वोटबैंक के दृष्टि से उपयोगी नहीं है तो कोई पार्टी सुधि तक नहीं लेता है।


नेंसी की घटना के बाद वैसा हीं प्रशासनिक और राजनीतिक उदासीनता देखने को मिला। मिडिया भी तब जागा जब सोशल मिडिया ने उसे जागने पर विवश कर दिया।

आज जब सोशल मिडिया के माध्यम से मिथिला के युवाओं ने "नेंसी को न्याय" दिलाने के लिए जो अनवरत आंदोलन चलाया उसका अनुगूंज बिहार हीं नहीं, आज पुरे भारत में सुनाई दे रहा है। लेकिन सबसे तकलीफदेह है, बिहार का कोई राजनीतिक दल ने इस मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखाया। सत्तापक्ष तो खैर ऐसे मामले पर लीपापोती का प्रयास सब जगह करता है, लेकिन विपक्ष ऐसे मुद्दे पर गंभीरता दिखाता है। लेकिन बिहार भाजपा से ऐसी गंभीरता देखने को नहीं मिला। तो क्या यही समझा जाए, बिना वोटबैंक के कोई राजनीतिक दल जघन्य अपराध पर भी संवेदनशीलता नहीं दिखाएगा।

अंत मे सोशल मिडिया के उन सेनानियों को बधाई दूंगा, जिनके अनवरत-अनथके प्रयास के कारण "नेंसी को न्याय" का मुद्दा राष्ट्रीय फलक पर छा चुका है। विवशता में ही सही प्रशासन अब इसे अनदेखा नहीं कर पायेगा और नेंसी को न्याय मिलकर रहेगा। बस इस लौ को अभी हमलोगों को प्रज्वलित रखना होगा।

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