साफ-सफाई के सर्वे में देश का सबसे गंदा रेलवे स्टेशन दरभंगा : जिम्मेदार कौन?
इस हेडिंग के साथ एक न्यूज, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मिडिया मे कल से सर्कुलेट हो रहा है। सर्वे कोई और नहीं रेलवे मंत्रालय ने कराया है, जिसमें विशाखापटनम नंबर एक और दरभंगा अंतिम पायदान पर है। हम दरभंगा वासियों के लिए ये खबर विचलित करनेवाला और शर्म से सर झुकनेवाला भी है।
अब यहाँ से कुछ सवाल खड़े होते हैं, दरभंगा क्यों सबसे गंदा स्टेशन है और विशाखापटनम क्यों सबसे साफ स्टेशन है? क्या रेलवे स्टेशन की साफ सफाई रखने की जिम्मेदारी दोनों जगह अलग-अलग अथॉरिटी की है? नहीं तो इतनी बड़ी खाई के लिए कौन जिम्मेदार है?
रेलवे मंत्रालय एक तरफ तो दरभंगा के साथ सौतेलापन भी दिखाता है, और उसे हीं सर्वे के माध्यम से नीचा दिखा रहा है। यदि दरभंगा को विशाखापटनम से ज्यादा फंड आवंटित हो रहा हो उसके बाद भी दरभंगा साफ सफाई में पिछड़ रहा हो तब तो गलती माना जा सकता है। लेकिन जब फंड ज्यादा आबंटित हो रहा है विशाखापटनम के लिए तो नंबर वन का स्टेशन दरभंगा कैसे बनेगा?
ये सबको पता है, यात्रियों से रेलवे को सबसे ज्यादा राजस्व बिहार-यूपी और असम-बंगाल से आता है, लेकिन उस अनुपात उसे सुविधा मुहैया नहीं कराया जा रहा है। जबकि दक्षिण-पश्चिम भारत को अनुपातिक रूप से ज्यादा फंड आबंटित होता है, तो वो नतीजा भी बेहतर दे रहा है।
इसलिए जो दोष दरभंगा के सर मढा जा रहा है उसका असल दोषी रेलवे मंत्रालय है और उसका दोषपूर्ण कार्यप्रणाली है। हम दरभंगा वासी नाहक बदनाम हो रहे हैं।
"ये तो वही हो गया, बच्चे को खाने को देंगे नहीं और कहेंगे बच्चे कुपोषित क्यों है?"
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