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मनमोहना बड़ा बेईमान रे। *************************

कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे नोट बंदी अभियान को स्कैम कहने वाले मनमोहन सिंह का एक बड़ा स्कैम था "ग्लोबल ट्रस्ट बैंक घोटाला" जिसे हमारे मीडिया ने ज्यादा तवज्जो नहीं दिया। उसका कारण भी था, मनमोहन सिंह ने नरसिम्हा राव के नेतृत्व मे जो आर्थिक उदारीकरण शुरू किया, उससे कंपनियां रातों रात नयी-नयी ऊंचाईयां छूने लगा। फिर ऐसे महानायक पर कौन धब्बा लगाना पसंद करेगा, इसलिए उदारीकरण के सारे बेनीफिशरी ने इतन बड़े घोटालों को एक दो न्यूज फ्लैश करने के बाद मखमली कालीन के निचे दबा दिया।

हुआ ऐसा मनमोहन सिंह जब नरसिंह राव मंत्रीमंडल मे बित्त मंत्री बना तो उसने ग्लोबल ट्रस्ट बैंक बनाने की मंजूरी दिया, जिसका चेयरमैन या बोर्ड का बड़ा अफसर इन्ही का रिश्तेदार बना। पब्लिक के पैसों से बना बैंक सारे रूल को ब्रेक करते हुए धन्ना सेठों को लोन बांट दिया। केतन पारेख घोटाला आपने सुना होगा, उसने इसी बैंक के साथ किया था। बैंक का पैसा शेयर बाजार मे लगाता था। बाजार क्रैश किया तो केतन भी डूबा और बैंक भी डूबा। बैंक ने ना जाने ऐसे कितनों फर्जी केतन को लोन डाला था, जिससे लोन रिकवर होना असंभव था और बैंक लगभग डूब गया। केस भी हुआ केस चला भी लेकिन देश के दुर्भाग्य से और मनमोहन सिंह के सौभाग्य से मनमोहन फिर प्रधानमंत्री बन गया और इसने इस घोटाले की कहानी को जड़ से गायब करने के लिए बचे-खुचे ग्लोबल ट्रस्ट बैंक को ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स मे विलय कर दिया। इसी के साथ इतने बड़े घोटाले भी पब्लिक के नजरों से गायब हो गया।

बेचारा लालू कुछ सौ करोड़ों में देश का सबसे बेईमान व्यक्ति बन गया और इतने सारे घोटालों के पिताश्री आज भी ईमानदार बन स्कैम पर प्रवचन बांच रहे हैं।
http://panchjanya.com/arch/2004/8/29/File26.htm

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