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अभी धारणाए बनाने-बनवाने का खेल मीडिया के माध्यम से ऐसे ही खेला जाएगा, दूर से बाप-बेटे के इस पोलिटिकल तमाशे का आनंद लिजीए।

मेरा इसमें रत्ती भर भी दिलचस्पी नहीं है की समाजवादी पार्टी का भविष्य क्या होगा? मुलायम अच्छा है या अखिलेश? मुझे इस प्लांटेड खबर मे भी दिलचस्पी नहीं है की अखिलेश एक अच्छा नेता है लेकिन शिवपाल और मुलायम ने उसे काम नहीं करने दिया।

मेरा दिलचस्पी अभी भी इसमें है की बाप-बेटे की बीच के लड़ाई का असल वजह क्या था? अभी तक मीडिया के माध्यम से जितने भी खबर बाहर आए है वे या तो प्लाटेड है या कयास भर है। वास्तविकता इससे बहुत ही उलट होगा।

आखिर वो कौन सा कारण है, जो बाप को अपने उत्तराधिकारी बेटे पर अविश्वास का कारण बना? क्या इस अविश्वास का कोई बड़ा आर्थिक पक्ष है जो बाप-बेटे के रिश्ते मे दरार डाला है? क्या अखिलेश ने बहुत मोटा माल अकेले मार लिया जो परिवार में फूट का कारण बना? आखिर सत्ता का अंतिम उद्देश्य तो ऐसे जातिवादी-परिवारवादी पार्टी का अपने वैभव में विस्तार करना ही होता है। मीडिया से ये पक्ष बिलकुल गायब है। अमर सिंह या अतिक अहमद के पार्टी मे शामिल होना आदि को झगड़े का कारण मानना बकवास के सिवा कुछ नहीं है।

अभी धारणाए बनाने-बनवाने का खेल मीडिया के माध्यम से ऐसे ही खेला जाएगा, दूर से बाप-बेटे के इस पोलिटिकल तमाशे का आनंद लिजीए।


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