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माँद से निकलकर भागे साँपों को काटने से पहले इसी तरह कुचल दीजीए ।

सांप यदि बिल से निकल कर बाहर आ जाए तो आप क्या करेंगे? उसके काटने का इंतज़ार करेंगे या आप उसे देखते ही मार देंगे?
स्वभाविक है साँप एक जहरीला प्राणी है, उसे आप अपने आसपास सहन नहीं कर सकते, पता नहीं कब आपको या आपके प्रियजन को डस ले। इसीलिए आप उसे देखते ही मार डालते हैं। यदि साँप ज्यादा बडा, ज्यादा जहरीला हो तो आप अपनी सुरक्षा के लिए कुछ और लोगों के सहयोग से उस विषधर को मार डालते हैं।
भोपाल के पुलिस ने भी ठीक ऐसा ही किया आपके तरह अपने नागरिकों के रक्षार्थ उन आतंकी-देशद्रोही को मार गिराया। इसमें कौन सी असामान्य घटना है? क्या वो पुलिस वाले ईंतजार करते, जब एक गोली आतंकवादी चलाता तभी ये दुसरी गोली चलाते। क्या वहाँ बैडमिन्टन का मैच खेला जा रहा था? पुलिस ने बिलकुल सही किया जो आन द स्पाट आतंकवादियों के साथ किया जाना चाहिए था।
पुलिस ने ये घटना किसी आम नागरिकों के साथ किया होता तब गलत था।लेकिन ये आठों एक प्रतिबंधित इस्लामिक टेरर औरगेनाइजेशन के सदस्य थे, जो अनेकों हत्या के आरोपों में जेल में बंद थे। पहले भी ये जेल की सुरक्षा को तोड़ कर भाग चुके थे और विभिन्न आतंकवादी घटना को अंजाम दे चुके थे। अब भी किसी बडी घटना को अंजाम देने के लिए जेल की सुरक्षा को तोड़ कर एक कांस्टेबल का हत्या करते हुए भागे थे।
ऐसे बडे आतंकवादी ग्रुप को मारकर भोपाल पुलिस ने आम नागरिकों पर आनेवाले विपदा को टाल दिया। हम सभी देशवासियों को एक स्वर मे मध्यप्रदेश पुलिस का उनके बहादुरी के लिए अभिनंदन करना चाहिए। अपने प्राणदाता का सम्मान कौन नहीं करना चाहेगा। खासकर उस कांस्टेबल का भी हमें सम्मान करना चाहिए, जो जेल से भागते हुए आतंकियों के हमले में शहीद हो गए।
इसके बाद भी यदि देश के कुछ बुद्धिराक्षस उन प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के मारे गए कुख्यात आतंकवादी के पीछे खडे हैं तो समझ लीजीए ये वो पेशेवर लोग है जो अन्यान्य श्रोतों से टेरर फंड पर ऐश करते हैं। इन लोगों का इतिहास बताता है कि, जब भी भी देश के सेना-पुलिस का सामना देशद्रोही-आतंकवादी के साथ होता है ये लोग हमेशा देशद्रोही-आतंकवादी के पक्ष मे खरे होते हैं।  
इसलिए हमें इन मुट्ठी भर भारे के टट्टूओं की परवाह ना करते हुए हमेशा की तरह अपने सेना-पुलिस के साथ चट्टान की तरह खरा रहना चाहिए। इनके हौसलों को बढाते रहना चाहिए, जिससे ये दोगुने उत्साह से इन सपोलों के फन को कुचलते रहें, जिससे देश का आम नागरिक सुरक्षित महसूस करता रहे।

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