इस मुगालता में मत रहिए, आप जो ये सफलता की सीढ़ी चढ़ रहे हैं, वो केवल आपके मेहनत का नतीजा है। ==========================================
मेहनत तो हम सभी करते है और आपसे कम नहीं करते है। फिर भी जिस तेजी से आप सफलता की सीढ़ी फलांगे मारते हुए चढ़ते जा रहे
है, हम लोग उससे कोसों दूर खड़े है। क्योंकि
ये सफलता केवल आपके मेहनत का नतीजा नहीं, आपके अच्छे समय का प्रतिफल भी है।
यानी आपका भाग्य अभी प्रबल है,
इसलिए आपके द्वारा किया गया कर्म आपके सफलता की गारंटी बन रहा है।
और ये सफलता का नशा जो है ना, वो सभी नशाओं से बढ़कर होता है। जब तक ये नशा आपको
रहेगा, तब तक भाग्य-वाग्य आपको एक अतिरेक मान्यता के आलावा और कुछ नहीं
लगेगा। इसका भान आपको तब होगा जब अच्छा समय आपसे मुंह मोड़ चूका होगा। तब आपको पता चलेगा आप वही है, उतने ही मेहनती है फिर अपेक्षाकृत
सफलता क्यों नहीं मिल रहा है।
इसका मतलब ये कहीं से नहीं है की बिना कर्म किए परिणाम आपको मिल
जाएगा। परिणाम के लिए तो कर्म करना ही पड़ेगा लेकिन कर्म के अनुपात में आपके हिस्से
कितना परिणाम आएगा ये आपके भाग्य से भी बंधा हुआ है। आप अपने ही घर
में देखिए, एक समान अवसर उपलब्ध होने के बावजूद भी आपका एक बच्चे का रिजल्ट
बहुत बढ़िया आ रहा है, लेकिन दूसरे का उसके अनुपात में वैसा नहीं आ रहा है।
आइए इसको अलग ढंग से देखते है, आपने तीन-चार कंपनियों में
इंटरव्यू दिया था और आपको सभी कंपनियों से ऑफर लेटर आ चूका है। लेकिन आप तो ज्वाइन
किसी एक ही कंपनी करेंगे। अब यहाँ आपके जिंदगी में भाग्य का रोल बहुत
बड़ा हो जाता है। आपको तो जो कर्म करना था आपने कर लिया अब आपसे आपका भाग्य कराएगा, वही निर्देशित
करेगा आप कौन से कंपनी का ऑफर स्वीकार करो। आप नहीं जानते की, आपके भविष्य के
लिए कौन सा कंपनी आपके लिए बेहतर है। इसलिए आपके भाग्यानुसार भाग्य आपको जिस कंपनी
के लिए निर्देशित करेगा वहां आप ज्वाईन करेंगे। और भाग्यानुसार ही आपको भविष्य में
इसका अच्छा या बुरा प्रतिफल मिलेगा।
आप गौर से देखिए, अपने साथ वाले 5 अपने से सफल व्यक्तियों को। आप
उनके कार्य, उनके श्रम, उनके बुद्धि को आप औसत से ज्यादा नहीं पाएंगे। फिर भी वो
सफलता की सीढ़ी पर जो छलांगे मार रहे है, उन्हें देखकर आप भी हतप्रभ रह
जाएंगे, ऐसा कैसे हो रहा है ? अजी उनका समय अभी अच्छा चल रहा है, इसलिए वे हर निर्णय पॉजिटिव ले रहे है और सफलता की सीढ़ी चढ़ते जा रहे है।
इसलिए अपने सफलता पर ज्यादा इतराईये मत, आपके सफलता में
जितना योगदान आपके श्रम और बुद्धि का है उससे ज्यादा योगदान आपके अच्छे
दिनों का है।
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