"रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे।"
"रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे।"
ये एक महज नारा नहीं, हमारे-आपके जैसे असंख्य रामभक्तों का संकल्प था।
विधि ने इस संकल्प को पूरा करने का दायित्व हमारे यसस्वी और संकल्पवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के हाथों सुनिश्चित कर रखा था।
आज 5 अगस्त 2020 को वो शुभ घड़ी आ गया जब 500 वर्षों के अनवरत संघर्ष के बाद रामजी के मंदिर के स्थापना का आधारशिला मोदीजी के हाथों रखा गया।
हम हिंदुओं के जीवन का सबसे बड़ा आह्वलादकारी दिन है आज जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है, केवल महसूस किया जा सकता है।
जय जय सियाराम।
No comments: