Header Ads

Breaking News
recent

बिहार में बाढ कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, राज्य को बर्बाद करने की शाजिश है।

बाढ, बांध और रिलीफ के दुश्चक्र में फंसा उत्तर बिहार का कोई खेवनहार आजतक नहीं हुआ। आजादी के सत्तर साल बाद भी बाढ पर कोई सुनियोजित परिणामकारी प्लान शासक नहीं बना सका। कितने सरकार आए गए, परंतु समस्या जस की तस है।

या तो सरकारों के पास दूरदृष्टि का अभाव है, या उत्तर बिहार को पिछड़ेपन के गर्त में डूबो कर रखने की शाजिश जिससे सस्ते मजदूर देश को मिलता रहे।

कहते हैं ना ज्यों ज्यों ज्यादा इलाज कराता गया, मर्ज बढता गया। वही हाल हमारे बाढ प्रदेश का हो गया है। बाढ से बचाव के लिए साल दर साल जितना ज्यादा बांध बनता चला गया, उतना हींं ज्यादा प्रदेश डूबता चला गया।

बाढ से पहले खेत- पथार डूबा, फिर सड़क-बांध, फिर बाड़ी-झाड़ी, अब तो आंगन में भी बाढ़ का पानी आ गया।

जी हाँ ये हमारे गांव (#बलनी) के बाढ का पीड़ादायी दृश्य है।

#बाढ_बाँध_राहत

No comments:

Powered by Blogger.