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क्या जस्टिस लोया के संदिग्ध मौत की जांच की मांग करनेवाले, कभी संजय गांधी से लेकर राजीव गांधी तक के संदिग्ध मौत में सोनिया गांधी की भूमिका की जाँच की मांग करेंगे?

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उस हत्याकांड की जांच के लिए न्यायाधीश ठक्कर के अगुवाई में एक जाँच आयोग का गठन किया गया था।

ठक्कर आयोग ने अपनी जाँच में इंदिरा गांधी की हत्या में सोनिया गाँधी की भूमिका को संदेहास्पद पाया था, जिसका जिक्र उसने रिपोर्ट में भी किया था। बस फिर क्या था सरकार ने ठक्कर आयोग की रिपोर्ट को संसद तक में पेश नहीं किया। आज तक वो रिपोर्ट धूल फांक रहा है किसी सरकार में ये हिम्मत नहीं हुआ कि ठक्कर आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर सके।

सोच सकते हैं हमारे सिस्टम पर सोनिया गांधी का कितना आतंक है।

उस समय इंडियन एक्सप्रेस-जनसत्ता ने उस रिपोर्ट के इस अंश को छापा था तथा राम जेठमलानी और पीएन लेखी जैसे बड़े वकील ने बाहर बोलने का साहस दिखाया था। परंतु गांधी परिवार के डर से किसी राजनीतिक दल ने इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया।

अभी भी भले हीं राजशक्ति मोदी के हाथ में हो, लेकिन एक अदृश्य वैश्विक ताकत है जो गांधी परिवार को संरक्षण प्रदान कर रहा है। किसी सरकार में हिम्मत नहीं, गांधी परिवार को व्यक्तिगत नुकसान पहुंचा सके। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं सोनिया गांधी जो लोग एक खास उद्देश्य से भारत में स्थापित किया और वही उसे आज भी संरक्षण दे रहा है।

क्या जस्टिस लोया के संदिग्ध मौत की जांच की मांग करनेवाले, कभी संजय गांधी से लेकर राजीव गांधी के संदिग्ध मौत में सोनिया गांधी की भूमिका की जाँच की मांग करेंगे?


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