चरित्रहनन के लिए रवीश कुमार के पास भी एक भीड़ है, प्रशिक्षित ट्रोल टीम है।
मोदी हो या सुशांत सिन्हा सबके चरित्रहनन के लिए रवीश कुमार के पास भी एक भीड़ है, प्रशिक्षित ट्रोल टीम है, चरणामृत लेनेवाला पत्रकारों का एक समूह है, तो हिंदुत्व से नफरत करने वामपंथी प्रोफेसरों का एक वर्ग भी है।
हमें नहीं लगता है रवीश कुमार अपने कथित करोड़ों की सेलरी में से अपने ट्रोलों का खर्चा पूरा कर पाता होगा। तो क्या कोई एनडीटीवी या कोई चिदम्बरम या कोई कांग्रेस पार्टी ट्रोलिंग के लिए रवीश कुमार को भूगतान करता है?
हम सबने देखा है 2002 से रवीश कुमार और उसका प्रशिक्षित गैंग मोदी को ट्रोल करते आया है। अभी भी रवीश कुमार कभी पत्र के माध्यम से तो कभी ब्लॉग के माध्यम से तो कभी ट्विटर/फेसबुक के माध्यम से ट्रोलिंग करता है। और उसके प्रशिक्षित ट्रोल टीम उसे वायरल करता है।
रवीश कुमार के हीं पूर्व सहयोगी सुशांत सिन्हा जो रवीश के चरित्र उसके नस-नस को पहचानता है, ने एक जवाबी पत्र से रवीश की मंशा, उसके छुपे हुए एजेंडा, उसके मानसिक अवस्था आदि को पूरे तथ्य और तर्क के साथ उजागर कर दिया।
अब रवीश के ट्रोल टीम ने सामुहीक रूप से सुशांत पर हमला कर दिया है, उसका चरित्र हनन किया जा रहा है, उसे भद्दी भद्दी गालियां दिया जा रहा है। कोई उसे दलाल कह रहा है, कोई उसे दोगला कह रहा है, कोई उसे मनोरोगी कह रहा है, कोई उसके परवरिश पर सवाल उठा रहा है तो कोई उसके माँ-बहन को गाली दे रहा है। आश्चर्य लगेगा आपको इस ट्रोलींग में एनडीटीवी के कई पत्रकार, रवीश के साथ प्राईम टाईम में बैठने वाले उनके खास, वामपंथी प्रोफेसर, वामपंथी पत्रकार, कांग्रेसी पैसे पर न्यूज वेवसाइट चलाने वाले संपादक/पत्रकार आदि शामिल है।
यानी रवीश कुमार जिस ट्रोलिंग का विरोध सार्वजनिक रूप से करता रहा है, आज उसी रवीश कुमार का गिरोह सुशांत के साथ भद्दा ट्रोल कर रहा है।
ये ट्रोल कितना खूंखार है इसका एक वानगी आप कामरेड अभिषेक श्रीवास्तव के वाल पर देख सकते हैं जहां उसके वामपंथी वेबसाइट मिडिया विजील पर केवल सुशांत के पत्र छाप देने के कारन उसका भी ट्रोल हो रहा है।
इसका सबसे आश्चर्यजनक पहलू, इस गंदे ट्रोल पर रवीश कुमार की चुप्पी है।
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