🌸यज्ञ वेदी - कुम्भलगढ़ दुर्ग🌸
🌸यज्ञ वेदी - कुम्भलगढ़ दुर्ग🌸
यह एक यज्ञ मण्डप है, कुम्भलगढ़ दुर्ग में महाराणा कुम्भा द्वारा बनवाई गई यज्ञ वेदी। इस दुर्ग की प्रतिष्ठा का यज्ञ इस वेदी में किया गया था। इसका निर्माण महाराणा कुम्भा ने दुर्ग के साथ ही करवाया था। यह दुर्ग के भीतर बनी दर्शनीय भवनों में से एक है।
कुम्भलगढ़ दुर्ग में प्रवेश करते ही दाईं तरफ ऊँची जगती पर दो मंजिला मंदिरनुमा सरंचना बनी हुई है, जो प्रथम दृष्टव्य मंदिर ही प्रतीत होता है किंतु ये विशालकाय संरचना एक यज्ञ वेदी है। जिसका निर्माण महाराणा कुम्भा ने अपने वास्तुशास्त्री मंडन की देखरेख में शास्त्रोक्त रीति से करवाया था और यहीं कुम्भलगढ़ दुर्ग की प्रतिष्ठा का यज्ञ सम्पन्न हुआ था। बाद में महाराणा फतेहसिंह जी ने इसके चारों तरफ चुनाई करवा कर इसे प्रासाद के स्वरुप में बदल दिया, जिससे इसका मूल स्वरुप बदल गया।
इतनी विशालकाय वेदी संभवतः भारतवर्ष में किसी अन्य दुर्ग में नहीं है। वेदी के ऊपर गुम्बद बना है तथा नीचे चारों तरफ खुला भाग है जो धुंआ निकलने के लिए बनाया गया है। वेदी में प्रवेश हेतु चारों तरफ से प्रवेश मार्ग है तथा वेदी की छत कई स्तम्भों पर अवलम्बित है।
(सपना सिंह के फेसबुक वॉल से साभार)
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