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क्या पालघर में साधुओं की हत्या सुनियोजित था?

पालघर में साधुओं की हत्या सुनियोजित था, अफवाह तो सुनियोजित हत्या पर केवल पर्दादारी है।

आज हमारे कालोनी में करीब 10 लोग आपस में किसी बात पर लाठी डंडे से लड़ाई कर रहा था। तभी एक पुलिसकर्मी बाईक से गुजर रहा था उस भीड़ में से दो को दो लठ लगाया सभी झगड़े छोड़कर भाग खड़े हुए। पुलिस के डंडे में ये दम होता है।

अब पालघर में देखिए, 5 पुलिसवाले वहां पहले से थे, फिर बाद में 10-12 पुलिसवाले साधू हत्या से पहले पहुंच गए थे। यानी 15-20 पुलिसवाले वहां पर थे। यदि इनमें से 5 पुलिसवाले भी 10 लोगों को दो-दो डंडे लगाते तो मनोवैज्ञानिक रूप से भीड़ वहां से भाग खड़े होते ।

पालघर में ना पुलिसवाले ने डंडा चलाया, ना वहां से भीड़ भागा। परिणाम निरपराध निःसहाय साधू मारा गया। कौन कहेगा साधुओं की यह हत्या सुनियोजित नहीं था?

सच कहें तो ये स्टेट स्पांसर्ड मर्डर है, जिसका जिम्मेदार ठाकरे, पवार और सोनिया गांधी तीनों है। महाराष्ट्र में आज सत्ता में यही तीनों हैं तो भी इन्हीं तीनों की हैँ।  इसलिए पालघर साधू हत्याकांड की जांच सीबीआई से होना चाहिए ना कि संदेहास्पद गुनाहगारों द्वारा गठित टीम से।

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